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Short Moral Story In Hindi

Best Short Moral Story

Short Motivational (Moral Story) Story
Short Motivational (Prerak Prasang) Story

छोटे बच्चो के लिए लघु नैतिक इंस्पायरिंग प्रेरक प्रसंग – Short Motivational (Prerak Prasang) Story With Moral Value in Hindi

प्रेरक प्रसंग कहानी 1 – परिणाम

एक माली था। वह अपना काम बड़ी लगन और मेहनत से करता था। एक दिन वह अपने सुन्दर से बगीचे से गुजर रहा था। तभी वहां उसने एक खरपतवार देखी। वह बहुत थका हुआ, तो उसने उसे निकाला नहीं।

अगले दिन तड़के उसे किसी परिजन के पास कहीं दूर जाना था। वहां से वह दो हफ़्ते बाद लौटा और देखा कि सारा बगीचा खरपतवार से ढक चुका है, उसके दूसरे पौधे भी नष्ट हो गये है हैं।

Moral of The Story  – इस कहानी के माध्यम से मैं बस इतना कहना चाहती हूँ कि हम लोग भी अगर समय पर दिमाग में बैठे गलत विचार दूर नहीं करते हैं तो उस जैसे कई विचार अंकुरित होकर अन्य विचार को कमजोर कर देते हैं।

प्रेरक प्रसंग कहानी 2 – मेहनत का फल

एक आदमी साइकिल की दुकान पर काम कर रहा था। एक दिन उसके पास खराब हालत में साइकिल ठीक करने के लिए आयी थी, और जिसे ठीक करने के बाद उसने अच्छी तरह साफ़ भी कर दिया। अब वह साइकिल पूरी तरह से नई दिख रही थी। लेकिन उसके साथी ये मानने को तैयार नहीं थे कि साइकिल की इतनी अच्छी सफाई उसने की है।

अगले दिन उस साइकिल का मालिक अपनी साइकिल लेने आया । तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। उसने उस मकैनिक के काम की न सिर्फ़ तारीफ़ की बल्कि उसको अपना यहाँ नौकरी पर भी रख लिया।

Moral of The Story : अच्छी मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती।

प्रेरक प्रसंग कहानी 3- भलाई

एक घर में दो भाई रहते थे। छोटी उम्र में ही उनके माता और पिता की मृत्यु हो गई थी। इस भरी विपत्ति को सहते हुए वे अपने खेतों में बड़ी मेहनत से काम करते थे। कुछ वर्षों के बाद बड़े भाई की शादी हो गई और फिर दो बच्चों के साथ उसका चार लोगों का परिवार हो गया। चूकी दूसरे बेटे की अभी शादी नहीं हुई थी फिर भी उपज को दो हिस्से में बाट दिया जाता था।

एक दिन जब छोटा वाला भाई खेत में काम कर रहा था तो उसे विचार आया कि यह सही नहीं है कि हम बराबर बँटवारा करें। मैं अकेला हूँ और मेरी ज़रूरत भी बहुत अधिक नहीं हैं। मेरे भाई का परिवार बड़ा है, एवं उसकी ज़रूरत भी अधिक हैं। अपने दिमाग में इसी विचार के साथ वह रात अपने यहाँ से अनाज का एक बोरा ले जाकर भाई के खेत में चुपचाप रखने लगा। इसी दौरान बड़े भाई ने भी सोचा, कि यह सही नहीं है कि हम हर चीज का बराबर बँटवारा करें। मेरे पास मेरा ध्यान रखने के लिए पत्नी और बच्चे हैं लेकिन मेरे भाई का तो कोई परिवार नहीं है। अत: भविष्य में उसकी कौन देखभाल करेगा ? इसलिए मुझे उसे अधिक देना चाहिए।

इस विचार के साथ वह हर दिन एक अनाज का बोरा लेता और अपने भाई के खेत में रख देता। यह सिलसिला बहुत दिनों तक चलता रहा, किन्तु दोनों भाई हैरान थे कि उनका अनाज कम क्यूँ नहीं हो रहा।

एक दिन एक – दूसरे के खेतों में जाते समय उनकी मुलाकात हो गई। तब उन्हें पता चला कि आखिर इतने समय से क्या हो रहा था? वे ख़ुशी से एक – दूसरे के गले लगाकर रोने लगे।

सीख – Moral – सच्चे मन से किये गये भलाई के काम में कभी अपना नुकसान नहीं होता है।

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Babita Singh
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