नारी शोषण पर कविता (Poem on women in Hindi)

‘Nari’ Hindi Poem
तस्वीर अब भारत की देखो सब बदली – बदली लगती है ।
हिंसा हो रही उस नारी की जो हम सबको ही जनती है ।
मर्यादा की बात बताकर मत डयोढ़ी में बंद करो,
कत्ल करो उस रावण का घटना हरने की होती है ।
तस्वीर अब भारत की देखो, सब बदली – बदली लगती है ।
जीने का अधिकार उसे है अधिकारों के संगम में,
अधिकार छिनते है, जब उस से तब दुर्गा माँ वह बनती है ।
तस्वीर अब भारत की देखो, सब बदली – बदली लगती है ।
नर इतना अब क्रूर हुआ पशुता भी शरमाती है,
घटना नारी की सुनकर छाती भी फट जाती है ।
तस्वीर अब भारत की देखो, सब बदली – बदली लगती है ।
नर समझे जगलीला को नारी ही सच्ची साथी है,
अधिकार उसे दे बढ़ने का तब आगे बढ़ पाती है ।
तस्वीर अब भारत की देखो, सब बदली – बदली लगती है ।
नारी ही घर की लक्ष्मी है अपमानित जब होती है,
लेकर मलवारे हाथों में वह लक्ष्मीबाई बनती है ।
तस्वीर अब भारत की देखो, सब बदली – बदली लगती है ।
नारी का सम्मान करो मत भारत को बदनाम करो,
अहिंसा सिखलाओं हिंसक को जिससे यह हिंसा होती है ।
तस्वीर अब भारत की देखो, सब बदली – बदली लगती है ।
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bhaut accha laga padh kar. Thanks………. isi tarah naari par aur article likhe.