Poem on तिरंगा: Poem on Our National Flag in Hindi – Tiranga ‘Jhanda’ Par Kavita, Poem Hindi Me

दोस्तों! भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारी आन, बान और शान है। यह हमें देश के लिए जीने और मर-मिटने की प्रेरणा देता है। इसी तिरंगे की खातिर अनेक देशभक्तों ने हंसते-हंसते अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इसी तिरंगे की खातिर देश की सरहदों पर डटे जवान अपनी जान से खेल जाते हैं, परन्तु इसकी शान को जरा भी आंच नहीं आने देते। हर घर की मुंडेर पर फहराता तिरंगा हर देशवासियों को हमारे शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के अनुपम बलिदानों का स्मरण करवाता है। हलांकि सबके मन में राष्ट्रीय झंडे के लिए प्रेम आदर और निष्ठा की आवश्यकता अभी भी बनी हुई है।
यहाँ स्वतंत्रता दिवस के समय तिरंगें पर लिखी कुछ ऐसी ही कविताएँ उपलब्ध करा रही हूँ जिसने स्वतंत्रता सेनानियों के हृदय में नवीन स्फूर्ति, नवीन आशा, उत्साह तथा देश-भक्ति का संचार करती थी और जो आज भी प्रासंगिक है। इसका इस्तेमाल आप तिरंगे के प्रति प्रेम, आदर और निष्ठा की भावना से ओतप्रोत एवं प्रोत्साहित होने के लिए सकते है। उम्मीद हैं आप इससे जरुर प्रेरित होंगे।
हमारी पहली कविता है “विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा” जो की एक सुविख्यात झण्डा गीत है। इस झण्डा गीत को 1938 के कांग्रेस अधिवेशन में स्वीकार किया गया था। इस गीत की रचना करने वाले श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’ कानपुर में नरवल के रहने वाले थे। उनका जन्म 16 सितंबर 1893 को वैश्य परिवार में हुआ था।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा।
सदा शक्ति सरसाने वाला
प्रेम-सुधा बरसाने वाला
वीरों को हरसाने वाला
मातृभूमि का तन-मन सारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 1।
लाल रंग बजरंगबली का
हरा अहल इस्लाम अली का
श्वेत सभी धर्मों का टीका
एक हुआ रंग न्यारा-न्यारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 2।
है चरखे का चित्र सँवारा
मानो चक्र सुदर्शन प्यारा
हरे रंग का संकट सारा
है यह सच्चा भाव हमारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 3।
स्वतन्त्रता के भीषण रण में
लखकर बढ़े जोश क्षण-क्षण में
काँपे शत्रु देखकर मन में
मिट जाये भय संकट सारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 4।
इस झण्डे के नीचे निर्भय
लें स्वराज्य हम अविचल निश्चय
बोलो भारत माता की जय
स्वतन्त्रता हो ध्येय हमारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 5।
आओ प्यारे वीरो आओ
देश-धर्म पर बलि-बलि जाओ
एक साथ सब मिल कर गाओ
प्यारा भारत देश हमारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 6।
शान न इसकी जाने पाये
चाहें जान भले ही जाये
विश्व विजय कर के दिखलायें
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा,
झण्डा ऊँचा रहे हमारा। 7।
2
ले धानी रूप धरती का,
सुख सम्पन्नता दिखलाता है।
त्याग का रंग है केसरिया,
जो देना सिखलाता है।
पवित्रता का श्वेत रंग है,
जो पारदर्शिता सिखलाता है।
चक्र जीवन की, गति सा है,
जो नित बढ़ना सिखलाता है।
यह झंडा है, तिरंगा है,
हिमालय है, और गंगा है।
धड़कते दिल धड़कन है,
सभी की जाँ तिरंगा।
मेरा ईमान तिरंगा है,
मेरी पहचान तिरंगा है।
मेरे प्राणों से भी पहले,
मुझे प्यारा तिरंगा है।
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