गणतंत्र दिवस पर भाषण – Republic Day Speech In Hindi
वंदे मातरम ! इस सभागार में उपस्थित सभी गणमान्य अथिति, शिक्षकगण और प्यारे साथियों को मेरा नमस्कार। जैसा कि आप सबको ज्ञात है, आज हम यहाँ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्वतंत्र भारत के 72वे गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्र को नमन करने के लिए एकत्रित हुए है।
हमारे लिए यह परम गौरव की बात है कि ऐसे राष्ट्रीय पर्व सचमुच हमें याद दिलाते हैं कि हम सब विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र देश में एक है और स्वतंत्र है। गणतंत्र प्रजातंत्र का ही एक स्वरुप है। आप में कोई ऐसा है जो प्रजातंत्र में नहीं रहना चाहता ? खुद प्रजातंत्र में रहने के साथ आप सभी यह भी अवश्य चाहते होंगे कि आपका परिवार, सगे सम्बन्धी, परिचित, देश, समाज सभी प्रजातंत्र में रहें तो अच्छा है।
हमारे देश के गणतंत्र ने भी इसी प्रेम, समानता और भाईचारे को अपनाया है। गणतंत्र अथवा प्रजातंत्र की परिभाषा है जिसमें राजकीय सुविधाओं के लिए सब सामान हों। और यही वह सिद्धांत है जिसे गणतंत्र कहते है। इस सिद्धांत को आसानी से ग्रहण करने के लिए ही बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में सात सदस्यों की कमेटी ने सन 1950 की 26 जनवरी को संविधान के रूप में एक ऐसी जबरदस्त ताकत दी जो हमें मजबूर करती है कि हम मिल – जुल कर रहे और मिल – जुल ही खाना खाए। इसके अलावा अन्यत्र कोई रास्ता नहीं है। वास्तव में हम सब के लिए यह एक गौरवशाली और महत्वपूर्ण दिन है ।
आज ही वह महत्वपूर्ण दिवस है जब हमें नया और अपना संविधान मिला था। इस दिन की अपनी एक गौरवमयी गाथा और महत्व है । दरअसल हमारे देश की सदियों की परतंत्रता की बेडियां तो वास्तव में 15 अगस्त, 1947 को टूटी और भारत अंग्रेजी शासन से मुक्त हुआ, लेकिन आजादी के बाद भी हम पूर्ण रूप से स्वतंत्र न थे क्योंकि हमारा कोई अपना संविधान न था।
इस प्रकार भारत को गणतंत्र बनाने के लिए जो नया और अपना संविधान बना उसके निर्माण में ढाई वर्ष लग गए और जब हमारा संविधान बनकर तैयार हो गया तो उसे सन 1950 की 26 जनवरी को इस देश में लागू किया गया।

इस संविधान में सर्वोच्च संवैधानिक सत्ता के रूप में राष्ट्रपति का पद भी बनाया गया था जो स्वतंत्र भारत के संविधान के अनुसार भारत का सर्वोच्च शासक राष्ट्रपति के नाम से पुकारा जाने लगा एवं संविधान में भारत को सर्वप्रभुतासपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य भी घोषित किया गया। इस प्रकार की शासन व्यवस्था से भारत संसार का सबसे बड़ा स्वतंत्र गणतंत्र राज्य बन गया ।
चूकी स्वतंत्रता के बाद भारत के ऐतिहासिक संविधान का निर्माण 26 जनवरी 1950 का दिन होने के कारण से इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया और तब से इसके महत्व को सम्मानित करने और ऐतिहासिक स्वतंत्रता को याद करने के लिए प्रत्येक वर्ष इस दिन को ‘गणतंत्र दिवस’ के नाम से एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में बड़ी धूम – धाम से सारे देश में, विशेषत: राजधानी दिल्ली में मनाते है।
अंत मैं अपनी वाणी को विराम देते हुए बस यही कहना चाहूँगा कि हम इस दिन का जितना भी गुणगान करे वह काफी नहीं होगा। यह दिवस हमारी राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। इसलिए मैं देश के सभी वीर जवानों को याद करते हुए उनको शत-शत नमन करता हूं। उनका अभिनंदन करता हूं और कामना करता हूं कि देश की गणतंत्रता की लौ सदा यूं ही जलती रहें। जय हिंद जय भारत
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आशा करती हूँ कि ये भाषण छोटे और बड़े सभी के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। गणतंत्र दिवस और संविधान के विषय में लिखते समय अनजाने में हुई किसी भी त्रुटी के लिए क्षमा करें। इसे सरलता से गणतंत्र दिवस के आयोजनों में बोलने के उद्देश्य से प्रस्तुत करने का यह केवल एकमात्र प्रयास था। और गर अच्छा लगा हो तो इसमें निरंतरता बनाये रखने में आप का सहयोग एवं उत्साहवर्धन अत्यंत आवश्यक है।
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Great post.
Thanks very nice speech
Thanks very nice speech
Thanks
मेरे देश के सभी प्यारे छोटे बड़े भाई-बहनों और प्यारे साथियों,आप सभी लोगों को मेरा यानि ऋषभ गंगवार का नमस्कार।
सर्वप्रथम मैं भारत देश को आजाद कराने में अपनी-अपनी भूमिका निभाने और अपना बलिदान देने के लिए देश के सभी क्रांतिकारियों को शत-शत नमन करता हूं और उन वीर जवानों को भी नमन करता हूं जो हमारी और हमारे देश की सुरक्षा में अपनी जान की परवाह किए बगैर बॉर्डर पर तैनात हैं।
26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस,
गणतंत्र दिवस जैसा कि हम जानते हैं 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान बनकर लागू हुआ था एक ऐसा दिन जिस दिन से दुनिया हमें विश्व का स्वतंत्र गणतंत्र देश मानने लगी थी,गणतंत्र का अर्थ यह है कि अपने देश को चलाने,कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपने देश को स्वतंत्र और लोकतांत्रिक बनाने के लिए तंत्रों का गठन करना था जो आजादी के बाद लगभग ढाई वर्ष बाद बनकर तैयार हुआ था जिसे हम लोग संविधान कहते हैं इसी दिन को हम लोग गणतंत्र दिवस के रूप में हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाते हैं और इस दिन हमारे देश की आजादी में शहीद हुए क्रांतिकारियों को सलामी और याद करते हुए मनाते हैं।
आज का दिन स्वतंत्रता प्राप्ति आंदोलन में किए गए संघर्षो और बलिदानों की भी याद दिलाता है इसमें संदेह नहीं है कि इस समय हमारे गणतंत्र के सामने अनेक कठिनाइयां हैं क्योंकि पाकिस्तान और चाइना अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है जहां चाइना ने हमारी जमीन हड़पी जो अब तिब्बत में है।वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान हमारे देश से कश्मीर को अलग करने की के लिए हमेशा युद्ध करता है।
हमारे सामने बहुत कठिनाइयां हैं लेकिन यकीन भी है कि हम पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए काबिल हैं। सर्जिकल स्ट्राइक इसमें सबसे बड़ा उदाहरण हम गणतंत्र दिवस पर बोल तो बहुत सकते हैं लेकिन शायद यह काफी नहीं होगा मैं देश के सभी वीर जवानों को याद करते हुए उनको शत-शत नमन करता हूं उनका अभिनंदन करता हूं और कामना करता हूं कि अब कोई वीर जवान शहीद ना हो।
धन्यवाद
जय हिंद-जय भारत
वंदे मातरम