नारी शिक्षा पर कविता
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महिला शिक्षा पर कविता – Women Education Poem In Hindi

Women Education Poem in Hindi – Shiksha Par Kavita (Hindi Poem On Education).

Women Education Poem In Hindi - Kavita
Women Education Poem In Hindi – Kavita

नारी शिक्षा पर कविता / Short Poem on Nari in Hindi

अकसर हम देखते है कि जब घर में बेटा पैदा होता है तो सबके मन और हृदय में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है लेकिन बेटी पैदा हो तो घरों में थोड़ी उदासी के बादल छा जाते हैं। अगर हम गहराई से झांककर देखें तो बालक हो या बालिका दोनों में सबकुछ करने की अपार क्षमता छिपी हुई है और दोनों ही आसमान छू सकते है तो आखिर क्यों क्षमता रहित समझकर नारी को शिक्षा से वंचित होना पड़ता है। इतिहास गवाह है कि नारी ने हमेशा से परिवार संचालन का उत्तरदायित्व सम्भालते हुए समाज निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। तो क्या ऐसी पुण्यवती नारी को शिक्षित कर उसका विकास और उन्नति करना प्रत्येक जन का कर्तव्य नहीं है। आइये आज हम इस कविता के माध्यम से नारी शिक्षा की आवश्यकता को समझते है –

सामाजिक भावनाओं से क्षुब्ध एक बेटी अपनी माँ से कहती है कि

हम जो बोलते हैं वो लिखते कैसे हैं

हिंदी के अक्षर दिखते कैसे हैं

स्कूल क्या होता है ये

मैं कैसे जान पाऊँगी

अपने सपने को मंजिल तक कैसे पंहुचाऊँगी

मैं कैसे इन शब्दों को प्यार बयां कर पाऊँगी

मैं कैसे भाई – बहनों को शिक्षा दे पाऊँगी

कैसे मैं किसी को अपना गुरु बनाऊँगी

क्या मैं जिंदगी में अनपढ़ कहलाऊँगी

इक्कसवीं सदी नारी जीवन में सुखद सम्भावनाओं की सदी है अब नारी हर क्षेत्र में आगे आने लगी है । आज की नारी अब जाग्रत एवं सक्रिय हो चुकी है तभी तो शिक्षा के प्रति जाग्रत माँ उसे समझाती है कि

मंजिल उसी को मिलती है,

जिसके सपने में जान होती है ।

पंखों से कुछ नहीं होता,

हौसलों से उड़ान होती है ।।

Women Education Poem In Hindi
Women Education Poem In Hindi

सर्वविदित है कि कर्तव्य की मांग के अनुसार नारी अपने आप को ढालने की अद्भुत क्षमता रखती है। नारी शिक्षा से सम्बन्धित कोई भी परिवर्तन उसके लिए कठिन या अस्वाभाविक नहीं है इसका प्रमाण माँ की बातों से जागरुक बेटी कहती है कि

जिंदगी में कुछ करना है मुझे,

अपनी राह मैं खुद बनाउंगी ।

माने कोई या ना माने,

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मैं उसी रास्ते पर जाऊँगी ।

किसी सहारे की जरुरत नहीं मुझे,

खुद ही गुरु मैं खुद बन जाउँगी । ।

आप सबसे अपील है कि नारी शिक्षा को अपनी-अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी मानते हुए चेतना जगाने का काम करें, तभी भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। यदि नारी शिक्षा में कमजोर रही तो देश पूरी तरह से प्रगति नहीं कर पाएगा और हमारे राष्ट्रीय सम्मान के लिए चिंता का विषय बना रहेगा।

We are grateful to Roshni ji for sharing such heart touching women education poem.

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Babita Singh
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10 thoughts on “महिला शिक्षा पर कविता – Women Education Poem In Hindi

  1. आपकी लिखी रचना “पांच लिंकों के आनन्द में” शनिवार 13 अगस्त 2022 को लिंक की जाएगी

  2. नारी सशक्तिकरण पर बेहद प्‍यारी और प्रेरक कविताएं संग्रहीत की हैं आपने, आभार।

  3. नारी शिक्षा पर बहुत ही सुन्दर लेख लिखा है बबिता जी आपने , लड़का हो या लड़की दोनों मे कोई अन्तर नहीं है ,अन्तर है तो बस सोच की , जो सोच हम लड़के के लिये रखते है ,बस वही सोच हमें लड़की के लिये भी रखनी चाहिये , क्योंकि लड़के व लड़की मे कोई अन्तर नहीं है ,

  4. नारी शिक्षा पर आधारित बहुत ही सुन्दर कविता प्रस्तुत की आपने, शेयर करने के लिए बहुत – बहुत धन्यवाद बबीता जी.

  5. बबिता जी, नारी सशक्तिकरण पर आपका लेख और कविता अच्छी लगी । आज नारी किसी पर डिपेंड नही है । वह अपनी राह खुद बना सकती है । अपनी मंजिल स्वयं तय कर सकती है ।

    नीरज
    http://Www.janjagrannews.com

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