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नैतिक शिक्षा की कहानियाँ – New Moral Stories in Hindi

नैतिक शिक्षा की कहानियाँ – New Moral Stories in Hindi

New Moral Stories in Hindi - Naitik Kahani
New Moral Stories in Hindi

New Moral Stories in Hindi – नमस्कार! दोस्तों अधिकांश लोग अपना घर बनवाते समय यही सोचते है कि उसकी नींव खूब मजबूत हो। और उतनी ही लंबी उम्र उस घर की भी हो। इसके लिए वे अच्छे से अच्छे सामान का इस्तेमाल भी करते है। लेकिन यह बात लोग अक्सर अपने बच्चो के संदर्भ में भूल जाते हैं। आखिर बच्चे की नीव को मजबूत रखना भी तो माता – पिता की ही जिम्मेदारी है। बचपन बच्चों के जीवन की नींव है, इस नीव पर ही उसका भावी जीवन निर्भर है।

कहानी का बालक के जीवन से गहरा संबंध होता है। बच्चों के नींव को मजबूत बनाने में, उनका भावनात्मक विकास करने में कहानियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। स्कूल की पढ़ाई से बच्चों का बौद्धिक विकास तो होता है, किंतु भावनात्मक विकास के लिए माता-पिता के प्यार और दुलार के साथ-साथ बच्चो के लिए कहानियां भी उतनी ही जरूरी है। इसे बच्चों को अच्छी सीख देने की एक मनोवैज्ञानिक पद्धति कही जा सकती है, जिसका इस्तेमाल वैदिक काल से होता आ रहा है।

कहानी का शीर्षक गर रोचक तथा उत्सुकता बढ़ानेवाला हो तो बच्चे ज्यादा दिलचस्पी से सुनते है। और गर कहानी में नयापन हो तो फिर मानों सोने पर सुहागा। आमतौर पर नयापन अच्छे नैतिक मूल्यों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यहाँ उपलब्ध नई नैतिक कहानियाँ भी बेहद रोचक, उत्सुकता बढ़ाने वाली व बौद्धिक और नैतिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली है। तो चलिए आज से ही बच्चों को ये नैतिक कहानियाँ पढाए या सुनाए और उनका सर्वांगीण विकास करें।

सत्य बोलने से लाभ हिंदी कहानी

यह कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है। अमेरिका के एक किसान का लड़का जिसका नाम जॉन था। वह जब छोटा था, तब एक दिन उसके पिता ने उसे एक कुल्हाड़ी उपहार स्वरूप दी। उसने उस कुल्हाड़ी को अपनी बगीचे के पेड़ों पर ही आजमाना शुरू कर दिया। इस खेल में एक दिन उसने फल के उस पेड़ को काट दिया जिसे उसके पिता ने बड़ी कठिनता से प्राप्त कर लगाया था।

एक दिन चहलकदमी करते हुए जॉन के पिता की नजर बगीचे के उस कटे फल के पेड़ पर भी पड़ी, तो उन्हें बहुत दुःख हुआ। और उस पेड़ को किसने काटा ये पता लगाने के लिए उन्होंने सभी मालियों से पूछताछ की, लेकिन किसी ने भी अपराध स्वीकार नहीं किया। फिर वे दुखी मन से घर लौट आये और आकर उन्होंने जॉन से पूछा। जॉन बगीचे के वृक्ष को तो तुमने काटा है ?

जॉन ने कहा – “हाँ पिताजी, मैं पेड़ों पर अपनी कुल्हाड़ी चला-चलाकर यह आजमा रहा था कि मुझसे पेड़ कटते है कि नहीं। उस पेड़ पर भी मैंने ही कुल्हाड़ी मारी थी और वह उसी से कट गया था।

जॉन के मुंह से सच सुनकर “पिता ने कहा- ‘बेटा! तुझे इस काम के लिए तो मैंने कुल्हाड़ी नहीं दी थी, परन्तु सच्ची बात बताने पर मैं बहुत प्रसन्न हुआ। इससे मैं तुम्हारा अपराध क्षमा करता हूँ। तुम्हारी सच्चाई देखकर मुझे बड़ी ही प्रसन्नता हुई।’

दो मित्र (New & Short Moral Stories For Kids in Hindi)

एक गांव में दो मित्र रहते थे। दोनों में बड़ी गहरी मित्रता थी। एक बार व्यापार के सिलसिले में वे दोनों शहर को गए। रास्ते में उन्हें एक बड़ा घना और भयानक जंगल मिला। जंगल में किसी अनहोनी की आशंका को भापते हुए उन्होंने मुसीबत के वक्त एक-दूसरे का साथ देने तथा मदद करने का वचन दिया और आगे बढ़ चले।

लंबी दूरी होने के कारण चलते – चलते वे काफी थक गए थे। और धुप भी काफी तेज थी। अत: दोनों ने एक वृक्ष की छाव में कुछ देर विश्राम करना तय किया। हुआ ये कि जैसे ही वे विश्राम करने के लिए वृक्ष के नीचे लेटे उनमें से एक मित्र को गहरी आँख लग गई लेकिन दूसरा मित्र अभी भी जगा था। और तभी उसे सामने से एक रीछ आता हुआ नज़र आया और वह डर के मारे पेड़ पर चढ़ गया।

मित्र के वृक्ष पर चढ़ने की आवाज सुनकर दूसरे मित्र की भी नींद खुल गई पर जब तक वह कुछ कर पाता रीछ उसके बहुत नजदीक आ चुका था। तभी उसके दिमाग में एक युक्ति सूझी और वह मृत व्यक्ति की भांति साँसे रोकर कर जमीन पर लेटा रहा क्योंकि उसने ऐसा सुन रखा था कि रीछ मृत व्यक्ति को कभी नहीं खाता। रीछ आया और उसके शरीर को सूंघा. लेकिन शरीर में कोई हरकत होता न देख वह वह से चला गया।

रीछ के जाने के बाद दूसरा मित्र वृक्ष से नीचे उतरा और बोला, “यार रीछ ने तुम्हारे कान में क्या कहा?” पहले मित्र ने कहा, “भाई! क्या बताऊँ! रीछ ने कहा, ऐसे मित्रों से हमेशा दूर रहो जो स्वार्थी हों और समय आने पर मित्रों की सहायता न करें।” यह सुनकर दूसरा मित्र बहुत लज्जित हुआ। और उसने अपने मित्र से क्षमा मांगते हुए ये वचन दिया कि आगे से दुबारा कभी ऐसा नहीं करेगा। और तो और अब वह मुसीबत में पड़े हर इंसान की मदद करने से पीछे नहीं हटेगा।

समझदार गधे की कहानी (New Hindi Story For Kids)

एक धोबी था। उसने अपने घर पर दो जानवर पाल रखे थे एक कुत्ता तथा दूसरा गधा। कुत्ता धोबी के घर का तथा उसके कपड़ों की रखवाली करता था और गधा कपड़े ढ़ोने का काम करता था। पर पता नहीं क्यूँ धोबी कुत्ते से तो बहुत प्यार करता था और उसे खाने के लिए भरपेट खाना भी देता था लेकिन गधे से न तो वह प्यार करता था और न ही उसे भरपेट खाना देता था। और इसलिए गधा इधर – उधर चरकर किसी तरह अपना पेट भरता था।

एक रात धोबी अपने घर में गहरी नींद सो रहा था। तभी कुछ चोर उसके घर में घुस आये। कुत्ते ने चोरों को घर में घुसते हुए देख लिया और गधे से बोला आज तो मजा ही आ जाएगा, जरा उधर तो देखों ! घर में चोर घुस रहे है।

गधे ने अपने साथी कुत्ते की बात सुनकर बोला अरे यार! फिर तुम भौकते क्यों नहीं ? तब कुत्ते ने कहा! यार देखते नहीं की हमारा स्वामी हमसे कितना काम करवाता है। यही अच्छा मौका है उससे बदला लेना का.

गधे के बार – बार कहने के बावजूद भी कुत्ता जब नहीं भौका तो गधा खुद ही ‘ढेंचू – ढेंचू’ करने लगा और जिससे धोबी की नींद खुल गई। लेकिन धोबी को गधे पर बहुत गुस्सा आया और गुस्से से तमतमाया धोबी बिना कुछ जाने समझे गधे को पीटने लगा। शोर सुनकर चोर भाग निकले लेकिन चोरी का सामान वही छूट गया।

जब धोबी गधे को पीटकर वापस सोने जा रहा था तो सहसा उसकी नज़र नीचें गिरे अपने समान पर पड़ी और उसे सारा माजरा समझ में आ गया। फिर तो धोबी को बहुत दुःख हुआ और आगे से वह गधे को भी कुत्ते जैसा ही प्यार करने लगा।

लोभी किसान (Best Moral Story in Hindi)

किसी गाँव में एक किसान रहता था. लोभ के कारण वह सदा दुखी रहता था। उसके पास घर, ज़मीन-जायदाद सभी थे, पत्नी और बच्चे भी थे, खेत और पशु भी थे पर वह और धन पाने के लिए बेचैन रहता था.

एक दिन वह जब खेत में हल जोतकर थक गया तो एक पेड़ के नीचे बैठकर विश्राम कर रहा था। तभी वहाँ से एक महात्मा गुजरे। किसान ने उन्हें प्रणाम किया और उन्हें भोजन खिलाया तथा ठंडा जल पिलाया। महात्मा किसान की सेवा से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने किसान को एक मुर्गी दी। और कहा कि यह रोज तुम्हें एक सोने का अंडा देती रहेगी।

किसान उस मुर्गी को बड़ी ख़ुशी ख़ुशी घर लाया और अगले दिन से ही वह मुर्गी किसान को रोज एक सोने का अंडा देने लगी. जिससे किसान के पास धन बढ़ता गया। लेकिन साथ ही किसान की धन पाने की लालसा और भी अधिक बढती गई।

और एक दिन उसने सोचा, न जाने इस मुरगी के पेट में कितने सोने के अंडे भरे होंगे। यदि इसका पेट काट लूं तो मुझे ढेर सारे सोने के अंडे एक साथ अभी मिल जाएँगे। यह सोच किसान ने मुर्गी का पेट काट डाला. और मुर्गी तुरंत मर गई। तब किसान को बहुत पछतावा हुआ. लेकिन अब पछताने से क्या हो सकता था।

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आशा करती हूँ कि ये कहानियाँ आपके द्वारा अवश्य सराही जायेगी। इन कहानियों से संबंधित यदि कोई सुझाव हो तो उसका स्वागत है। एक motivational ब्लॉग होने के कारण मेरा पूर्ण प्रयास रहता है कि जो भी प्रेरक प्रसंग या कहानियां यहाँ पर लिखा जाये वो बच्चों के लिए ज्ञान और शिक्षा का अच्छा स्रोत हो।

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Babita Singh
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