स्वच्छता पर कहानी
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स्वच्छता एवं साफ सफाई पर निबंध Essay And Speech on Cleanliness In Hindi

स्वच्छता और हमारे जीवन में इसका महत्व पर निबंध

Cleanliness Essay in Hindi – नमस्कार! इस युग की एक समस्या जो सभी को परेशान कर रही है वह है अपने आसपास के माहौल का अस्वच्छ होना। इसलिए अपनी और अपने घर की साफ सफाई (obscure cleaning) के साथ – साथ हमें अपने आस – पास की साफ सफाई पर भी खास ध्यान देना चाहिए। साफ – सफाई या स्वच्छता हमारी मूलभूत कर्तव्यों में से ही एक है।

लेकिन अफसोसनाक बात ये है कि व्यक्ति यह हार्दिक आकांक्षा तो रखता है कि वह स्वस्थ रहे, उसका शरीर सुन्दर, सुडौल, सक्षम बना रहे। उसको कोई रोग न लगे तथा वह हमेशा सुखमय जीवन व्यतीत करे । लेकिन अकसर यही लोग स्वच्छता को बाध्यकारी कार्य मानकर कभी जानबूझकर कर तो कभी अनजाने में सार्वजनिक, धार्मिक स्थलों व अपने आस – पास के अन्य जगहों पर गंदगी फैलाते हैं । ये लोग अपनी और अपने घर की साफ – सफाई तो करते हैं, लेकिन अपने आस – पास की सफाई करते हुए विरले ही दिखते हैं। इनका यह कृत्य समाज व राष्ट्र की छवि धूमिल करता है ।

ऐसा नहीं कि ये स्वच्छता का महत्व नहीं जानते है बल्कि वास्तविकता तो ये है कि इन्हें लगता हैं कि सार्वजनिक, धार्मिक स्थलों व अन्य जगहों की साफ – सफाई का जिम्मा केवल सरकारी एजेंसियों का है। हममें से ज्यादातर लोग इस बारे में कभी गम्भीरता से नहीं सोचते कि अगर हमारे आस – पास का मोहल्ला स्वच्छ साफ़ नहीं रहेगा, तो घर चाहे हम जितना भी साफ़ रखे, आस – पास की गंदगी हमें बीमार बनाएगी। जब तक हमारे घर और रास्ते गंदे रहेंगे, तब तक हम अपने – आपको सभ्य और सुसंस्कृत नहीं कह सकते। 

देश के भीतर ही कई बड़े शहरों के अंदर कूड़ा कचरे का अंबार लगा हुआ है। इन जगहों पर फैली गंदगी व कूड़ा कचरा सफाई व्यवस्था की सच्चाई बयां करने के लिए काफी है। सड़को से लेकर कई अन्य स्थानों पर जगह – जगह पान की पीक, गंदगी व बदहाली साफ दिखती है, लेकिन सोचने वाली बात तो यह है कि क्या साफ – सफाई कराने के जिम्मेदार अधिकारीयों की लापरवाही से हर तरफ अस्वच्छता है। बिलकुल नहीं। सामाजिक रूप से वही कुशल व्यक्ति होता है जो स्वच्छता को अपना मूल कर्तव्य मानता है । जब तक देश का हर नागरिक इसे अपनी जिम्मेदारी मानकर स्वयं नहीं उठायेंगे, तब तक स्वच्छता के लक्ष्य तक पहुँच पाना नामुमकिन हैं।

आज इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि देश के 60 फीसदी से ज्यादा लोगों के खुले में शौच करने की बुरी आदत के कारण कई जानलेवा बीमारियाँ पनप रही है और देश में बाल कुपोषण की समस्या भयावह बनी हुई है । ऐसे में भारत को स्वच्छ बना पाना, उस समय तक तो संभव ही प्रतीत नहीं होता जब तक कि देश के किसी भी भाग की महिलाएँ एवं लडकिया स्वच्छ शौचालय जैसी बुनियादी स्वच्छता सेवाओं से वंचित हैं ।

स्वच्छता न होने के दुष्प्रभाव सभी समुदायों पर पड़ते है जो बीमारियों के प्रकोप एवं ख़राब स्वास्थ्य के रूप में परिलक्षित होते है । वैसे तो देश व समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए अनेक साधन और उपाय है । उनमें से कुछ सरकारी या गैर – सरकारी सस्थाओं द्वारा संचालित हैं तो कुछ का संचालन व्यक्तिगत रूप से निजी स्तर पर हो रहा है । पर हाल ही में जो सत्ता में नई सरकार आई है उसकी मुख्य प्राथमिकता भारत को स्वच्छ करने में है । इसी लिहाज से उसने एक क्रांतिकारी अभियान की शुरुआत की जिसका नाम है “स्वच्छ भारत अभियान ” है ।

Essay on Cleanliness in hindi
Essay on Cleanliness in hindi

“स्वच्छ भारत अभियान ” Clean India Mission in Hindi

स्वच्छता संदेश के प्रति जागरूक करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को सफलतापूर्वक प्रारंभ किए गए स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य लक्ष्य वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत की नीतियों का अनुसरण करते हुए देश को स्वच्छ बनाना था। इस मिशन का लक्ष्य स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ ही 2019 तक लोगों के लिए अस्वस्थकारी प्रथाओं को खत्म करना है । साफ सफाई के महत्व को हर जन तक फैलाना था। 

देश में पहली बार स्वच्छता को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए इस तरह का आक्रमणकारी अभियान चलाया गया । यह अभियान राष्ट्रहित में मील का पत्थर साबित हो सकता है अगर हर भारतीय नागरिक का इसमें मजबूत योगदान हो । इसलिए  यह भारत में सबसे बड़े अभियान के रूप में गिना जाता है ।

दरअसल संख्या की दृष्टि से कम से कम बुनियादी स्वच्छता तक किसी भी प्रकार की पहुँच न रख पाने वालों की सर्वाधिक जनसंख्या भारत में है । इस दृष्टि से स्वच्छता अभियान का व्यापक उद्देश्य बुनियादी स्वच्छता तक पहुँच हर भारतीय का एक छोटा कदम पूरा कर सकता है ।

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स्वच्छ भारत की संकल्पना न सिर्फ भारत सरकार का एक सार्थक प्रयास है बल्कि सभी भारतियों की यह एक नैतिक जिम्मेदारी है । और इसीलिए इस स्वच्छता अभियान को गांधी जी के जन्म दिन 2 अक्टूबर से जोड़ा गया है क्योंकि गाँधी जी स्वच्छता को देशभक्ति के सामान मानते थे । 

महात्मा गांधी इस बात पर बहुत बल देते थे सफाई का कार्य मनुष्य स्वयं करें क्योंकि जो सफाई नहीं करता वह पाप करता है । गांधी जी ने हमेशा सभी को अपना कार्य करने की शिक्षा दी । दक्षिण अफ्रीका में संघर्ष करते हुए भी लोगों को साफ सफाई जैसी अच्छी आदत को करने की शिक्षा दी ।

साफ सफाई का हमारे स्वास्थ्य से घनिष्ठ नाता होता है तभी तो जब हम गंदगी के संपर्क में आते है तो उसका सीधा कुप्रभाव हमारे स्वास्थ्य (health) पर पड़ता है। अत: अपनी और अपने घर की साफ सफाई (obscure cleaning) के साथ – साथ हमें अपने आस – पास की साफ सफाई पर भी खास ध्यान देना चाहिए। साफ – सफाई या स्वच्छता हमारी मूलभूत कर्तव्यों में से ही एक है। 

लेकिन ध्यातव्य  है कि साफ  – सफाई की महत्ता केवल सामूहिक जीवन में ही नहीं बल्कि आर्थिक, सामाजिक और नैतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है । समाज के सर्वांगीण हित की दृष्टि से सफाई के बुनियादी तथ्यों तक पहुंचना बेहद जरुरी है पर विडम्बना यह है कि इन बुनियादी तथ्यों तक पहुंचने के लिए  सामायिक जागरूकता, सामान्य नागरिक संचेतना, शिक्षा में स्वच्छता को औचित्य्पूर्ण  सम्मानजनक स्थान आदि कई अनगिनत बातों को महत्व नहीं दिया जाता है । जबकि भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रति वर्ष करोंड़ों रुपये सरकारी तौर पर खर्च होते है फिर भी न जाने कितने ही बच्चों का जीवन कचरा बीनते हुए ही खत्म हो जाता है ।

सच तो यह है कि बढ़ती जनसंख्या के साथ कचरा प्रबंधन भी एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है । इसलिए उपयोग की गई वस्तु का रिसाइकल कर आमजन के लिए रोजगार के नये रास्ते खोले जा सकते है। इसके अलावा कचरे से वर्मी कम्पोस्ट जैसे प्राकृतिक उर्वरको आदि का निर्माण किया जा सकता है ।इससे जहाँ रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, वही सही तरीके से कचरा निष्पादन से लोगों के स्वास्थ्य पर भी उनका बुरा असर नहीं पड़ेगा और हमारे स्वास्थ्य खर्चे में भारी कमी हो सकती है ।

गंदगी समाज और खुद अपने आप दोनों को लिए हानिकारक होती है । घर हो, ऑफिस हो, कोई पालतू जानवर हो या आपका अपना स्कूल, कुआ, तालाब, नदी आदि सहित स्वच्छता एक स्वस्थ आदत है जो स्वच्छ पर्यावरण और स्वस्थ जीवनशैली के लिए हर किसी के पास होनी चाहिए। स्वयं और राष्ट्रहित के लिए स्वच्छता के निम्न उपाय कारगर है –

–> स्वच्छ भारत की नीतियों का अनुसरण करते हुए अपने देश को स्वच्छ रखने में पूर्ण सहयोग प्रदान करें।

–> गीले एवं सूखे कचड़े हेतु हरे एवं नीले के डस्टबिन का प्रयोग करें।

–> देश भर में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान में बढ़ – चढ़ कर सहयोग प्रदान करें।

–> खुले में शौच न करें, खुले में शौच करना एक दंडनीय अपराध है।

–> प्रतिबंधित पोलिथीन का प्रयोग न करें, यह भी दंडनीय अपराध है।

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–> सिर्फ घर पर और खाने के पहले ही हाथ न धोएं।

–> Workplace पर भी हाथ धोने की अच्छी आदत डाले।

–> इसी तरह office में landline phone को कई लोग छूते है इसलिए phone का इस्तेमाल करने के बाद हाथ जरुर धोएं। 

–> ऐसे ही अन्य सामान भी घरों में होते है जैसे टीवी, एयरकंडीशनर, music system और दूसरी electronic device के remote, दरवाजों के handle और light switch, car स्टेयरिंग , बच्चों के खिलौने , घर और computer या laptop की keyboard, kitchen का sink इत्यादि के इस्तेमाल के बाद सफाई जरुरी है।

–> समुचित और नियमित सफाई के लिए यह गौरतलब है कि हर जगह की सफाई के लिए अलग तरह के उपकरणों , कीटनाशकों और खास तरह के तौर तरीकों को अपनाने की जरुरत रहती है।

–> Fridge में महज गैस्केट से ही नहीं बल्कि door handle और shelf से भी गंदगी फैलती है। इसलिए इसे रोजाना नहीं तो कुछ दिनों पर साफ़ करते रहे।

–> पालतू जानवरों के साथ खेलने के बाद हाथ जरुर धोएं।

–> अपने घर और office की दीवारों और खिड़कियों की भीतरी दीवारों और कोनों की सफाई खास तौर पर करें। अकसर देखने में आता है कि लोग ऊपरी सफाई करते है पर अंधेरे कोनो पर ध्यान नहीं देते हैं। यही सबसे ज्यादा बीमारियों के कीटाणु पलते बढ़ते है। और इनका सफाया करने में किसी तरह की कोताही बरतना बीमारियों को दावत देना ही है।

–> जब बीमार हो तो रुमाल की जगह टिश्यू पेपर (Tissue paper) का इस्तेमाल करें।

आखिरकार सबसे बड़ी सम्पत्ति आप की सेहत ही है । कहा भी जाता है कि स्वास्थ्य ही धन है और स्वास्थ्य है तो सबकुछ है । इसलिए इस धन को प्राप्त करने के लिए उपर्युक्त साफ – सफाई को नजरअंदाज मत कीजिए । साफ सफाई की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार या प्रशासन की ही नहीं है। इसमें देश के प्रत्येक नागरिक की भूमिका अहम् है। अगर लोग इसके प्रति जागरूक नहीं होंगे तो स्वच्छता अभियान सफल होना संभव नहीं है।

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Babita Singh
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3 thoughts on “स्वच्छता एवं साफ सफाई पर निबंध Essay And Speech on Cleanliness In Hindi

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