स्वच्छता ( साफ़ – सफाई) पर कविता (Hindi Poem on Cleanliness for Clean India Mission)

स्वच्छता पर हिंदी कविता (Hindi Poem on Cleanliness for Clean India)
प्रधानमंत्री जी ने लिया संकल्प,
स्वच्छ रहेंगे, स्वस्थ रहेंगे |
चलाया उन्होंने स्वच्छता अभियान,
मेरा भारत महान |
लेते हैं यह प्रण, गॉव शहर को
स्वच्छ रखेंगे हम |
हर ओर रखेंगे साफ – सफाई का ध्यान,
तभी तो पूरा होगा स्वच्छता अभियान |
स्वच्छता से बीमारी को भगायें दूर,
होंगे हम स्वच्छ जरुर !
साफ – सफाई का बजा डंका चहु ओर,
बढ़ रहा स्वच्छता अभियान जोर – शोर |
नदी, नाला, तालाब होगा साफ एक सामान,
तभी तो होगा मेरा भारत महान |
प्रधानमंत्री जी का संकल्प पूरा करने
की ली है ठान,
बनेगा मेरा भारत महान |
गांधी जी का सपना,
स्वच्छ भारत हो अपना |
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स्वच्छ वातावरण पर कविता (Hindi Poem on Cleanless for Clean Environment)
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साफ सफाई का सपना था, बापू जी के ध्यान में |
आओ मिल सब हाथ बटाये, स्वच्छ भारत अभियान में ||
घर आँगन की करे सफाई, साफ दिखे हर कोना,
इधर उधर मत फेको कूड़ा दिल में यही सजोना |
करो इकठ्ठा एक साथ सब डालो कूड़ेदान में,
आओ मिल सब हाथ बटाये, स्वच्छ भारत अभियान में ||
गलियों और पार्को में भी साफ सफाई रखना,
निज आँगन की तरह सदा ही इनको आप समझना |
खुद भी टहलो बच्चे खेले इसी बीच दरम्यान में,
आओ मिल सब हाथ बटाये, स्वच्छ भारत अभियान में ||
हर घर में शौचालय होवे खुले शौच नहीं जाना |
बहन बेटियों को भी हरदम बात यही बतलाना |
आदत यही बना दो मिलकर बूढों और जवान में,
आओ मिल सब हाथ बटाये, स्वच्छ भारत अभियान में ||
अस्पताल हो या कार्यालय विद्द्यालय, सचिवालय,
साफ सफाई हरदम रखे समझे इन्हें शिवालय,
देख इसे मेहमान भी समझे आये देश महान में,
आओ मिल सब हाथ बटाये, स्वच्छ भारत अभियान में ||
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सफाई के महत्व पर कविता (Hindi Poem on Clean Environment / Cleanless)
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कोई गली बहार रहा, कोई पार्क की शान बना |
भारत को स्वच्छ बनाने का यह सुंदर अभियान बना ||
कूड़ा न कभी हम यूँ , सड़क पर जानकार फेंके |
आदत यूँ सफाई की, जरा पहचान कर देखे |
मिशन ये स्वच्छ भारत का, बढाओ साथ में मिलकर |
सफाई तुम उधर देखो, सफाई हम इधर देखे ||
सफाई व स्वच्छता के प्रति जागरूक करता दो का पहाड़ा (Poem on swachhta in Hindi )
दो एकम दो । साबुन से हाथ धो
दो दूने चार । साफ हो घर द्वार
दो तीने छ: । स्वच्छता कि जय
दो चौके आठ। नाखूनों को काट
दो पंजे दस। दांतों में हो ब्रश
दो छके बारह। शौचालय हो प्यारा
दो सत्ते चौदह। एक लगाओ पौधा
दो अठ्ठे सोलह। साफ़ रखो चोला
दो नवा अठ्ठारह। स्वच्छ शहर हो हमारा
दो दसम बीस। डॉक्टर की बचे फीस।
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Very nice poem on swachhta.
Nice ?
Nice poem…superb…
Nice poem
Thank You for this.
Very very good poems