बाल दिवस पर विशेष भाषण व निबन्ध – Children’s Day (Bal Diwas) Essay & Speech In Hindi

Children’s Day Essay in Hindi – ये तो सर्वविदित है कि पण्डित जवाहरलाल नेहरू बाल दिवस के प्रेरक और संचालक हैं। उन्होंने इसे महत्वपूर्ण बनाने में और बच्चों के विकास पर बहुत ध्यान दिया। वे हमेशा से बच्चों को ऊर्जावान बनाने के लिए उनका हौंसला बढ़ाते रहते थे। वे प्रत्येक बच्चे को उच्च शिक्षा प्राप्त करवाना चाहते थे।
इसलिए उनके जनमदिन को बाल दिवस के रूप में 1956 से पूरे राष्ट्र में खासतौर पर दिल्ली में विशेष उत्साह और उल्लासपूर्ण ढंग मनाया जाता है। इस अवसर पर शांतिवन, नेहरू जी की समाधि, पर श्रद्धा से पुष्प अर्पित कर बच्चे चाचा नेहरु को याद करते हैं। सभी स्कूलों के चुने हुए बच्चे इण्डिया गेट के पास स्थित नेशनल स्टेडियम में इकट्ठे होते हैं। वहाँ वे बहुत ही आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। उनका सामूहिक व्यायाम प्रदर्शन बहुत आकर्षक होता है। बच्चों को देशभक्ति और पण्डित नेहरू के जीवन के आदर्शों पर चलने की प्ररेणा दी जाती है। कार्यक्रम के अंत में नेहरू जी का प्रिय गुलाब का फूल और मिठाई बच्चों को दी जाती है।

देश में बाल दिवस के कार्यक्रम
यह दिन पूरी तरह बच्चों को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन होता है, इसलिए इस दिन देश भर में जगह – जगह बाल मेले लगते है जिसमें बच्चे सच बोलना, सहयोग करना, निष्पक्षता, राष्ट्रीयता, समयबद्धता, सहिष्णुता, करुणा आदि मानवीय गुणों को सीखते है। यही गुण उनमें पुष्पित, पल्लवित व विकसित होकर उन्हें देश का अच्छा नागरिक बनाते है। इस दिन विद्यालयों में विशेष रूप से खेलकूद तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है ।
शिक्षा का उद्देश्य मानव का सर्वंगीण विकास करना है। यह विकास केवल पुस्तकी शिक्षा से संभव नहीं। इसके लिए खेलकूद कार्यक्रमों का आयोजन भी बहुत महत्व रखता है। इसलिए इस अवसर पर खेलकूद प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विजयी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया जाता है।
कई स्थानों पर बच्चों को निबंध प्रतियोगिता चाचा नेहरु के नारे व भाषण द्वारा ज्ञान प्राप्त कराया जाता है। ताकि बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को और अधिक बढ़ावा मिले। इन आयोजनों में नेहरू जी के प्रति श्रद्धाजलि अर्पित करके उनकी शिक्षाओं, आदर्शों तथा सिद्दांतों को भी याद किया जाता है।
इसे कैसे मनाया जाए
बाल दिवस बच्चों की खुशियों का दिन होता है, देश के भावी कर्णधारों के बारे में सोचने और विचारने का दिन होता है। बच्चों की शिक्षा – दीक्षा, इनके भविष्य, इनकी वर्तमान दशा आदि के संबंध में चिंतन – मनन करने का एक सुनहरा अवसर होता है, देश का पूरा भविष्य बच्चों की उन्नति पर निर्भर है। इसलिए बाल दिवस को केवल नेहरू जी के प्रति श्रद्धा प्रदर्शित करने तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए । इसका आयोजन बच्चों के विकास के लिए करना चाहिए । इस दिन बच्चों से जुड़े मुद्दों जैसे बाल मजदूरी, स्वस्थ्य, उनकी शिक्षा, संस्कार, मानसिक और शारीरिक विकास पर गंभीरता से विचार – विमर्श करना चाहिए।
नेहरु जी की शिक्षाएँ, आदर्श, सिद्धांत और बच्चों के लिए उनका प्यार हम सब की जरुरत हैं। पिछले कई दशकों से बलात्कार, ट्रेन डकैती, चैन स्नैचिंग आदि खबरे आए दिन समाचार पत्रों में पढ़ने व सुनने को मिल जाती है। बच्चों में बढ़ती इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए बाल दिवस जैसे उत्सव की अत्यंत आवश्यकता है ताकि लोगों में जागरूकता लाकर ऐसे विकारों को दूर किया जा सके।
यह भी पढ़े
अगर आप नहीं चाहते कि बच्चा इंटरनेट पर अश्लील सामग्री देखे
पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू का जीवन परिचय
चाचा नेहरू के 5 प्रेरक प्रसंग कहानियाँ
बाल दिवस का महत्व
बाल दिवस पर विशेष भाषण
बाल दिवस पर निबंध
बाल कविता एवं गीत
प्रिय पाठकों आप हमें अपना सुझाव और अनुभव बताते हैं तो हमारी टीम को बेहद ख़ुशी होती है। क्योंकि इस ब्लॉग के आधार आप हैं। आशा है कि यहाँ दी गई जानकारियां आपको पसंद आयेगी होगी, लेकिन ये हमें तभी मालूम होगा जब हमें आप कमेंट्स कर बताएंगें। आप अपने सुझाव को इस लिंक Facebook Page के जरिये भी हमसे साझा कर सकते है। और हाँ हमारा free email subscription जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं। धन्यवाद!
|