Hindi Post

26 जनवरी भाषण – Republic Day Speech In Hindi Language

26 जनवरी भाषण – Republic Day Speech In Hindi Language

Republic Day Speech in Hindi
Republic Day Speech in Hindi

Short Republic Day Speech In Hindi – वंदे मातरम ! इस सभागार में उपस्थित सभी गणमान्य अथिति, आदरणीय प्रधानाचार्य, अध्यापक महोदय और प्यारे साथियों को मेरा नमस्कार। जैसा कि आप सबको ज्ञात है, आज हम यहाँ स्वतंत्र भारत के 73वे गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्र को नमन करने के लिए एकत्रित हुए है। देश के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा देने वाले उन तमाम देशभक्तों एवं आत्म – बलिदानियों को याद करने के लिए एकत्रित हुए है, जिनका नाम सुनते ही प्रत्येक भारतवासी के तन-बदन में रोमांच-सा होने लगता है। दिल ख़ुशी से भर जाता है जैसे अचानक पतझड़ में बहार आ गयी हो।

वास्तव में एक ऐसा जोश और जिम्मेदारी का भाव पैदा हो जाता है जो समय और ऊम्र की सीमा को तोड़कर सबमें एकरूपता का बोध कराने लगता है। जाति, वर्ग, संप्रदाय और धर्म की सारी सीमायें जैसे टूट जाती है और सिर्फ प्रेम एवं बन्धुत्व की निर्मल धारा इस दिन बहने लगती हैं। और यही वह सिद्धांत है जिसे गणतंत्र कहते है। 

इस सिद्धांत को प्रतिफलित करने के लिए 15 अगस्त 1947 की आधी रात को संविधान सभा के एक जलसे में जवाहरलाल नेहरू ने और हमारे अन्य नेताओं ने संकल्प किया कि वे स्वतंत्र भारत के लिए इन स्वप्नों को सत्य करने के लिए अपने को अर्पित कर देंगे। उन्होंने इस दिन जो भाषण दिया था वह सदा स्मरण रखा जायेगा।

उन्होंने कहा, “एक क्षण आता है, जैसा कि इतिहास में बहुत कम आता है, जब हम पुराने से नये में प्रवेश करते हैं, जबकि एक युग का अंत होता है और एक राष्ट्र की वर्षों से कुचली गयी आत्मा को वाणी मिलती है। यह उचित ही है कि इस महत्वपूर्ण क्षण हम भारत की सेवा में, और, उससे भी बड़ी, मानवता की सेवा में अपने को समर्पित करने की शपथ लें।’

अनेक जातियों, अनेक परम्पराओं और अनेक विश्वासोंवाले हमारे इस विशाल देश के लिए एक संविधान भी बनाना था। इसके लिए संविधान सभा ने बड़ी मेहनत की। इस संविधान सभा के अध्यक्ष थे डॉ. राजेंद्र प्रसाद जो बाद में भारत के राष्ट्रपति बने। वे गांधीजी के साथ चंपारन में किसानों के लिए लड़े थे, 1934 के भयंकर भूकंप के बाद बिहार में भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए उन्होंने काम किया था। और बहुत वर्षों तक हिन्दू और मुसलमानों की मैत्री के लिए काम करते रहे थे। 

संविधान सभा में अध्यक्ष की हैसियत से दिये गये अपने पहले भाषण में उन्होंने कहा कि, “उनके आगे “स्वतंत्र भारत का ऐसा संविधान बनाने का महती कार्य है जो इस विशाल देश के सब वर्गों के, सब धर्मों और सम्प्रदायों के लोगों को संतुष्ट कर सके, और हर एक व्यक्ति को काम करने की, सोचने की, विश्वास और स्वतंत्रता की उपासना की गारंटी करे।” स्वतंत्र भारत एक ऐसा गणराज्य बने जिसमें हर स्त्री-पुरुष को पूरी स्वतंत्रता हो, बराबर के अधिकार हों, और जिस धर्म को चाहे उसका पालन करने की पूरी छूट हो। 

इस प्रकार जलसे में ली गयी प्रतिज्ञा को संविधान सभा ने पूरी करते हुए 26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू किया। इस संविधान को लागू करके भारत ने अपने राष्ट्र को पूर्ण सत्ता सम्पन्न धर्म निरपेक्ष गणतंत्र घोषित कर हमारे सपने साकार कर दिए। आज हमारा राष्ट्र विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र है। 138 करोड़ व्यक्तियों का यह कुनबा अपना यात्रा करता हुआ 72 गणतंत्र पूरे कर अब 73 वें में प्रवेश कर रहा है।

देश की आजादी हमें 1947 में मिली, पर राष्ट्र एक गणतंत्र के रूप में, एक संविधान के साथ 1950 की 26 जनवरी को प्रत्यक्ष रूप में आया। जितना बड़ा गुलामी का समय था – यवनों – हूणों के आक्रमण से लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी तक – उसे देखते हुए 74 वर्ष में हम अपने पैरों पर खड़े हो गए; यह कोई कम बात नहीं है। तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत कभी भी आत्मनिर्भर नहीं हो सकेगा। यह इस लायक ही नहीं कि इसे आजादी दी जाए, पर यह भी सत्य है कि अस्त होते सूर्य की तरह जिन अंगरेजों का साम्राज्य सब जगह ढह रहा था, वे भारत की आजादी बहुत दिनों रोक नहीं सकते थे। उन्हें मजबूर होकर आजादी देनी पड़ी।

हमारे राष्ट्रभक्तों के अनवरत संघर्ष ने हमें आजादी दिलाई अथवा गाँधी जी के सत्याग्रह आंदोलन – बाद में भारत छोड़ों ने हमें आजादी दिलाई, ये सब बहस के विषय हो सकते हैं, पर यह सच है कि दैवी विधान ही कुछ ऐसा था कि द्वितीय विश्वयुद्ध छिड़ा, वातावरण बना, श्रीअरविंद व रमण महर्षि के तप से गरमी पैदा हुई एवं हम आजाद हो जाए। 

लेकिन वर्तमान में हो रहे मजहबी, जातीय दंगे, भूख और गरीबी से बिलखते लोग, फुटपाथों पर ठिठुरते गण की भी हम अनदेखी नहीं कर सकते। और तो और महिलाएँ भी देश के किसी भाग में सुरक्षित नहीं है। यह हम सब के लिए ही नहीं अपितु  उस सिद्धांत के लिए भी अत्यंत शर्मनाक बात है जिसे गणतंत्र कहते है।

आज सम्पूर्ण देश में हिंसा, द्वेष, प्रतिहिंसा और अपहरण तथा शोषण की भावना व्याप्त है। जबकि हमारे देश के डॉ राजेंद्र व डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर जैसे गुनीजनों और महापुरुषों की उपस्थिति में तैयार किया हुआ संविधान, इन दूषित एवं कुत्सित भावनाओं से पृथक रहकर हमेशा अहिंसा, प्रेम, समानता और भाईचारे को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

प्रसंगवश रवीन्द्रनाथ ठाकुर की एक उक्ति याद आती है, जो उन्होंने अपने देश के पूर्वजों की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कही थी – “मैं भारत को नमन करता हूं, इसलिए नहीं कि मैं भूगोल की मूर्ति पूजा का पक्षधर हूं, इसलिए भी नहीं कि मुझे इस धरती पर जन्म लेने का अवसर मिला, बल्कि इसलिए कि इस धरती ने अपने महान पुत्रों की दिव्य चेतना से निकले प्राणवंत शब्दों को आंधियों के दौर में भी संभालकर रखा।”

अत:  गणतंत्र दिवस की इस 26 जनवरी की तारीख का हमें सिर्फ सम्मान नहीं करना हैं अपितु यह शपथ भी लेना हैं कि अपने संविधान की गरिमा को कभी धूमिल नहीं होने देंगे। इस समारोह में एकत्रित होकर ‘गणतंत्र दिवस’ मनाने का हम सब का एकमात्र उद्देश्य ही देश के नागरिकों की स्वतंत्रता को सदैव बनाए रखने की प्रेरणा देना है ताकि देश में विभिन्नताओं में एकता, सहयोग, अहिंसा, प्रेम, समानता, भाईचारे की भावना में वृद्धि हो सके । जय हिन्द जय भारत ।

Related Post ( इन्हें भी जरुर पढ़े )

जोश भरने वाली देशभक्ति शायरी

देश-प्रेम पर बेहतरीन कविता

गुणीजनों एवं महापुरुषों के देशभक्ति सुविचार

देशभक्ति पर दिल छू लेने वाले नारे

26 जनवरी ‘गणतंत्र दिवस’ पर निबंध

स्वतंत्रता आंदोलन के प्रसिद्ध नारे

Loading...

10 Lines on Republic Day in Hindi

Republic Day Status in Hindi

Republic Day Speech for Principal in Hindi

Republic Day Wishes Shayari in Hindi

Republic Day Speech for Teacher in Hindi

Republic Day Speech for Students in Hindi

Republic Day Status in Hindi

Republic Day Essay in Hindi

आशा करती हूँ कि ये speech on republic day in Hindi छोटे और बड़े सभी के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। गर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसमें निरंतरता बनाये रखने में आप का सहयोग एवं उत्साहवर्धन अत्यंत आवश्यक है। अत: आशा है कि आप हमारे इस प्रयास में सहयोगी होंगे साथ ही अपनी प्रतिक्रियाओं और सुझाओं से हमें अवगत अवश्य करायेंगे ताकि आपके बहुमूल्य सुझाओं के आधार पर इन कोट्स और संदेश को और अधिक सारगर्भित और उपयोगी बनाया जा सके। अगर आपके पास इससे संबंधित कोई सुझाव हो तो वो भी आमंत्रित हैं। आप अपने सुझाव को इस लिंक Facebook Page के जरिये भी हमसे साझा कर सकते है. और हाँ हमारा free email subscription जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं।

 FREE e – book “ पैसे का पेड़ कैसे लगाए ” [Click Here]

Babita Singh
Hello everyone! Welcome to Khayalrakhe.com. हमारे Blog पर हमेशा उच्च गुणवत्ता वाला पोस्ट लिखा जाता है जो मेरी और मेरी टीम के गहन अध्ययन और विचार के बाद हमारे पाठकों तक पहुँचाता है, जिससे यह Blog कई वर्षों से सभी वर्ग के पाठकों को प्रेरणा दे रहा है लेकिन हमारे लिए इस मुकाम तक पहुँचना कभी आसान नहीं था. इसके पीछे...Read more.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *