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बाल दिवस पर भाषण – Children’s Day Speech In Hindi

बाल दिवस पर भाषण – Children’s Day Speech In Hindi

Children's Day Speech In Hindi - Bhashan
Children’s Day Speech In Hindi – Bhashan

Children’s Day Speech In Hindi – इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी नौनिहालों को मेरा प्यार एवं बड़ों को सादर नमस्कार। जैसा कि नाम से पता चल रहा है, ‘बाल दिवस’ बच्चों से संबंधित पर्व है। चूंकि बच्चे किसी भी देश के सर्वोच्च संपत्ति हैं। वे संभावित मानव संसाधन है। बच्चों का भविष्य ही देश का भविष्य है। अत: बच्चों को अपना बचपन जीने, खेलों में आगे बढ़ने, शिक्षित होने और प्रकृति के करीब जाने का पूर्ण अवसर मिलना चाहिए।

पर अफ़सोस अज्ञानता और अशिक्षा के कारण बहुतों का ध्यान बच्चों के विकास की ओर नहीं जाता है, जिससे अभी भी बहुत से बच्चे स्कूलों से दूर है और बाल मजदूर हैं। वे स्वयं के लिए ये मांग नहीं उठा सकते। ऐसे में इसे ध्यान में रखते हुए 27 मई, 1964 को पं. जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु होने के बाद इनकी स्मृति में इनके जन्म दिवस यानि 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई। 

क्या सोच रहे हो, यही न कि पण्डित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिन को बाल दिवस के रूप में क्यों मनाते हैं ? तो बच्चों आपको जानकर अत्यंत हर्ष होगा कि नेहरू जी को नन्हें, मुन्ने बाल – गोपाल अति प्रिय थे। वे बालको के साथ खेलते थे, उनका मन बहलाते थे, गरीब असहाय बालकों की मदद करते थे

बच्चे भी चाचा – चाचा करके उनसे मिलने को उत्सुक रहते, और उन्हें ‘चाचा नेहरू’ कहकर पुकारते थे एवं इस तरह वे ‘चाचा नेहरू’ के नाम से विश्व – विख्यात हो गये और इसी वजह से पंडित नेहरू को आदर और सम्मान देने के लिए उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को पं. नेहरू ने ही जागरूक किया था। चाचा नेहरू का कहना था कि बच्चे ही देश के कर्णधार हैं। सही तथा उत्तम शिक्षा देने से न केवल बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा बल्कि देश भी प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।

स्कूल वह संस्थान है जहाँ बच्चों के चरित्र से लेकर भविष्य तक का निर्माण होता है। इसीलिए उन्हें विद्यार्थी काल से ही अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना सिखाना चाहिए ताकि प्रतिस्पर्धा के इस युग में वे प्रत्येक चुनौती का सामना कर सकें। 

नेहरू जी प्रत्येक बच्चे में देश का भविष्य देखते थे और उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करवाना चाहते थेवे कहते थे कि

“मैं हैरत में पड़ जाता हूँ जब देखता हूँ कि लोग किसी राष्ट्र का भविष्य जानने के लिए वहाँ के शहरों को देखते हैं, लेकिन जब मुझें हिंदुस्तान का भविष्य देखने की इच्छा होती है तो मैं केवल बच्चों की आँखों और उनके चेहरों को देखने की कोशिश करता हूँ क्योंकि वही मुझे आने वाले हिंदुस्तान की तस्वीर नजर आती है

भले ही 27 मई 1964 को भारतवासियों ने अपने प्यारे प्रधनमंत्री और बच्चों ने प्रिय चाचा नेहरू को खो दिया लेकिन आज भी हमारे बीच उनकी शिक्षाएँ, आदर्श, सिद्धांत और बच्चों के लिए उनका प्यार बाल दिवस के रूप में मौजूद है। 

बाल दिवस 1956 से चाचा नेहरू के जन्म दिवस के दिन मनाया जा रहा है और यह दिन पूरी तरह बच्चों को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन होता है इसलिए इस दिन पूरे देश में खासतौर पर स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों के द्वारा अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। 

आयोजनों में नेहरू जी के प्रति श्रद्धाजलि अर्पित करके उनकी शिक्षाओं, आदर्शों तथा सिद्धातों को याद किया जाता है। बच्चों को निबंध प्रतियोगिता चाचा नेहरु के नारे व भाषण द्वारा ज्ञान प्राप्त कराया जाता है। 

बच्चे देश के कर्णधार होते है। उन्हें परिमार्जित और परिष्कृति एक बेहतर इन्सान बनाना हर जन का कर्तव्य होता है। बाल दिवस द्वारा लोगों को जागरूक किया जाता है कि वे बच्चे के महत्व को समझे और उन्हें फलने – फूलने का एक अच्छा माहौल दे। 

हम सभी के लिए यह प्रसन्नता की बात है कि बदलते वक्त के साथ आज भी महान शख्सियत चाचा नेहरू की वजह से उनके जन्मदिन के रूप में बाल दिवस के अवसर पर हमें बच्चे के महत्व को समझने का मौका मिला। सधन्यवाद!

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Babita Singh
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