गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं – Happy Republic Day Wishes In Hindi
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलिस्तां हमारा
माँ भारती के सभी सम्मानित जनमानस को राष्ट्र पर्व गणतंत्र दिवस की अनंत अनंत शुभकामनाएं।

भारत की गौरवगाथा, बार-बार दोहरानी है
प्यारा भारत देश हमारा, हम सब हिन्दुस्तानी हैं
हम सब हिन्दुस्तानी हैं।
आप सभी को राष्ट्र पर्व गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

इस देश की कीमत जब जब हमने पहचानी है
हमारे देश का बच्चा बच्ची बना देश सेनानी है
जाति पाति भाषा और द्वेष का बीज पनपने ना देंगे
अब इन आधारों पर हिंदुस्तान को बटने ना देंगे
एकता के सतरंगों से सजाएंगे संसार को
गणतंत्र उपासक बनकर सच्चे उपहार देंगे राष्ट्र को
उपहार देंगे राष्ट्र को.
जय हिन्द जय भारत

आइये मिलकर लोकतंत्र का जश्न मनाएं
घर-घर तिरंगा लहराए
देश के प्रति सम्मान जताएं.
हैप्पी रिपब्लिक डे 2021.
***
आओ झुककर सलाम करे उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होते है वो लोग,
जिनका लहू इस देश के काम आता है।
आप सभी को शुभ गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
***
ज़माने भर से मिलते हैं आशिक कई; मगर
वतन से खुबसूरत कोई सनम नहीं होता;
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे है शासक कई;
मगर तिरंगे से खुबसूरत कोई कफ़न नहीं होता..!!
वंदेमातरम्
***
मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ,
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफन मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
वंदेमातरम्
सोचता हूँ क्या दे पाउँगा जो मैंने पाया है इस देश से
क्या मैं कभी चुका पाउँगा जो पाया है इस देश से।
मुझे है फैलाना देश सम्मान की भावना;
शायद इस तरह नज़र मिला पाउँगा इस देश से।।
जय हिंद जय भारत
***
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगें;
शहीदों की क़ुरबानी बदनाम नहीं होने देंगें;
बची हो जो एक बूँद भी गरम लहू की;
तब तक भारत माता का आँचल नीलामी नहीं होने देंगें !
जय हिन्द, जय भारत

इंक़िलाब का नारा है, सबसे प्यारा हिंदुस्तान हमारा है
दुनिया की शान है, भारत हमारा महान है
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
***
दिल से निकलेगी ना मर कर भी वतन की उल्फत
मेरी मिटटी से भी आएगी खुशबु वफाय-ए-वतन की नजाकत
देश को एक गौरवशाली राष्ट्र बनाने वाले
सभी महान विभूतियों को कोटि-कोटि नमन
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अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
वंदेमातरम्
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चलो फिर से खुद को जगाते हैं…
अनुशासन का डंडा फिर से घुमाते हैं…
सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहू से…
ऐसे शहीदों को हम सर झुकाते हैं।
जय हिन्द
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हम हाथ मिलाना भी जानते है… और उन्हें उखाड़ना भी…
हम गाँधी जी को भी पूजते है और चंद्रशेखर आजाद को भी ….
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यही ख्वाहिश खुदा हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देना,
अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना,
न दे दोलत, न दे शोहरत, कोई शिकवा नही हमको,
झुका दूँ सर मैं दुश्मन का यही हिम्मत का घन देना,
अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना.
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अब तक जिसका खून न खौला हों;
वो खून नहीं, वो पानी है;
जो देश के काम ना आये;
वो बेकार जवानी है.
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जो भरा नहीं है भावों से
बहती जिसमे रसधार नहीं,
वह हृदय नहीं है पत्थर है।
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।
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जाति अलग, धर्म अलग पर सबका बस एक ही नारा है,
भारत माता की रक्षा करना लक्ष्य यही हमारा है।
जय हिन्द, जय भारत
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जलते भी गये कहते भी गये आजादी के परवाने।
जीना तो उसी का जीना है, जो मरना वतन पर जाने।।
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चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें।
शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर लें।
उनके जोश व जज्बें को सलाम कर लें।

हर किसी के हिस्से में कहां ये मुकाम आता है
सलाम करो उस तिरंगे को जिसके हिस्से में ये मुकाम आता है,
किस्मत वाले हैं वो जिनका खून देश के काम आता है
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
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लहू देकर तिरंगे की
बुलंदी को संवारा है;
फरिश्तें तुम वतन के हों;
तुम्हे सजदा हमारा है !!
अब तो मेरी कलम भी रो पड़ी है,
शहीदों की शहादत लिखते-लिखते
जय हिन्द, जय भारत
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वतन से रिश्ता हमारा, ऐसे न तोड़ पाये कोई,
दिल हमारे एक है, एक है हमारी जान,
हिन्दुस्तान हमारा है, हम है इसकी शान।
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लगी गूँजने दसों दिशायें वीरों के यशगान से।
हमें मिली आजादी वीर शहीदों के बलिदान से।
जय हिन्द, जय भारत
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ना पूछो जमाने से क्या हमारी कहानी है;
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम हिंदुस्तानी हैं।
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भारत माता तेरी गाथा, सबसे ऊंची तेरी शान।
तेरे आगे शीश झुकाएं, दे तुझको हम सब सम्मान।
भारत माता की जय
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भूख, गरीबी, लाचारी को इस धरती से आज मिटाएं,
भारत के भारतवासी को उसके सब अधिकार दिलाएं,
आओ सब मिलकर नए रूप में गणतंत्र मनाएं।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
***
हर पल हम सच्चे भारतीय बनकर,
देश के प्रति अपना फर्ज निभायेंगे।
जरूरत पड़ी तो लहू का एक-एक कतरा देकर
इस धरती का कर्ज चुकायेंगे।
***
जरा गौर से सुन ले दुश्मन,
तुम लोग कभी न बच पाओगे,
देख रूप रौद्र तुम सब,
नतमस्तक हो जाओगे।
***
सरहद तुम्हे पुकारे तुम्हे आना ही होगा,
कर्ज अपनी मिट्टी का चुकाना ही होगा,
दे करके कुर्बानी अपने जिस्मो – जां की,
तुम्हे मिटना भी होगा मिटाना भी होगा।
***
ये देश चैन से सोता है, वो पहरे पर जब होता है
जो आँख उठाता दुश्मन, तो अपनी जान वो खोता है।
उनकी वजह से आज सुरक्षित, ये सारी आवाम है,
दिल से मेरा सलाम है।
***
हमको कब बाधायें रोक सकी हैं
हम आजादी के परवानों की
तूफ़ान भी न रोक सका
हम लड़कर जीने वालों को
हम गिरेंगे, फिर उठ कर लड़ेंगे
जख्मो को खाये सीने पर
कब दीवारे भी रोक सकी हैं
शमा में जलने वाले परवानों को
***
धनुष उठा, प्रहार कर, तू सबसे पहला वार कर।
अग्नि – सी धधक – धधक, हिरन – सी सजग – सजग
सिंह – सी दहाड़ कर, शंख – सी पुकार कर।
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दें सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है।
मान हमेशा रखना इसका जब तक शरीर में जान है।
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तहे दिल से मुबारक करते है,
चलो आज फिर उन आजादी के लम्हों को याद करते है;
कुर्बान हुए थे जो वीर जवान भारत देश के लिए,
चलो आज उनको प्रणाम करते हैं।
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कुछ नशा इस तिरंगे की आन का है;
कुछ नशा इस मातृभूमि की शान का है;
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा;
नशा ये जो हिंदुस्तान की शान का है।

देशप्रेम का मूल्य “प्राण” है
देखें कौन चुकाता है?
कौन सुमन सय्या को तंज कर,
कंटक पथ अपनाता है ?
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ये बात हवाओं को बताये रखना;
रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना;
लहू देकर जिसकी हिफ़ाजत की हमने;
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना !
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बंद करो ये तुम आपस में खेलना अब खून की होली,
उस माँ को याद करो जिसने खून से चुन्नर भिगोली,
इतना ही कहना काफी नहीं भारत हमारा मान है,
अपना फर्ज निभाओ देश कहे हम उसकी शान है।
***
नफरत बुरी है, न पालो इसे;
दिलो में खालिश है, निकालो इसे;
न मेरा, न तेरा, न इसका, न उसका;
ये सबका वतन है, सम्भालों इसे !
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लड़ें वो वीर जवानो की तरह, ठंडा खून फौलाद हुआ,
मरते – मरते भी कई मार गिराए, तभी तो देश आज़ाद हुआ ।
जय हिन्द, जय भारत
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कतरा-कतरा भी दिया वतन के वास्ते…
एक बूँद तक ना बचाई इस तन के वास्ते…
यूं तो मरते है लाखो लोग रोज,
पर मरना वो है दोस्तों जो जान जाये वतन के वास्ते…
जय हिन्द, जय भारत
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अलग है भाषा, धरम, जात और प्रान्त, भेष परिवेश पर
सबका एक है गौरव – राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ
***
अगर माटी के पुतले देह में ईमान जिन्दा हैं, तभी
इस देश की समृद्धि का अरमान जिन्दा हैं,
ना भाषण से है उम्मीदें ना वादों पर भरोसा हैं,
शहीदों की बदौलत मेरा हिन्दुस्तान जिन्दा है।
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एक दिया उनके भी नाम का रख लो पूजा की थाली में,
जिनकी सांसे थम गई हैं भारत माँ की रखवाली में।
***
किसी को लगता हैं हिन्दू खतरे में हैं,
किसीको लगता मुसलमान ख़तरे में हैं,
धर्म का चश्मा उतार कर देखो यारों,
पता चलेगा हमारा हिंदुस्तान ख़तरे में हैं।

खूब बहती हैं अमन की गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो,
लाल हरे रंग में ना बाटों हमको…
मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो।
***
चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए…
मेरी हर साँस इस देश के नाम हो जाए…!
***
फना होने की इजाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मुहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती |
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