स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत पर निबंध

विकास का मतलब मानव की केवल भौतिक आवश्यकताओं से नहीं बल्कि उसके जीवन की सामाजिक दशाओं में सुधार से सम्बन्धित होना चाहिए । अत: आर्थिक विकास में आर्थिक के अतिरिक्त सामाजिक, सांस्कृतिक एवं संस्थागत परिवर्तन शामिल होने चाहिए । विकास और स्वच्छता एक – दूसरे के विरोधी नहीं ये एक – दूसरे के पूरक हैं । एक संतुलित एवं साफ वातावरण के माध्यम से ही विकास के प्रयास रह सकते हैं । तभी मनुष्य जीवन के उच्च स्तर पर पहुँच सकता है ।
अगर आप स्वस्थ शरीर पाना चाहते है तो मन की पवित्रता के साथ – साथ शरीर की स्वच्छता अनिवार्य है। स्वच्छता आर्थिक, सामाजिक और नैतिक दृष्टि से भी अति आवश्यक है। किसी भी समुदाय या स्थान के समग्र विकास के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है।
इस बात का स्पष्ट उल्लेख हमारे धर्मग्रथों में किया गया है। तभी तो यहाँ के अधिकांश पर्व ऐसे है जिनकी तैयारियों के लिए साफ़ – सफाई कुछ दिन पूर्व से ही शुरू हो जाती है । घरों की लिपाई – पुताई साफ – सफाई करने में पूरा कुनबा जुटा रहता है । इन तीज – त्यौहारों पर ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने सफाई अभियान का शंखनाद कर दिया हो, लेकिन बिडम्बना ये है कि यह स्वच्छता अभियान केवल अपनी और अपने घरों की साफ – सफाई तक ही सिमित रह जाता है।
वहीं सामाजिक, धार्मिक स्थलों या फिर कोई भी सार्वजनिक जगहों के कुछ खास ऐसे ठिकाने जहाँ कचड़े और उनमें पनप रहें कीटाणुओं (germs) की अधिकता से हमें जो शारीरिक, मानसिक तौर पर कष्ट होता है जो असुविधा होती है उस कष्ट को नजरअंदाज करना जैसे की हमारी आदत ही हो। इन जगहों पर फैली गंदगी व कूड़ा कचरा सफाई व्यवस्था की सच्चाई बयां करने के लिए काफी है। सड़को से लेकर कई अन्य स्थानों पर जगह – जगह पान की पीक, गंदगी व बदहाली साफ दिखती है ।
वास्तविकता तो यह है कि अपने घर में सफाई को लेकर हम जितने संजीदा रहते हैं, सार्वजनिक स्थलों पर इस स्वच्छता को लेकर उतने ही लापरवाह और गैरजिम्मेदाराना रुख अपना लेते है। असल में सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी फैलाना मानों लोग अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हो और बड़ी मात्रा में अस्वच्छता फैलाते है। असल में इस अस्वच्छता का सबसे बड़ा जिम्मेदार स्वच्छता के महत्व का ज्ञान न होना भी है । स्वच्छ भारत के लिए हमें अपने घर, गली, शहर, आदि सबको साफ करना होगा।
स्वच्छता के लिहाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “स्वच्छ भारत अभियान” एक क्रांतिकारी कदम कहा जा सकता है जो किसी भी समुदाय या स्थान विशेष के समग्र विकास के लिए बहुत जरुरी भी है । मोदी जी खुद कहते है कि स्वच्छता को देशभक्ति की भावना से जोड़कर देखना चाहिए । जब गाँधीजी ने कभी स्वच्छता से समझौता नहीं किया और देश को आजादी दिलाई तब हम क्यों न स्वच्छ भारत के उनके सपने को साकार करें ।

हालांकि भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रति वर्ष बहुत ज्यादा पैसा सरकारी तौर पर खर्च होते है फिर भी जाने कितने ही बच्चों का जीवन कचरा बीनते हुए ही खत्म हो जाता है । सच तो यह है कि बढ़ती जनसंख्या के साथ कचरा प्रबंधन भी एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है । इसलिए उपयोग की गई वस्तु का रिसाइकल कर, आमजन के लिए रोजगार के नये अवसर प्रदान किए जा सकते है । इसके अलावा कचरे से वर्मी कम्पोस्ट जैसे प्राकृतिक उर्वरको आदि का निर्माण किया जा सकता है । इस से जहां रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, वही सही तरीके से कचरा निष्पादन से लोगों के स्वास्थ्य पर भी उनका बुरा असर नहीं पड़ेगा और हमारे स्वास्थ्य खर्चे में भारी कमी हो सकती है ।
साफ – सफाई (cleanliness) केवल सामूहिक जीवन में ही नहीं बल्कि आर्थिक, सामाजिक और नैतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है । समाज के हित के लिए सफाई के बुनियादी तथ्यों तक पहुंचना बेहद जरुरी है । स्वच्छ भारत की संकल्पना न सिर्फ भारत सरकार का एक सार्थक प्रयास है बल्कि सभी भारतियों की यह एक सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी भी है।
*********************************************************************************************
स्वच्छता और स्वास्थ्य पर निबंध
स्वच्छता पर Slogans, Poems & Quotes
स्वच्छ भारत अभियान पर कविता कोट्स और नारे
स्वच्छ भारत अभियान पर उत्कृष्ट भाषण
|
Friends इस Swachh Bharat Swasth Bharat Essay – स्वच्छता अभियान पर भाषण के साथ – साथ हमारे Facebook Page को जरुर like करे और इस Post को share करे | और हाँ हमारा future post सीधे आप अपने inbox में प्राप्त करना चाहते है तो ख्याल रखें का email subscription ले सकते है जो की मुफ्त है |
I am proud of this mission I am sure that we achieved freedom in 1947 after great struggle and sacrifice Similarly we will achieve our Swatha Bharat Abhiyan successfully with will power of Indians
Thx for ur article bcoz of u my daughter stood first in writing essay on swachata abhiyan.Thanks a lot
Thanks Darshana ji and congratulations to your daughter on winning competition.
Oooohhhh it’s wonderful article, there are so many things you share. Keep it up ma’am.
wonderful
Condition of Delhi still not good after 3rd year of Swachh Bharat Abhiyan.
https://www.youtube.com/watch?v=cG_fb4ulJa8
Swachata Shanti aur Shalinta ka Pratik h…hum sab logo ko Apne Dainik jivan me ise aadat me lana chaiye. Jab Hoga swacch Gaav Nagar hamara..ho jayega bimariyo se kinara..jai hind jai bharat!!
Thanks Gyan C. Jain and keep reading.
nice article thnx for share this article
Thanks Gaurav ji.
बहुत ही अच्छा आलेख …
स्वक्षता को जीवन में अपनाना होगा … रोज मर्रा अपम्नना होगा तभी देश स्वच्छ रह सकता है … हम बीमारियों से दूर भी रह रकते हैं …
Thanks Digamber ji.
बहुत अच्छा आर्टिकल शेयर किया आपने…बिलकुल सही कहा आपने कि स्वछता से हमारी संस्कृति का पुराना नाता है.
Thanks Avinash ji and keep reading.
स्वच्छ भारत अभियान एक बहुत अच्छा अभियान है | स्वच्छता शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है | पर इसमें जनता का सहयोग भी जरूरी है | दिल्ली में पोलिथीन पर बैन के शुरूआती नतीजे अच्छे आये हैं | उम्मीद है जैसे जैसे अभियान आगे बढेगा जनता का सहयोग बढेगा |एक जरूरी विषय पर अच्छी प्रस्तुति |
Thanks and keep visiting.
hame sub swach bhart tabhi kar sakthe ha jab hum apne ghr, shehar ku swach rakh sake .. Thanku for the motivation post
धन्यवाद Akriti.
सुंदर प्रस्तुति। वैसे जब तक देश के नागरिकों की सोच नही बदलती वो नही सुधरते टैब तक ये अभियान सफल नही हो सकते।
धन्यवाद ज्योंति जी ।