खेल कूद के लाभ महत्व एवं स्वास्थ्य निर्माण में योगदान पर निबंध (Essay on khel kood ke labh, mahatva aur hamara swasthya : Sports Essay in hindi)

एक प्राचीन कहावत है “पहला सुख निरोगी काया”। इसका मतलब है कि सुखी जीवन का भोग करने के लिए स्वस्थ शरीर का होना जरुरी है। लेकिन शरीर तभी स्वस्थ हो सकता है जब इसके सभी अंग दुरुस्त यानि फिट हो और शारीरिक अंगों को फिट रखने हेतु खेलों से बढ़कर अन्य कोई साधन नहीं है।
जीवन में खेल ही है जो हरेक प्रकार के शारीरिक, सामाजिक, मानसिक, बौद्धिक, और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य गुणों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान करता है। इसीलिए आधुनिक युग में खेलों के प्रति लोगों की रूचि बढ़ने लगी है।
पहले लोग खेल – कूद को शौक, शुगल, मनोरंजन के रूप में या हॉबी अथवा व्यवसाय के रूप में खेलते थे। लेकिन अब जीवन में खेलों के लाभ और महत्व को देखते हुए इसे अपने जीवनशैली में स्वस्थ्य रहने के लिए शामिल करने लगे है।
खेल अब केवल विद्यार्थी जीवन के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं रहा बल्कि बच्चे, नौजवानों और बृद्ध सबके जीवन में स्वस्थ सुडौल और पुष्ट शरीर के लिए खेल किसी उपहार से कम नहीं है।
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खेलों का स्वास्थ्य के साथ गहरा सम्बन्ध होने के कारण अब हर माता – पिता बच्चों को स्पोर्ट्स में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने लगे है। वस्तुतः स्कूलों और कॉलेजों में भी खेल को एक एक्टिविटी के रूप में प्राथमिकता दी गई है। जहाँ शिक्षक और छात्र दोनों ही खेल के मैदान में अपने शारीरिक क्षमताओं को विकसित करते दिखाई पड़ते है।
खेलों का महत्व ( Importance of Sports and Health in Life)
स्वास्थ्य के मामलें में खेलों की महिमा अपरम्पार है। खेल शरीर को स्वस्थ और स्फूर्तिमय बनाये रखते है।
खेल – कूद के दौरान शरीर के लगभग सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है। मांसपेशिया सुदृढ़ बनती है जिससे काया निरोगी रहती है। स्वास्थ्य रक्षा और सशक्त शरीर के लिए खेल अनिवार्य है। शरीर की श्रम साध्यता इन्हीं पर निर्भर करती है।
खेल का मैदान स्वास्थ्य पर एक स्थायी छाप छोड़ता है। यह शरीर का एक ऐसा ढ़ाचा तैयार करता है जो चुस्त फुर्तीला और बलिष्ठ होता है। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए बहुसंख्यक शिक्षा संस्थाओं में खेल – कूद एक अनिवार्य विषय है।
कहने का आशय यह है कि हर बालक, किशोर और युवा जो कल का नागरिक है, खेलों के माध्यम से स्वस्थ शरीर का निर्माण करें ताकि उसका जीवन स्वयं के लिए और साथ ही समाज व देश के लिए उपयोगी बन सके।
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Khel aur Swasthya par achha nibandh hai.
बहुत अच्छा निबंध लिखा है आपने ।
Very nice and easy essay . Thanks a lot.
Very nice knowledge.
Love this essay. Helps me very much.
Thanks
खेल , कुद ,पर बहुत ही उत्तम लेख है ,खेल ,कुद शरीर को स्वस्थ रखने के साथ साथ हमारे मानसिक बिकास मे भी अहम भूमिका निभाता है ,सभी बच्चों के लिए खेल , कुद का एक विशेष महत्व होता है,इस उत्तम लेख के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद बबिता जी।
खेलों से ताजगी और शरीर का व्यायाम निरंतर होता है और साथ ही मनोरंजन भी …
इसलिए ये जीवन में उपयोगी होते हैं …
धन्यवाद दिगंबर जी ।
खेलों के द्वारा शरीर तो स्वस्थ होता ही है , मानसिक स्वास्थ्य भी बढ़ता है | कहा भी गया है की स्वस्थ तन में स्वस्थ मन निवास करता है |विद्यार्थियों के लिए तो यह बहुत जरूरी हैं | क्योंकि उस समय सब कुछ बन रहा होता है | आजकल के बच्चों को इंडोर गेम्स में ज्यादा व्यस्त हो जाने के कारण स्वास्थ्य समस्याएं जल्दी घेर रही हैं | ऐसे में उन्हें वापस घर आउट दूर गेम्स की ओर मोड़ना होगा | एक बहुत ही उपयोगी आलेख बबिता जी
धन्यवाद वंदना जी ।
Jab school me the tab exercise or game boring lagte the but aj jab is lifestyle se gujar rhe h to pta chalta h kitna jaruri h game or exercise ka hamari life me
Thanks babita ji for this article
Thanks Kumar ji.
आपने बिलकुल सच कहा कि – जीवन में खेल ही है जो हरेक प्रकार के शारीरिक, सामाजिक, मानसिक, बौद्धिक, और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य गुणों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान करता है| इसलिए खेलों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है|
इस विशेष लेख के लिए बहुत – बहुत धन्यवाद बबीता जी..
धन्यवाद अविनाश जी ।
very nice post and knowledgeable too.
keep it rocking up !
Thank you Sam ji.