Teachers Day Speech in Hindi
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शिक्षक दिवस पर निबंध – Teacher’s Day Essay In Hindi

शिक्षक दिवस पर सरल व संक्षिप्त निबंध एवं भाषण

Teachers Day In Hindi - Speech
Teachers Day In Hindi – Speech

ये सर्वविदित है कि किसी भी सभ्य एवं शिक्षित समाज का निर्माण शिक्षक वर्ग ही करते हैं । हमारे शास्त्रों में भी ज्ञान की शिक्षा देने वाले गुरू को श्रेष्ठ एवं महत्वपूर्ण माना गया है। माता पिता हमें जन्म देते हैं लेकिन हमारे ज्ञान, कौशल के स्तर को बढाकर एक अच्छा और सफल इंसान बनाने वाले शिक्षक ही होते हैं। 

शिक्षक जीवन भर संघर्ष की धूप में जल कर अपने शिष्य को हमेशा ज्ञान का अमृत पान कराते हैं। इस धरती पर विद्यार्थी के लिए भगवान के सामान होते हैं शिक्षक। 

बच्चें की ज़िंदगी पर अनन्तकालीन प्रभाव डालने वाले, उसका सच्चा मार्गदर्शक केवल शिक्षक ही होते है। उसके प्रभाव को किसी पैमाने से नापा या तौला नहीं जा सकता है। वास्तव में जो शिक्षा और संस्कार शिक्षक अपने बालकों को देता है वह अनमोल और अद्भुत होता है। 

यद्यपि कभी-कभार शिक्षक विद्यार्थी के साथ कठोर रवैया अपनाता है। लेकिन यह विद्यार्थी के भले के लिए करता है। जबकि अन्दर से एक सौम्य व कोमल दिल वाला शिक्षक होता हैं। उसका हृदय तो विद्यार्थियों के कल्याण की कामना से हमेशा भरा होता है। जैसे कुम्हार नहीं चाहता है कि, उसके हाथ के बनाये बर्तन टूट – फूट जायें. ठीक उसी प्रकार कोई भी शिक्षक नहीं चाहता कि उसके विद्यार्थी कभी जीवन में असफल हो जायें। और जैसे कुम्हार ऊपर से चोट करता है किन्तु बर्तन को आकार प्रदान करने हेतु अन्दर हाथ का सहारा देता है, ठीक उसी प्रकार अपने विद्यार्थी को उन्नति के पथ पर देखने के लिए वह उनको दण्ड भी देता है, और डांटता भी है। 

वास्तविकता में विद्यार्थी की जिंदगी की मुश्किल से मुश्किल राह, शिक्षक के साथ व सहयोग से आसान होती है। इन शिक्षकों से नव संदेश पाकर विद्यार्थी जीवन हमेशा से प्रेरित होता रहा है। अगर इनका सम्बल न होता तो विद्यार्थी जीवन में ना तो स्फूर्ति भर सकते है और ना सफलता पा सकते है। वास्तव में शिक्षक इस समाज की सच्ची संपत्ति हैं।

शिक्षक जनमन के नायक, राष्ट्र के उन्नायक हैं। असल में शिक्षक समाज के प्राण हैं। शिक्षक ही देश के अनमोल रत्न हैं जो किसी पद या सम्मान के मोहताज नहीं हैं बल्कि पद और सम्मान उनके नाम से गरिमामय हैं।

भारतीय दर्शन में भी शिक्षक को गुरु के रूप में सम्मानित किया गया है जो अपने ज्ञान, प्रज्ञा, अपरिग्रह एवं आदर्श आचरण के द्वारा समाज में एक अत्यंत सकारात्मक भूमिका का निर्वहन किया। ऐसे में देश के प्रत्येक व्यक्ति को अपने शिक्षक के लिए आवश्यक होता है कि वह जिस दशा में है जिस परिस्थिति में है जहां भी है, आज का दिन अपने शिक्षक को समर्पित कर दे।

यह बात आपको बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि हमारे सच्चे हितैषी, परम प्रेरणादायक गुरुजनों को समर्पित एक विशेस दिन (शिक्षक दिवस) निर्धारित हैंजिसका जश्न भारत सहित विश्व भर में मनाते है

शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) शिक्षक के आदर और सम्मान मनाया जाने वाला भारत का एक गौरवशाली राष्ट्रीय पर्व है। इसे हर साल 5 सितम्बर (5th September) को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में 1962 से मना रहें हैं। 

इस अवसर पर महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का भी हम तहेदिल से अभिनन्दन करते हैं जो इस दिन के लिए प्रेरणास्रोत है और जिनके जन्मदिन पर टीचर्स डे प्रभावी हुआ।  आप को बता दे कि डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक ऊँचे दर्जे के इंसान थे । अध्ययन – अध्यापन से उन्हें गहरा लगाव था । शीर्ष पद पर पहुँचने पर भी ये अपने आप को अध्यापक ही मानते थे।

डा. सर्वपल्ली निश्चित रूप से फूलों के बीच गुलाब की तरह थे। उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने के कारण इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता हैं । ऐसे महानायक के जन्मदिन को टीचर्स डे के रूप में मनाना हम सब के लिए वाकई बड़े ही गर्व की बात है। लेकिन शिक्षक दिवस के महत्व को भी हमें समझना होगा।

हमारे देश में जब से शिक्षा का व्यवसायीकरण हुआ है, शिक्षकों की गरिमा में काफी कमी आ गई है। वे अध्यापक जो कभी विद्यार्थियों के आदर्श हुआ करते थे, आज स्वयं को उपेक्षित मह्सूस कर रहें हैं। उनका सामाजिक सम्मान पहले जैसा नहीं रह गया है। ‘आचार्य देवो भव’ महज एक आदर्श वाक्य बनकर रह गया है। छात्र – छात्राएं अपने शिक्षकों के समक्ष ही अशोभनीय आचरण करते हैं जो कि अनुचित है। विद्यार्थियों को शिक्षकों का आदर करना चाहिए।

हमारे शिक्षक है तो ही हम शिक्षित हैं, हमारे मन में इन आदरणीय गुरुजनों के प्रति आदर और सम्मान का भाव होना चाहिए। ऐसे लोगों को कठोर दण्ड मिलना देना चाहिए जो अपने शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं। शिक्षक दिवस तभी मनाना सार्थक होगा।

Short Speech on Teachers Day in Hindi –

शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में जीवन में आए सभी शिक्षकों को सादर प्रणाम और अभिनन्दन…आप सबका मेरे जीवन में अमूल्य योगदान रहा…हार्दिक आभार। मेरे ख्याल से इस सम्पूर्ण संसार में गुरु और शिष्य के रिश्ते से मधुर और बढ़कर अन्य कोई रिश्ता नहीं है। हमारी भारतीय संस्कृति में भी गुरु का नाम ईश्वर से पहले आता है और इसलिए हर वर्ष पांच सितम्बर को उनके सम्मान में शिक्षक दिवस का पर्व बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

वास्तव में यह दिन महान विद्वान तथा शिक्षाविद डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है। उन्होंने ने ही सर्वप्रथम अपने जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

डा. साहब स्वतंत्र भारत के द्वितीय राष्ट्रपति भी रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी योग्यता के बूते एक अध्यापक से लेकर देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित किया। वे एक ऊँचे दर्जे के इंसान थे। अध्ययन – अध्यापन से उन्हें गहरा लगाव था। लिहाजा शीर्ष पद पर पहुँचने पर भी ये अपने आप को अध्यापक ही मानते थे।

डा. साहेब हमेशा से चाहते थे कि गुरु और शिष्य में सदैव मधुर रिश्ता हो, शिक्षक का समाज में गौरवपूर्ण स्थान हो क्योंकि शिक्षक ही देश के भावी कर्णधारों का निर्माता होता है। इसीलिए हर साल इनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाकर हम सब डा. साहब के शिक्षा के क्षेत्र में किये गए अभूतपूर्व योगदान के लिए याद कर सच्ची श्रद्धांजलि देते है। इस दिन सच्ची मानवता की भावना विकसित करने वाले सभी शिक्षकों का श्रद्धापूर्वक शीश झुकाकर सम्मान करते हैं।

सच में उन्होंने शिक्षक वर्ग का हमेशा मान बढाया। उनके योगदान का ही प्रतिफल है कि भारतीय समाज में शिक्षक के पद की प्रतिष्ठा बनाएं रखने में इस पर्व की केन्द्रीय भूमिका है। लेकिन हमें भी इसके महत्व को समझना होगा। व्यक्ति के जीवन की भांति ही समाज जीवन में श्री गुरु का बड़ा महत्व है। गुरु ही है जो बच्चों को अच्छे रास्ते पर जाने की सीख देते हैं, यही नहीं गुरु भी यही चाहते है कि वह अपने शिष्य को अच्छे से पढ़ायें, शिक्षा दें। आजकल इस दुनिया में जितने भी डॉक्टर या इंजीनियर हुए है वो सब भी शिक्षक से ही शिक्षा प्राप्त कर इतने बड़े बने है।

कोई भी व्यक्ति बिना किसी शिक्षक के पढाये बड़ा नहीं बन सकता। क्योंकि अगर हम चमन के फूल है तो शिक्षक बागवान है। शिक्षक ही वह इंसान है जो दुनिया को सन्मार्ग दिखता है। इसलिए हमें अपने गुरु को मान-सम्मान देना चाहिए। अगर हम इस दुनिया को रौशन करने के काबिल हुए है तो वह गुरु की कृपा से ही हुए है। इसीलिए तो गुरु को साक्षात ईश्वर माना गया है –

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गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वर: |
गुरु: साक्षात् परब्रह्मा, तस्मै श्रीगुरुवे नम: ||

अर्थात गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है। गुरु ही साक्षात परब्रह्म है। ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हूँ। गुरु यानी शिक्षक की महिमा अपार है। उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। वेद, पुराण, उपनिषद, गीता, कवि, सन्त, मुनि आदि सब गुरु की अपार महिमा का बखान करते हैं। संत कबीर दास जी ने भी गुरु को ईश्वर से उच्च स्थान दिया है –

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लांगू पाँय |
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय ||

हमारे धर्म में भी यही बतलाया गया है कि गुरु और परमात्मा के प्रति एक सी ही श्रद्धा रखनी चाहिए। ‘यस्य देवे परा भक्तियर्था देवे तथागुरौ’ गुरु और परमात्मा की महत्ता ऐसी ही बताई गई है। वास्तव में शिक्षक दिवस मनाने का उद्देश्य गुरुत्व की इस महत्ता में ही निहित है।

वहीं टीचर्स डे मनाने से अध्यापक और विद्यार्थी का रिश्ता और भी मधुर बनाता है क्योंकि वह शिक्षक ही है जो खुद जलकर अपने विद्यार्थी को रौशन करता है। अध्यापक विद्यार्थियों को सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं रहता अपितु उसका मकसद समाज की हर एक बात बताना होता है। ताकि आगे चलकर विद्यार्थी ठोकर न खाए तथा भविष्य में वह इस बात को औरों को भी समझाए। गुरु और शिष्य के रिश्ते का भले ही कोई नाम नहीं दिया गया हो पर यह सबसे अनमोल व सर्वश्रेष्ठ है।

शिक्षक दिवस पर गुरु शिष्य तथा शिक्षा के संबंध में चिंतन किया जाना तथा इसके विकास हेतु संकल्प लिया जाना वाकई इस पर्व की बड़ी विशेषता है। अंत में बस इतना ही कहूँगा…

ना सूरज दिखता आसमान पे ना ही चाँद का फेरा होता,
ना फूल खिलते बागो में ना ही सवेरा होता,
हे गुरु आप से ही है ये दुनिया रौशन,
आप न होते तो हर तरफ अंधेरा होता..

धन्यवाद !!

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16 thoughts on “शिक्षक दिवस पर निबंध – Teacher’s Day Essay In Hindi

  1. शिक्षक दिवस पर बहुत ही सुन्दर लेख लिखा है आपने ,एक शिक्षक ही अपने ज्ञान से बच्चों को उत्तम ज्ञान से लाभान्वित करता है ,और बच्चों को एक सही दिशा देता है ,शिक्षक दिवस पर बहुत ही अच्छा लेख लिखा गया है इसके लिए आप सभी को शिक्षक दिवस की बधाई हो

  2. सही कहा आपने बबिता जी की शिक्षक व् विद्यार्थी के रिश्ते को चाहे जो नाम दिया जाए यह रिश्ता अनमोल है | शिक्षक दिवस पर आपका ये भाषण बहुत अच्छा लगा | आपको शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

  3. बबिता जी, शिक्षक दिवस का भाषण बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने। शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं।

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