कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतु र्भूर्मा ते संगोस्त्वकर्मणि ।
आप श्रीकृष्ण के जीवन को अपना आदर्श बनाकर, उसके अनुसार आचरण करके उस पथ के पथिक बन सकें, यही हार्दिक शुभकामना
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कृष्णा जिसका नाम है,
गोकुल जिसका धाम है,
ऐसे भगवन को हम सब का प्रणाम है।
आप सभी को भगवान “श्री कृष्ण जन्मोत्सव” व “श्री कृष्ण जन्माष्टमी” की हार्दिक शुभकामनायें। “जय श्री कृष्णा” “जय श्री राधे”

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी ,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ,
एक मात स्वामी सखा हमारे ,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।
जन्माष्टमी के इस अवसर पर, हम ये कामना करते हैं कि श्री कृष्ण की कृपा आप पर, और आपके पूरे परिवार पर हमेशा बनी रहे। शुभ जन्मआष्टमी!
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माखन -चोर नन्द -किशोर , बाँधी जिसने प्रीत की डोर ,
हरे कृष्णा हरे मुरारी , पूजती जिन्हें दुनिया सारी ,
आओ उनके गुण गायें , सब मिलके जन्माष्टमी मनाएँ
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
श्रीकृष्ण की कृपा आप पर और आपके पूरे परिवार पर सदा बनी रहे । शुभ जन्मआष्टमी!

आओ मिलकर सजाये नन्दलाल को,
आओ मिलकर करें उनका गुणगान!
जो सबको राह दिखाते हैं,
और सबकी बिगड़ी बनाते हैं!
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के पावन पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।
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मुरलीधर जिसका नाम गोकुल जिसका धाम,
ऐसे श्री गोपाला को हम सब करें प्रणाम।

माखन का कटोरा मिश्री का थाल,
मिटटी की खुशबु बारिश की फुहार,
राधा की उम्मीदें कन्हैया का प्यार,
मुबारक हो जन्माष्टमी का त्यौहार
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चंदन की खुशबू को रेशम का हार,
सावन की सुगंध और बारिश की फुहार,
राधा की उम्मीद को कन्हैया का प्यार,
मुबारक हो आपको जन्माष्टमी का त्योहार।
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इस जन्माष्टमी पर श्री कृष्णा आपके घर आये
और माखन मिश्री के साथ सारे दुःख और कष्ट भी ले जाए
शुभ जन्मआष्टमी!

जो है माखन चोर, जो है मुरली वाला,
वही है हम सबके दुःख दूर करने वाला।।
शुभ जन्मआष्टमी!
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जो सबको राह दिखाते और सबकी बिगड़ी बनाते हैं,
हम तो ऐसे कृष्ण-कन्हैया का गुणगान गाते हैं।
कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

विश्व को मोहमई महिमा के असंख्य स्वरुप दिखा गया कान्हा
सारथी तो कभी प्रेमी बना, तो कभी गुरु-धर्म निभा गया कान्हा
रूप विराट धरा तो, धरा तो धरा हर लोक पे छा गया कान्हा
रूप किया लघु तो इतना के यशोदा की गोद में आ गया कान्हा
***
चोरी छुपे चढ़ बैठा अटारी पे, चोरी से माखन खा गया कान्हा
गोपियों के कभी चीर चुराए, कभी मटकी चटका गया कान्हा
घाघ था घोर, बड़ा चितचोर था, चोरी में नाम कमा गया कान्हा
मीरा के नैन की रैन की नींद औ’ राधा का चैन चुरा गया कान्हा
***
राधा ने त्याग का पंथ बुहारा, तो पंथ पे फूल बिछा गया कान्हा
राधा ने प्रेम की आन निभाई, तो आन का मान बढ़ा गया कान्हा
कान्हा के तेज को भा गई राधा तो राधा के रूप को भा गया कान्हा
कान्हा को कान्हा बना गई राधा तो राधा को राधा बना गया कान्हा
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