ऐड्स क्या है, और ये कैसे होता हैं?

AIDS Causes In Hindi – माना जाता है कि मौत बनकर अनेक प्रकार के जो खतरनाक और जानलेवा वायरस जीवन में आती रही हैं एच आई वी का वायरस कई कारणों से उन सब में एक बेहद भयावह और प्राणघातक है। यानि अगर एक बार कोई इंसान इस वायरस से प्रभावित हो जाये तो उसकी मृत्यु निश्चित हो जाती है।
वर्तमान में जिस गति से लोग इसके संक्रमण से प्रभावित हो रहे है उससे लोगों में काफी डर हैं। हालांकि लोगों के डर की वजह इस रोग के फैलने को लेकर बहुत सी गलतफहमियां भी हैं। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि दुनियाभर में हजारों लोग रोज एचआईवी का शिकार हो रहे हैं। जबकि कुछ वर्षों पहले की बात है, एचआईवी महज एक खबर हुआ करती थी पर आज ये एक विश्वव्यापी स्वास्थ्य समस्या है।
आज एचआईवी के साथ न केवल ‘एड्स रोग’ से निपटना है बल्कि इसके साथ जुड़े खौफ और घोर उपेक्षापूर्ण व्यवहार के साथ जुड़ी अनेक भ्रांतियों से भी निपटना है क्योंकि एचआईवी के साथ जुड़ी गोपनीयता, शर्म का भाव, कलंकित होने का भय ये त्रासद स्थितियाँ इस बीमारी के वायरस से कहीं ज्यादा वीभत्स और भयावह साबित हो रही है।
काउंटर करंट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा की गयी एक रिसर्च बताती है कि संसारभर में एचआईवी से प्रभावित बहुत बड़ी संख्या शुरूआत में अपना समय पर एचआईवी की जाँच नहीं कराते हैं जिससे की उन्हें एड्स जल्दी हो जाता है। ऐसे लोग एक स्वस्थ और लम्बी आयु जीने में सक्षम होते अगर वे अपना जाँच कराकर इलाज जल्दी शुरू करा लेते तो।
ऐसे अनेक एचआईवी संक्रमित लोगों की जानकारियाँ मिल रहीं हैं जिन्होंने संक्रमित होने की सूचना मिलने के बाद आत्महत्या कर ली, वह भी ऐसे समय में जब, एच.आई.वी. उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुँचा रहा था। वे 10 – 15 वर्ष सामान्य एवं स्वस्थ्य सक्रिय जीवन जी सकते थे। ये देखकर ऐसा लगता है कि उन्हें वायरस ने नहीं बल्कि एड्स के खौफ और सामाजिक कलंक के डर ने मार डाला।
भारत में इस समय लगभग पचास लाख से भी अधिक एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति निवास कर रहे हैं। जिस रफ्तार से इसके जीवाणुओं से भारत और अन्य देशों में लोग बाधित हो रहे हैं यह निकट भविष्य में हमारी सभ्यता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है । यदि आज सामाजिक व पारिवारिक स्तर पर एड्स के बारे में खुलकर चर्चा नहीं की गई तो आगे इस बीमारी की स्थिति बेहद चिंताजनक हालत में पहुँच चुकी होगी।
एड्स की जानकारी ही इससे बचाव है। हम स्वयं एड्स के बारे में सभी जानकारियां ग्रहण करें तथा अन्य लोगों को भी इनसे बचाव हेतु प्रेरित करें। एड्स के प्रचार – प्रसार में सही जानकरी का न होना इस महामारी के फैलने का मुख्य कारण रहा है। इस लेख को लिखने के पीछे भी यही मंतव्य निहित है कि उन सभी बारीकियों व दोषों को आपके सामने प्रस्तुत कर संकू जिससे एड्स के रोगी सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं।
अगर मैं एड्स संबंधी थोड़ी सी भी जागरूकता लाने में सफल हुयी और कुछ लोगों को भी इस महामारी के संक्रमण से बचा सकी तो अपने आप को धन्य समझूंगी कि मैं आप के काम आ सकी।
यौन संबंध की शिक्षा कि आवश्यकता
एड्स से संबंधित शिक्षा देने और इस घातक रोग से लड़ने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से वर्ष 1988 से दुनियाभर के देशों में विश्व एड्स दिवस 1 दिसम्बर को मनाया जाता है। रेड रिबन का संबंध भी इसी भयानक बीमारी एड्स से है। एड्स को इस रेड चिन्ह से व्यक्त किया जाता है। यह रेड रिबन यह भी याद दिलाता है कि एड्स अभी गया नहीं और अभी बहुत कुछ करना शेष है लेकिन इस विश्वव्यापी समस्या से छुटकारा पाने के लिए इसमें सबके सहयोग के साथ साथ ये जानना बेहद जरूरी है कि यौन सम्बन्ध की शिक्षा क्यों जरूरी है ?
वर्तमान समय में सम्पूर्ण विश्व इस भयानक रोग की आग में झुलस रहा है। अधिकांश लोग शिक्षित होते हुए भी इस संक्रामक रोग से बचाव से अनजान हैं। इसके फैलने वाले कारणों से अनजान हैं। वर्तमान समय में बच्चों को हर प्रकार की शिक्षा दी जा रही है। पर उसे यौन संबंधों की शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उसे यौन सम्बन्ध की शिक्षा देना अति आवश्यक हो गया है। ताकि वह यौन सम्बन्ध से होने वाले संक्रामक रोगों से बच सके।
आधुनिक युग पाश्चात्य संस्कृति की तरफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। अधिकांश पुरूष व स्त्री एक से अधिक शारीरिक सम्बन्ध बना रहे हैं। जिसका प्रमुख कारण है यौन सम्बन्ध की जानकारी का अभाव। असुरक्षित यौन सम्बन्ध से संक्रामक रोग जैसे – T.B, AIDS आदि को बढ़ावा मिल रहा है। इस शिक्षा के माध्यम से देश के युवाओं को जागरूक किया जा सकता है।
अशुरक्षित यौन सम्बन्ध से तेजी से फैलने वाला प्रमुख रोग AIDS है इसका पूरा नाम – “एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशियेंसी सिंड्रोम” है। यह रोग HIV नामक वायरस से फैलता है। HIV का पूरा नाम – “ह्यूमन इम्यूनोडिफिशियेंसी वाइरस” है। यह वायरस शरीर में प्रवेश कर शरीर की रोगों से लड़ने वाली शक्ति को नष्ट कर देता है। और व्यक्ति AIDS नामक रोग से ग्रसित हो जाता है। यौन सम्बन्ध की शिक्षा देने से इन सभी दुष्परिणामों से बचाव किया जा सकता है।
आज की युवा पीढ़ी पूरी तरह से नशे में लिप्त होकर अक्सर असुरक्षित यौन सम्बन्ध बना लेती है। जिसके कारण उनके शरीर में उपस्थित रोग जनक विषाणु वीर्य एवं योनि के माध्यम से दूसरे के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। नतीजा वे किसी भयानक रोग से ग्रसित हो जाते हैं। यौन सम्बन्ध से सर्वाधिक तेजी से बढ़ने वाला रोग AIDS है। आज विश्व की लगभग 5 करोंड़ जनसंख्या इस रोग से ग्रसित है। यदि यौन संबंध के बारे में युवाओं को सही जानकारी दी जाय तो वे ऐसी गलतियाँ नहीं करेंगे और ऐसे संक्रमित रोगों से बच सकते है।
ग्रामीण एवं आंचलिक क्षेत्रों के पुरूष जो जीविकोपार्जन के लिए धन कमाने बाहर जाते हैं वे प्राय: नशीले पदार्थों का सेवन करके वैश्यालयों में जाकर यौन सम्बन्ध बनाते हैं। वैश्यालयों की स्त्रियों में जो संक्रामक रोग होते हैं वे संभोग करते समय पुरूष के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और पुनः उस पुरूष के माध्यम से किसी अन्य स्त्री में प्रवेश कर जाते हैं। अगर इन सभी लोगों को यौन सम्बन्ध के बारे में सही जानकारी दी जाय तो ये एड्स आदि भयानक एवं जानलेवा रोगों से बच सकते हैं और ऐसे अनेक संक्रामक रोगों को फैलने से रोक सकते हैं।
अधिकांशत: व्यक्तियों में यौन सम्बन्ध के बारे में जानकारी का अभाव होता है वे निर्णय नहीं ले पाते कि यह सही है या गलत। समाज में व्याप्त कुरीतियों के कारण उनके कदम बहक जाते हैं और वे किसी के साथ भी शारीरिक सम्बन्ध बना लेते हैं। अक्सर ऐसे व्यक्ति प्राय: किसी भयानक रोग से संक्रमित हो जाते हैं। यौन सम्बन्ध के माध्यम से यह रोग फैलता ही जाता है। ऐसे संक्रमित रोगों से ग्रसित व्यक्ति में कार्य करने की शक्ति समाप्त हो जाती है। वे किसी भी कार्य को करने में असमर्थ हो जाते हैं। अत्यन्त गहरा प्रभाव देश की आर्थिक शक्ति पर पड़ता है। अगर यौन सम्बन्ध के बारे में युवाओं को जागरूक किया जाय तो यह भयावह स्थिति उत्पन्न नहीं हो सकती है।
विज्ञान की दृष्टिकोंण से आज जो सम्पूर्ण विश्व में संक्रामक एवं जानलेवा बीमारियाँ तेजी से बढ़ती जा रही हैं उनका प्रमुख कारण है असुरक्षित यौन सम्बन्ध। लोगों के इसके बारे में जानकारी के अभाव के कारण ऐसे रोगों को बढ़ावा मिल रहा है। यौन संचरित संक्रमणों(एस.टी,आई) यानि इति जन्य रोगों और प्रजनन मार्ग से होने वाले संक्रमणों से HIV का जोखिम बढ़ता जाता है। जैविक संरचना के कारण महिलाओं में यौन सम्बन्ध बनाने के कारण HIV संरचित होने का जोखिम अधिक रहता है। अधिक शारीरिक सम्बन्ध बनाने से जनसख्या में वृद्धि हो रही है तथा पुरुषों की शारीरिक शक्ति कमजोर होती जा रही हैं।
वर्तमान समय में जो बीमारियाँ फ़ैल रही हैं जो भ्रष्टाचार हो रहा हैं उसका प्रमुख कारण है यौन सम्बन्ध की शिक्षा का अभाव। अगर वर्तमान समय में यौन सम्बन्ध के बारे में सही जानकारी दी जाय तो आज की युवा पीढ़ी अपने चारित्रिक गुणों को निखारेगी तथा जागरूक हो जायेगी। इन सभी बातों से स्पष्ट है कि वर्तमान समय में यौन सम्बन्ध की शिक्षा की महती आवश्यकता है। तो आयिये हम सब मिलकर यह संकल्प ले कि जन-जन में ज्योति जलाएंगे, विश्व को एड्स मुक्त बनायेंगे।
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