Guru Poem in Hindi : शिक्षक दिवस पर बेहतरीन कविता

(1)
गुरु कृपा एक रूप है ऐसी
जिसमे झूमे जग सारा
गुरु बिन ज्ञान न हो शिक्षा
गुरु एक नाम है ऐसा
जिसमे गुथे जिसमे लिपटे
हर मन सुलझे इसमें
गुरु बिन न सके ज्ञान
अज्ञान हटा कर दे दे विद्या
गुरु रूप ये मूरत ऐसी
जो भी आये वही सिखाये
रंग रूप विद्या का
अज्ञान हटा कर अँधियारा
जग में पूरा ज्योति मई हो जाता
गुरु कृपा ज्ञान मूर्ति ऐसी
जिसमे बसे हर देव की बानी
बने गुरु ये गुरुवार है
जिनके चरणों में बसे पूरा लोक
ऐसे गुरु को प्रणाम
हम अभिनन्दन करते है गुरु
तेरे चरणों को सत सत नमन॥॥
जिसमे झूमे जग सारा
गुरु बिन ज्ञान न हो शिक्षा
गुरु एक नाम है ऐसा
जिसमे गुथे जिसमे लिपटे
हर मन सुलझे इसमें
गुरु बिन न सके ज्ञान
अज्ञान हटा कर दे दे विद्या
गुरु रूप ये मूरत ऐसी
जो भी आये वही सिखाये
रंग रूप विद्या का
अज्ञान हटा कर अँधियारा
जग में पूरा ज्योति मई हो जाता
गुरु कृपा ज्ञान मूर्ति ऐसी
जिसमे बसे हर देव की बानी
बने गुरु ये गुरुवार है
जिनके चरणों में बसे पूरा लोक
ऐसे गुरु को प्रणाम
हम अभिनन्दन करते है गुरु
तेरे चरणों को सत सत नमन॥॥
(2)
हमारी अज्ञानता की गहराई खंगाल लेते हैं।
हमारी नादानियों को समझ नई चाल देते हैं।
लाख चाहे कोई उपकार चुका नही सकता।
मन मे ज्ञान का दीपक जलाकर डाल देते हैं।
दूसरों का जीवन सरल बना जो खुश रहें।
भगवान उन्हें ही गुरु की काया में ढाल देते हैं।
बचपन से माँ बाप और बड़े होकर शिक्षक।
बस यही हैं जो नेकी कर दरिया में डाल देते हैं।
हमारी नादानियों को समझ नई चाल देते हैं।
लाख चाहे कोई उपकार चुका नही सकता।
मन मे ज्ञान का दीपक जलाकर डाल देते हैं।
दूसरों का जीवन सरल बना जो खुश रहें।
भगवान उन्हें ही गुरु की काया में ढाल देते हैं।
बचपन से माँ बाप और बड़े होकर शिक्षक।
बस यही हैं जो नेकी कर दरिया में डाल देते हैं।
(3)
सही क्या है, गलत क्या है,
ये सब बताते हैं आप,
झूठ क्या है और सच क्या है
ये सब समझाते है आप,
जब सूझता नहीं कुछ भी
राहों को सरल बनाते हैं आप,
जीवन के हर अँधेरे में,
रौशनी दिखाते हैं आप,
बंद हो जाते हैं जब सारे दरवाज़े
नया रास्ता दिखाते हैं
सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं
जीवन जीना सिखाते हैं आप!
(4)
जीवन के घोर अंधेरों में प्रकाश जो बनकर आता है
हर लेता है वह दुख सारे खुशियों की फसल उगाता है
न कोई लालच करता है सच्चाई का सबक सिखाता है
सागर से ज्ञान सा भरा हुआ बस वही गुरु कहलाता है,
परेशानियां पस्त करें जब हिम्मत हम हारते जाएं
धूमिल सी हो जब परिस्थितियां हालात हमें जब भटकाये
राह दिखा कर हमको सभी संसय जो मिटाता है
सागर से ज्ञान सा भरा हुआ बस वही गुरु कहलाता है.
हर लेता है वह दुख सारे खुशियों की फसल उगाता है
न कोई लालच करता है सच्चाई का सबक सिखाता है
सागर से ज्ञान सा भरा हुआ बस वही गुरु कहलाता है,
परेशानियां पस्त करें जब हिम्मत हम हारते जाएं
धूमिल सी हो जब परिस्थितियां हालात हमें जब भटकाये
राह दिखा कर हमको सभी संसय जो मिटाता है
सागर से ज्ञान सा भरा हुआ बस वही गुरु कहलाता है.
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