International Women’s Day Speech 2021 in Hindi

यह महिला दिवस भाषण, महिलाओं के महत्व, आवश्यकता और उनका सम्मान करने के लिए करने के लिए प्रेरित करेगा। तो चलिए इस महिला दिवस पर भाषण को पढ़ना शुरू करते हैं जो हमनें खास आप के लिए महिला के सम्मान में बोलने के लिए लिखा हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व पर विस्तृत भाषण एवं निबंध (International Women’s Day Essay & Speech In Hindi)
नमस्ते ! सर्वप्रथम महिला सम्मान, सशक्तिकरण एवं उनके हक़ में अग्रहणी भूमिका निभानेवाली अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सुनहरें भविष्य की कामना करते हुए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता/देती हूँ। नारीयों ने सदियों से भारी विरोध और विपरीत परिस्थियों का सामना करते हुए न केवल अपनी गरिमा की रक्षा की बल्कि अपने परिवार, समाज और राष्ट्र को भी एक नई पहचान दी है। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आने लगी है। आज की नारी अब जाग्रत और सक्रिय हो चुकी है।
युग पुरुष स्वामी विवेकानंद ने ठीक कहा है –“नारी जब अपने ऊपर थोपी हुई बेड़ियों एवं कड़ियों को तोड़ने लगेगी तो विश्व की कोई शक्ति उसे नहीं रोक पायेगी |”
सच में इस सदी के एक दसक में नारी जिस तरह सशक्त हो रही है, उससे समाज परिचित है, लेकिन मूढ़ मान्यताएँ उसके विकास में बाधक बनती हैं। इसके बावजूद महिलाओं ने अपने जीवन के कठिन अवरोधों को पार कर विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति के शिखरों को छुआ है।
आधुनिक भारत की नारियों ने भी स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण की ओर अपने कदम तेजी से बढ़ाने शुरू कर दिए है तनिजतन इनकी प्रतिभा व सामर्थ्य को अब सभी स्वीकार कर रहे हैं और यथोचित पद उन्हें दिए जा रहे हैं, जिसकी हकदार स्त्री हमेशा से ही रही है। इसका उदाहरण भारतीय मूल की पारित शाह है जिन्हें अमेरिकी वाणिज्य विभाग में सार्वजनिक मामलों का उपनिदेशक नियुक्त किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में पहली बार एक साथ दो महिला न्यायाधीश बनाई गई।
खेल जगत में भी भारतीय मूल की महिलाएं आशचर्यजनक रूप से अपना कीर्तिमान स्थापित करके दुनिया को चकित कर रही है। मेरी कॉम, गीता फोगाट, पीवी सिंधु, सानिया मिर्जा, सायना नेहवाल, साक्षी मालिक, मिताली राज आदि जैसी महिलाएँ खेल जगत की गौरवपूर्ण पहचान है तो प्रियंका चोपड़ा, एश्वर्याराय, सुष्मिता सेन, लारा दत्ता, मानुषी छिल्लर आदि महिलाओं ने सौन्दर्य प्रतियोगिता जीतकर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रौशन किया।
प्रथम आइपीएस अधिकारी किरण वेदी ने कठोर प्रशासकीय दायित्वों का सकुशल निर्वहन करके, मदर टरेसा ने अनाथों को गले लगा करके, इंदिरा प्रियदर्शनी ने देश को कुशल नेतृत्व प्रदान करके तो कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स ने आकाश की उचाईयों को छूकर नारी सामर्थ्य का अभिनव परिचय प्रस्तुत किया जो सभी के लिए आदर्श स्वरुप है।
अब इस में कोई संदेह नहीं कि महिलाएं अपने अधिकार, सम्मान और अपनी सामर्थ्य को पहचानने लगी हैं और अपनी क्षमताओं का भरपूर उपयोग कर रही हैं, इस कारण वे सफलता के ऐसे कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं, जिनके बारे में कभी सोचा नहीं गया था।
आज भारत के कोने – कोने में रहने वाली महिलाओं के अंदर छिपी हुई प्रतिभाएं तेजी से उभर कर समाज के सामने आ रही है और समाज भी उनकी महत्ता को स्वीकारने के लिए विवश हो रहा है। लेकिन यहाँ हम इस कटु सत्य से मुंह नहीं मोड़ सकते कि महिलाओं को आज भी पुरुषों की तुलना में कम मजदूरी मिलती है। यही नहीं सूदूर गांवों में उनका शारीरिक शोषण भी आम बात है।
इसका भी काफी हद तक समाधान हो सकता है अगर महिलायें खुद आगे बढ़कर आये। महिला दिवस की सफलता की पहली शर्त जहाँ मूलत: महिलाओं के सर्वोतोमुखी विकास में निहित है, वही दूसरी शर्त के बतौर हमें यह कहने में भी लेशमात्र हिचक नहीं है कि पुरुष मानसिकता में आमूलचूक बदलाव आए और वह इस वास्तविकता को जाने कि घर के कामकाज के साथ जब महिलाये अन्य महत्वपूर्ण और चुनौती भरे क्षेत्रों में भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है, तो फिर महिलाओं की क्षमता पर संदेह और सवाल किस लिए ?
अधिकांश परंपरागत लोगों को अब भी यही लगता है कि स्त्री को घर के कामों तक ही सीमित रखा जाना चाहिए और कार्य के लिए कदम नहीं उठाना चाहिए, क्योंकि ये उनका कार्य क्षेत्र नहीं है। इनकी इसी सोच और पारिवारिक दबाव के चलते अधिकांश महिलाएं अपनी महत्वाकांक्षाओं को या तो स्वयं ही महत्व नहीं देती या उन्हें विवश किया जाता है। पर दुःख तो इसी बात का है कि ये इन्हें ये ज्ञात नहीं कि महिलाओं को आज भी समान क्षमता प्राप्त है, वे भरोसेमंद और मूल्यवान हैं। आज की महिलाएं अपनी ताकत और क्षमताओं का लोहा हर क्षेत्र में मनवा रही हैं और समाज और विश्व में फलस्वरूप योगदान करने के लिए बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। उनमें अपरिमित शक्ति और क्षमताएँ विद्यमान है और सबसे बड़ी बात स्त्री सृजन की शक्ति है।
महिला दिवस इन महान महिलाओं के व्यक्तिव एवं कृतित्व के बारे में प्रत्येक व्यक्ति को याद दिलाने और विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा अन्य स्थानों में इसके महत्व को बताने का सबसे मजबूत बुनियादी तरीकों में से एक है। वास्तव में महिलाओं के लिए यह एक खास दिन है, जहां वे सम्मानित और सराहनीय होती हैं। ये एक ऐसी घटना जो एक राजनीतिक संबंध के रूप में शुरू हुई है, जो वर्षों से विकसित हुई है और अब महिलाओं को सम्मान देने के रूप में मनाई जा रही है। इस अवसर पर हमें इन्हें फूल, ग्रीटिंग कार्ड और ज्यादातर क्षेत्रों में उपहार देकर सम्मानित करने के साथ एक बेहतर दुनिया का निर्माण करने का प्रयास करना चाहिए जहां पुरुष और महिला सामंजस्यपूर्ण, हिंसा और भेदभाव से मुक्त रहते हैं।
महिलाओं का सशक्तीकरण के लिए इस तरह की सोच में व्यापक बदलाव की जरूरत है। समाज में अपनी बेटियों को सम्मान दिलाने का तथा उन्हें उनकी क्षमताओं से परिचित कराकर विश्व गगन पर उनके सपनों को उड़ान देना हमारा भी कर्तव्य है। इसके लिए समाज के विभिन्न वर्गों को सपर्पित रूप से यह सोचकर कार्य करना चाहिए कि – “जिंदगी तब बेहतर होती है, जब आप खुश होते हैं, लेकिन जिंदगी तब बेहतरीन होती है, जब आपकी वजह से लोग खुश होते हैं।” हम तब तक खुश और सुखी नहीं हो सकते जब हमारे घर की स्त्री शिक्षित नहीं होती और उसे समाज में समानता का दर्जा नहीं मिलता। संविधान की प्रस्तावना में वर्णित ‘समानता’ यथार्थ के धरातल पर दिखायी सामाजिक और वैचारिक पर्यावरण परिवर्तित हो। सकरात्मक दृष्टि हो, नवीन परतिमान सृजित हों इसके लिए समस्त महिला समाज को ‘अप्प दीपोभाव’ को चरितार्थ करते हुए आगे आना होगा।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व पर विस्तृत भाषण एवं निबंध
Friends ये essay & speech on International Women’s Day in Hindi खासतौर पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं के सम्मान में बोलने के लिए लिखा गया है और उम्मीद है कि आपको ये लेख बेहद पसंद आया होगा | अगर ऐसा है तो देर किस बात की फटाफट इसे share करें ताकि दूसरे भी इसका लाभ उठा सके और हाँ हमारा free email subscription जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं |
good post
it is very useful
bahut aacha likha hai aap ne.
Read your post, find it really useful and informative on this Women’s Day. Happy Women’s Day to all women who have played a great role to make our life easier as a mom, a wife, a sister.
behtreen post, very informative
बहुत अच्छा लेख बबिता जी … बधाई
Good Post महिलाओं का सशक्तिकरण बहुत ज़रूरी है ,आपने सही लिखा है बबिता जी ,जिस देश व समाज मे महिलाओं को समान सम्मान दिया जाता है ,वह समाज अच्छी तरह विकास करता है,पोस्ट के लिए धन्यवाद बबिता जी,