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भ्रष्टाचार पर कविता – Poem on Corruption in Hindi

भ्रष्टाचार पर कविता/भ्रष्टाचार की कविता/Poem on corruption/poem on corruption in Hindi/Corruption Kavita…

Poem on Corruption in Hindi
Poem on Corruption in Hindi

Poem on Corruption in Hindi – दोस्तों ! जैसा कि हम सब जानते हैं किसी संदेश को समाज तक पहुंचाना है तो सोशल मिडिया इसका सबसे सही माध्यम हैं। तो मैं इसी के जरिए यहाँ भ्रष्टाचार मुक्त भारत की भावना से ओतप्रोत एक कविता शेयर कर रही हूँ। यह कविता भ्रष्टाचार के विरुद्ध आह्वान के लिए आपको बहुत प्रोत्साहित करेगा।

बड़े खेद के साथ स्वीकार करना पड़ता है कि भारत में भ्रष्टाचार न सिर्फ बहुत बड़े पैमाने पर व्याप्त है बल्कि यह सुव्यवस्थित, प्रणालीबद्ध नियोजित एवं स्वैच्छिक बनकर रिश्वतखोरों एवं रिश्वत देने वाले दोनों ही पक्षों को फायदा पहुँचाने वाली व्यवस्था का रूप ग्रहण कर चुका है। या यूँ कहें कि यह हमारी व्यवस्था में इस प्रकार समाहित हो चुका है कि आज इसे दूर करना हमारी सरकार के लिए लोहे के चने चबाने जैसा हो गया है।

आज हमारे देश में भ्रष्टाचार के जितने रूप व्याप्त है दुनिया के शायद ही किसी अन्य देशों में मिलता हो। हम सब के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है। यदपि इसके लिए केंद्रीय स्तर पर राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन नितांत आवश्यक है। लेकिन बस ये सोच लेना कि इसका निदान केवल प्रशासनिक स्तर पर हो जाये, तो ये कदाचित संभव नहीं है। बुनियादी रूप से हर किसी को समझ लेना चाहिए कि भ्रष्टाचार को रोकने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी आम लोगों और समाज पर ही है। वास्तव में इस दानव का समूल विनाश सभी के सामूहिक प्रयास के द्वारा ही संभव है।  

चुकीं यह किसी व्यक्ति विशेष या समाज की नहीं अपितु संपूर्ण समाज की समस्या है। इसलिए इसे एक नैतिक जिम्मेदारी समझकर आम लोगों को ही भ्रष्टाचार के भूत को भगाने के लिए आगे आना होगा। मेरा ऐसा मानना है कि व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास से ही देश भ्रष्टाचार के अभिशाप से मुक्त हो सकता है। निम्नलिखित कविता में आप देख सकते है कि कवि ने अभिशाप मुक्त देश की व्यापकता को कितना बखूबी दर्शाया है –

भ्रष्टाचार पर कविता 

स्विस बैंकों से काला धन लाकर जनहित में लगाया जाएगा,

अगर! भ्रष्टाचार मुक्त भारत बन जाएगा,

हर पैदा होने वाला बालक जो रूपये का ऋण सिर पर लेकर जन्म लेता है,

उस पर चढ़ा सारा विदेशी ऋण खतम हो जाएगा,

अगर! भ्रष्टाचार मुक्त भारत बन जाएगा।

हर गाँव सड़क से जुड़ जाएगा;

हर गाँव सड़क से जुड़ जाएगा

जो समृद्धि अंतिम आदमी तक पहुँचाएगा,

अगर! भ्रष्टाचार मुक्त भारत बन जाएगा।

बेरोजगारी के अभिशाप से युवा मुक्त हो जाएगा,

अगर! भ्रष्टाचार मुक्त भारत बन जाएगा।

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भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध
भ्रष्टाचार पर स्लोगन

आशा करती हूँ कि ये ‘Corruption Poem In Hindiछोटे और बड़े सभी लोगों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। गर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसमें निरंतरता बनाये रखने में आप का सहयोग एवं उत्साहवर्धन अत्यंत आवश्यक है। अत: आशा है कि आप हमारे इस प्रयास में सहयोगी होंगे साथ ही अपनी प्रतिक्रियाओं और सुझाओं से हमें अवगत अवश्य करायेंगे ताकि आपके बहुमूल्य सुझाओं के आधार पर इस कविता को और अधिक सारगर्भित और उपयोगी बनाया जा सके।

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Babita Singh
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