Hindi Post Motivational

जाको राखे साइयां मार सके न कोय – Jako Rakhe Saiyan Maar Sake na Koi

जाको राखे साइयां मार सके ना कोय पर निबंध

(Jako Rakhe Saiyan Maar Sake na Koi)
Jako Rakhe Saiyan Maar Sake na Koi

जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’। इसका अर्थ ये की जिसके साथ ईश्वर होता है उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। संपूर्ण सृष्टि ईश्वर निर्मित है। उन्होंने ही संपूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण किया है । विभिन्न ग्रह, पृथ्वी, समुद्र, पर्वत, नदियाँ, विभिन्न प्राणी, मनुष्य आदि सभी उन्हीं की रचना है। जड़ – चेतन सभी उन्हीं की इच्छा का परिणाम हैं। अत: उनकी इच्छा के बगैर कोई भी हमारा बाल बांका नहीं कर सकता।

भारतीय पुराणों, इतिहासों आदि में इस सूत्र को कथा के साथ समझाया गया हैं कि ईश्वर किसी भी रूप में आकर साकार हो जाते हैं और संकट से बचाते हैं। विष्णुपुराण की एक कथा के अनुसार जिस समय असुर संस्कृति शक्तिशाली हो रही थी, उस समय असुर कुल में एक अद्भुत, प्रह्लाद नामक बालक का जन्म हुआ था। उसका पिता, असुर राज हिरण्यकश्यप देवताओं से वरदान प्राप्त कर के निरंकुश हो गया था। उसका आदेश था, कि उसके राज्य में कोई विष्णु की पूजा नही करेगा। परंतु प्रह्लाद विष्णु भक्त था और ईश्वर में उसकी अटूट आस्था थी। इस पर क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने उसे मृत्यु दंड दिया।

हिरण्यकश्यप की बहन, होलिका, जिस को आग से न मरने का वर था, प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई, परंतु ईश्वर की कृपा से प्रह्लाद को कुछ न हुआ और वह स्वयं भस्म हो गई। अगले दिन भग्वान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप को मार दिया और सृष्टि को उसके अत्याचारों से मुक्ति प्रदान की।

मीरा बाई ने जीवनभर भगवान कृष्ण की भक्ति की और कहा जाता है कि उनकी मृत्यु भी भगवान ने हर बार टाली थी । विक्रमादित्य राणा ने मीराबाई को मारने के कई प्रयास किये। एक बार फूलों की टोकरी में एक विषेला साँप तक भेजा गया, लेकिन टोकरी खोलने पर उन्हें कृष्ण की मूर्ति मिली।

जीवनी – महाकवि संत सूरदास का जीवन परिचय Click Here
जीवनी – संत कबीर दास का जीवन परिचय Click Here
संत कबीर दास के दोहे अर्थ सहित Click Here

एक अन्य अवसर पर तो उन्हें विष भरा प्याला दिया गया, लेकिन उसे पीकर भी मीराबाई को कोई हानि नहीं पहुँची। मीरा उसे भी हंसकर पी और कृष्ण भक्ति में मगन हो उठी। प्रभु कृपा से विष पीकर भी उनका कुछ नहीं बिगड़ा। मीरा को मारने के जितने भी प्रयास किये भगवान श्री कृष्णा ने वो सब निष्फल कर दिए !

तीनि बेर पतियारा लीन्हा, मन कठोर अजहूँ न पतीना। कहै कबीर हमारे गोव्यंद, चौथे पद में जन को गयंद। यदि यह कबीरजी का ही कहा हुआ दोहा है तो इससे प्रकट होता है कि उनको भी मारने के भी कई प्रयत्न किए गए। तीन बार उन्हें पागल हाथी के सामने फेंका गया, तो हाथी मस्ताना होकर सामने जाकर मस्तक झुकाने लगा।

कबीर का विस्तृत जीवन परिचय और संदेश यहाँ पढ़े

कई स्थानों पर इस बात का भी उल्लेख मिलता हैं कि संत  कवि कबीर दास को सिकंदर लोदी बेहद दर्दनाक मौत देना चाहता था और इसलिए उन्हें आग में झोंक दिया। पर प्रभु कृपा से कबीर जी सोने के जैसा तेज लिए आग से बाहर आ गए। और सिकंदर लोदी को प्रभु भक्त कबीर से माफी मांगनी पड़ी।

संत कबीर दास के दोहे Click Here
संतोष ही सच्चा धन Click Here

वर्तमान में भी आये दिन कोई न कोई ऐसी घटना सुनाई या फिर न्यूज चैनलों पर दिखाई दे जाती है। ऐसी घटनाओं में अक्सर कोई बड़ा हादसा होते-होते टल जाता। कभी किसी हादसे में बाइक सवार बाइक समेत बस के नीचे आ जाने के बाद भी सुरक्षित बच निकलता है तो कभी किसी के ऊपर से ट्रेन गुजर जाती है पर उस व्यक्ति को कुछ नहीं होता है। अधिकांशतः ऐसी घटनाओं में बच जाने पर लोग इसे कुदरत का करिश्मा ही कहते हैं।

बस मानव ही नहीं जगत के किसी भी पादप, जीवजन्तु के साथ इस तरह का चमत्कार होना कोई बड़ी बात नहीं हैं। परमात्मा यदि उससे प्रसन्न है तो सभी प्रकार की आपदाओं से उसकी रक्षा करते हैं। ऐसे ही एक पेड़ पर एक गौरैया अपने चार बच्चों के साथ रहती थी। जब उस पेड़ को उखाड़ा जा रहा था तो उसका घोंसला जमीन पर गिर गया, लेकिन चमत्कारी रूप से उसकी संताने अनहोनी से बच गई। इससे यही तो पता चलता है कि भगवान जिसकी रक्षा करते हैं उसका कुछ भी नहीं बिगड़ सकता।

हालांकि ईश्वर की कृपा किस रूप में और किसके माध्यम से हो जाए कोई नहीं जानता लेकिन ज्यादातर चमत्कार होने पर भगवान की कृपा समझते है और उसे धन्यवाद देते हैं।

सारांश यह है कि जब तक ईश्वर की मर्जी ना हो, तब तक यहां का एक पत्ता भी नहीं हिलता है। जिस मनुष्य का जीवित रहना निश्चित है, वह मौत को भी ईश्वर कृपा से मात दे देता हैं। परन्तु ईश कृपा का भागी वही मनुष्य बनता है, जिसनें कुछ अच्छा किया हो, जो अपने गुणों और प्रतिभा से के सहारे से समाज की तन, मन, धन से सेवा करता है और सांसारिक लोगों से अधिक उस सर्वशक्तिमान भगवान पर विश्वास रखता है।

 Get FREE e – book “ पैसे का पेड़ कैसे लगाए ” [Click Here]

संक्षेप में ईश्वर पर आस्था रखते हुए धर्म के मार्ग पर चलने का प्रयास करने वालों की भगवान हमेशा रक्षा करते है। अत: अच्छे और धर्म कर्म करने के लिए सदैव तत्पर रहे। सर्वव्यापक परमात्मा सदा आपकी रक्षा करेंगे।

बच्चो को नीचे दी गयी कहानियाँ जरुर सुनाए

सोते समय की बच्चो के लिए 7 बेहतरीन नैतिक कहानी Click Here

पंचतंत्र की कुछ प्रसिद्ध चटपटी और मजेदार कहानीयां Click Here

नैतिक मूल्यों पर आधारित कहानी लालच बुरी बला है Click Here

Jako Rakhe Saiyan Maar Sake na Koi के इस प्रेरणादायी लेख के साथ हम चाहते है कि हमारे Facebook Page को भी पसंद करे | और हाँ यदि future posts सीधे अपने inbox में पाना चाहते है तो इसके लिए आप हमारी email subscription भी ले सकते है जो बिलकुल मुफ्त है |

Loading...

Babita Singh
Hello everyone! Welcome to Khayalrakhe.com. हमारे Blog पर हमेशा उच्च गुणवत्ता वाला पोस्ट लिखा जाता है जो मेरी और मेरी टीम के गहन अध्ययन और विचार के बाद हमारे पाठकों तक पहुँचाता है, जिससे यह Blog कई वर्षों से सभी वर्ग के पाठकों को प्रेरणा दे रहा है लेकिन हमारे लिए इस मुकाम तक पहुँचना कभी आसान नहीं था. इसके पीछे...Read more.

One thought on “जाको राखे साइयां मार सके न कोय – Jako Rakhe Saiyan Maar Sake na Koi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *