बिटकॉइन से सम्बंधित पूरी जानकारी (Information About Bitcoin in Hindi Language)
Bitcoin in Hindi : इस लेख में हम जानेंगे कि संसार भर में लोकप्रिय हो चुकी बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी क्या है, Bitcoin कैसे कमाया जाता है, बिटकॉइन का इतिहास क्या है, किसने इसे बनाया, क्या Bitcoin का कोई भविष्य है तथा Bitcoin के फायदे या नुकसान क्या है |
आपने अब तक पैसे के कई रूप देखे होंगे जैसे की रुपया, डॉलर, येन, यूरों, पाउंड इत्यादि | इनमें से ज्यादातर करेंसी कागज की बनी होती है जिन्हें आप आँखों से देख सकते है और हाथों से छू कर महसूस भी कर सकते है लेकिन अब विश्व की अर्थव्यवस्था जगत में एक नई करेंसी बिटकॉइन ने जन्म लिया है जो आज के टाइम में बहुत ज्यादा पॉपुलर है और जिसका विश्लेषण दुनिया के सबसे मूल्यवान करेंसी के रूप में किया जा रहा है |

दुनिया भर में बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता का ही नतीजा है कि यह हर दिन हर समय एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रही है | आज की तारीख में तो बिटकॉइन ने लोगों को 1200% से अधिक का return दिया है यही वो सबसे बड़ी बजह है कि दुनिया का हर कोई इस नई मुद्रा के बारे में जानना चाहता है |
बिटकॉइन क्या है (Bitcoin Kya Hai)
बिटकॉइन सामूहिक कम्पूटर नेट्वर्क पर आपसी भुगतान के लिए क्रिप्टोग्राफी से सुरक्षित की हुई एक नई तरह की मुद्रा है जो खासतौर पर डिजिटल (digital) या वर्चुअल (virtual) रूप से दुनिया के लिए बनाई गई है और जो की डिजिटल पर्स में ही रखी जाती है |
दूसरे शब्दों में कहे तो बिटकॉइन दुनिया की पहली डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है जो ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर आधारित है जिसका इस्तेमाल विश्व में कभी भी कही भी किया जा सकता है |
दुनिया की इस पहली विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा में सन 2017 में 1200% से अधिक का इजाफ़ा हो चुका है और लोकप्रियता बढ़ने से आने वाले समय में इसकी कीमत और बढ़ने की सम्भावना है |
बिटकॉइन शिकागो बोर्ड वायदा एवं विकल्प एक्सचेंज पर सूचीबद्ध हुई है और मौजूदा दौर में दुनिया भर के हजारों प्रोग्रामर बिटकॉइन के फीचर्स को ज्यादा मजबूत बनाने में लगे हुए है जिससे इसके इस्तेमाल को और ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकेगा |
बिटकॉइन का इतिहास
बिटकॉइन की शुरआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी जिसे छद्म नाम धारी सातोशी नकामोतो नामक एक इंजीनियर ने विकसित की थी | जब बिटकॉइन शुरू किया गया था तो इसका असली मकसद ये साबित करना था कि पैसों का क़ानूनी लेन – देन बिना थर्ड पार्टी के भी संभव है |
22 मई 2010 को पहली बार एक पिज्जा के बदले 10 हजार बिटकॉइन की पेशकश की गई थी यानि तब एक बिटकॉइन की कीमत 10 सेंट से भी कम थी लेकिन आज बिटकॉइन की कीमत कई हजार गुना बढ़ चुकी है जिससे बिटकॉइन को ज्यादा से ज्यादा लोग खरीदने की कोशिश करने लगे है और बिटकॉइन की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है |
बिटकॉइन कैसे काम करता है और बिटकॉइन के क्या फायदे है
बिटकॉइन का आदान – प्रदान peer to peer तकनीक के जरिए होता है यानि इसमें डिजिटल रकम एक कम्प्यूटर से सीधे दूसरे कम्प्यूटर में पहुंचती है लेकिन इस लेन – देन को सुरक्षित बनाते है वो हजारों लोग जो अपने ताकतवर कम्प्यूटर्स की मदद से इन ट्रांजक्शन पर नजर रखते है और इनकी जांच करते है और जो भी व्यक्ति ऐसा सफलतापूर्वक कर लेता है उसे इनाम के तौर पर कुछ बिटकॉइन दिए जाते है | इसे बिटकॉइनिंग की माइनिंग कहा जाता है |
दरअसल कोड लैंग्वेज़ में होने वाले इस आदान – प्रदान को वेरीफाई करने वाले हजारों लोग इस प्रक्रिया में बैंक के एक क्लर्क की तरह काम करते है और इन्हें ही माइनर्स कहा जाता है |
ये लोग transactions पर नजर रखते है की इसका गलत इस्तेमाल न हो लेकिन इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए इन miners को एक mathematical प्रॉब्लम solve करनी होती है | जो miner जितनी जल्दी इस प्रॉब्लम को solve कर लेता है उसे प्रॉब्लम solve करने के बदले में कुछ बिटकॉइन दिए जाते है | और इस तरह से बिटकॉइन डिजिटल बाजार में आ जाते है | बिटकॉइन की अर्थव्यवस्था का निर्माण इस तरह से किया गया है कि एक निश्चित समय के बाद बिटकॉइन की संख्या घटकर आधी रह जाती है |
शुरुआत में एक ब्लाक से 50 बिटकॉइन निकला करते थे | प्रति ब्लाक बिटकॉइन की संख्या हर 4 वर्ष में घटकर आधी रह जाती है | आज से 125 वर्षों के बाद नए बिटकॉइन का निर्माण बिल्कुल बंद हो जाएगा | एक गणना के अनुसार तब तक दुनिया में कुल 2 करोड़ 10 लाख बिटकॉइन आ चुके होगे | बिटकॉइन भविष्य की करेंसी है और भविष्य में ख़त्म भी हो जाएगी | इसलिए लोगो में ज्यादा से ज्यादा बिटकॉइन खरीदने की होड़ मची हुई है |
इन बिटकॉइन का एक खास लाभ ये भी है कि कोई व्यापारी अपने उत्पाद के लिए भुगतान के रूप में इन्हें स्वीकार भी कर सकता है | बिटकॉइन से ऑनलाइन भुगतान के अलावा पारम्परिक मुद्राओं से भी बदला जा सकता है | बिटकॉइन की खरीद बिक्री के लिए विनिमय बाजार भी है तथा कुछ देशों में बिटकॉइन के ATM भी हो गए है |
फ़िलहाल इसकी लोकप्रियता और लोगो का ध्यान आकर्षित करने का एक कारण यह भी है कि बीते साल पूरी दुनिया में संभवतया बिटकॉइन से ज्यादा प्रतिफल किसी और निवेश से नहीं मिला | बिटकॉइन से मिलने वाले बेतहाशा रिटर्न ने tax की चोरी की आशंका से सभी देश की सरकारों को चिंता में डाल दिया है |
बिटकॉइन के संभावित खतरे या नुकसान
वित्तीय लेन – देन का सुरक्षित, तेज और आधुनिक तरीका होने के बावजूद बिटकॉइन के अपने कई खतरे या नुकसान भी है | इसलिए बहुत सारे देश अभी तक ये तक नहीं कर पाए है कि बिटकॉइन को कानूनी मान्यता दी जाए या नहीं |
इसके अलावा जहाँ किसी भी मुद्रा की कीमत उस देश की अर्थव्यवस्था सरकार और केन्द्रीय बैंक की विश्वसनीयता और नीतियों पर निर्भर करती है वही ऐसा कोई आधार न होने के कारण बिटकॉइन भरोसे के लायक नहीं है |
बिटकॉइन की कीमत आखिर किस कीमती चीज की कीमत है ? किसी वित्तीय संस्था या देश या किसी वास्तविक वस्तु से न जुड़े होने का अर्थ यह भी तो है कि इसके पीछे कोई वास्तविक आधार ही नहीं है | अगर इस तरह सोचे तो फिर यह आभासी रूप से बनाई हुई एक सैद्धांतिक मुद्रा के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है | इसका अर्थ यह हुआ कि इसकी कीमत महज सट्टे पर आधारित है अर्थात इसकी बढ़ी हुई कीमत महज एक अटकल और वित्तीय बुलबुला है |
इसके अतिरिक्त बिटकॉइन की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होने के कारण कम्पूटर और हैंकिंग से जुड़े खतरे भी है | इससे जुड़े कई तरह के तकनीकी सवाल भी अभी तक अनुत्तरित है जैसे encrypted होने की वजह से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी करने वाले माफिया तथा दूसरे अपराधिक तत्व का वित्तीय लेन देने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करने के लिए स्वाभाविक ही प्रोत्साहन देगा जो की खतरानाक है |
बिटकॉइन का क़ानूनी दायरे में नहीं आना भी एक बड़ा खतरा है | बिटकॉइन के लेनदेन किसी क्लियरिंग एजेंसी से होकर नहीं जाते अर्थात कुछ गड़बड़ हुई तो किसी की जिम्मेदारी नहीं है | इसके लिए कोई नियंत्रण संस्था भी नहीं है |
बिटकॉइन के बारे में कुछ अन्य जानकारियाँ
आभासी मुद्रा बिटकॉइन की कीमत में हाल के दिनों में आई भारी उछाल ने दुनिया की सरकारों को चिंता में डाल दिया है | इस बारे में देश में नियमन का अभाव है | यही वजह है कि सरकारें अब इस आभासी मुद्रा बिटकॉइन को लेकर नीति बनाने और इसके कारोबार पर नियंत्रण करने पर विचार कर रही है |
बिटकॉइन के खतरों पर अर्थ जगत के विशेषज्ञों का एक मत नहीं है | जहां कुछ इसमें नई अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा और सोने जैसा होने की क्षमता देखते है वही अधिकतर इससे सतर्क रहने की चेतावनी भी देते है |
कुछ तो इसे अर्थशास्त्र के सिद्धांतों के विरुद्ध मानते है तो कई इसे मुद्रा से ज्यादा सट्टेबाजी की वस्तु मानते है जिसका कोई वास्तविक आधार नहीं है |
वर्तमान में बिटकॉइन की अस्थिर कीमतें दर्शाती है कि फ़िलहाल इसमें एक स्थित मुद्रा होने के कोई गुण नहीं है | भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी हाल में ही बिटकॉइन की खरीद बिक्री, इस्तेमाल और उससे जुड़े संभावित खतरों पर चेतावनी जारी की थी |
मीडिया रिपोर्ट्स का भी कहना है कि खुद भारत में बिटकॉइन बनाने और इस्तेमाल करने वाले बड़ी संख्या में मौजूद है | इसके आलावा कई और देशों ने बिटकॉइन को लेकर चिंता व्यक्त की है |
आगे आने वाले दिनों में बिटकॉइन की कीमत बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि कितने देश इसे स्वीकार और वैधानिक मान्यता देते है | अगर सभी देशो ने इसे अवैध करार दिया या प्रतिबंधित कर दिया तो बिटकॉइन वैसे ही अर्थहीन हो जाएगा |
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