डेंगू बुखार के लक्षण, कारण व बचाव , Dengue in Hindi
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डेंगू बुखार के लक्षण और इलाज – Dengue Treatment in Hindi

डेंगू बुखार के लक्षण, प्रकार एवं घरेलू उपचार – Dengue Fever Symptoms Treatment (Vaccine) Types in Hindi

पिछले कई सालों से एक बेहद खतरनाक वायरल रोग डेंगू अपने कई भयंकर और दर्दनाक लक्षण के साथ बड़ी तेजी से उभर कर आया है और अब ये रोग पहले की अपेक्षा काफी तेजी से फैलने लगा है तथा पूरी दुनिया को ही अपनी चपेट में ले लिया है यही वजह है कि यह बीमारी अब एक महामारी बन गई है | डेंगू इंसानों के लिए बहुत बड़ा खतरा है | डेंगू को ‘हड्डीतोड़’ बुखार कहते है | डेंगू बुखार के लक्षण सामान्य बुखार से थोड़े अलग और कई गुना खतरनाक है | डेंगू बुखार जब अपने चरम पर होता है तो तेज ज्वर के साथ शरीर के उभरे चकतों से खून बहता है उस केस में यह जानलेवा भी हो सकता है |अगर समय रहते डेंगू बुखार के लक्षणों को पहचान कर तुरंत इलाज नहीं किया गया तो यह मरीज के मौत का कारण भी बन सकता है |

डेंगू (Dengue) के मच्छर ज्यादातर सुबह – शाम में काटते है और ये बार – बार काटता है | ये हमेशा साफ पानी में पनपते है जैसे छत पर रखी पानी की टंकी, घड़े के पानी और बाल्टियों में जमा पीने का पानी, कूलर का पानी, गमलों में जमा पानी आदि, वही ये घरों में ज्यादातर अंधेरे वाले कोनों, लटकते हुए कपड़ों या छतरी तथा फर्नीचर के नीचे पाया जाता है | जबकि बरसात भी शुरू हो चुकी है इसलिए ज्यादा बचाव की जरूरत हैं |

कैसे फैलता है डेंगू बुखार ?

डेंगू मादा Adiz Izpiti मच्छर के काटने से होता है कभी – कभी एडिस एलबोपिकटस से भी फैलता है | डेंगू के मच्छर दिखने में छोटे व काले रंग होते है और इनके शरीर पर सफेद धारियां होती है पर इनकी पहचान के लिए इतना काफी नहीं है | डेंगू का जनक उष्णकटिबंधीय क्षेत्र तथा अफ्रीका है | इसके विषाणु के क्षेत्र वही हैं जहा मलेरियां पाया जाता है | इसके विषाणु तथा कारक शहरी क्षेत्रों में भी पायें जाते है | जहाँ डेंगू महामारी के रूप में फैलता है, वहां एक समय में अनेक प्रकार के विषाणु सक्रीय हो सकते है | 

गर्मी और बारिश के मौसम में मच्छर तेजी से बढ़ते है जिससे की और भी ज्यादा तेजी से डेंगू बुखार फैलता है | इस मौसम में व्यक्ति डेंगू के साथ चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों के भी चपेट में आ जाते है | खास बात तो ये है की इन मच्छरों की लाइफ मात्र 24 दिन की ही होती है | इसमें भी इन्हें लार्वा से प्यूपा और प्यूपा से वयस्क होने में लगभग 10 से 14 दिन का समय लगता है | इसके बाद ही यह डेंगू की बीमारी फैलाना शुरू करते  है लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि जैसे ही डेंगू के वायरस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है तो यह पांच दिन तक अधिक प्रभावी रहता है | ऐसे में रोगी को अगर सामान्य मच्छर काट लेंता है तो सात आठ दिनों में वायरस सामान्य मच्छर के भी लारग्रंथियों समेत शरीर के विभिन्न अंगों में फैल जाता है और वह भी डेंगू का वाहक बन जाता है |

डेंगू बुखार के प्रकार : Types of Dengue Fever in Hindi

यहाँ डेंगू बुखार के तीन प्रकार का उल्लेख किया गया है |

  • साधारण डेंगू बुखार (Classical dengue fever)
  • डेंगू रक्तस्रावी बुखार (Dengue hemorrhagic fever)
  • डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue shock fever)

साधारण डेंगू बुखार (Classical dengue fever)

ये लक्षण बड़े बच्चों और वयस्कों में ज्यादा दिखते है | आमतौर पर साधारण डेंगू बुखार के फीवर को ठीक होने में 3 से 7 दिन लग जाता है | यह अपने आप ठीक हो सकता है |

डेंगू रक्तस्रावी बुखार (Dengue hemorrhagic fever)

यह साधारण डेंगू फीवर की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक होता है | डेंगू रक्तस्रावी बुखार की सम्भावना, उस स्थिति में बढ़ जाती है जब व्यक्ति को दुबारा डेंगू होता है | इस का तुरंत इलाज करना जरुरी होता है, वरना रोगी की जान जाने का खतरा रहता है |

डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue shock fever)

Dengue fever की यह सबसे गंभीर स्थिति होती है | डेंगू शॉक सिंड्रोम बुखार में अगर व्यक्ति को उचित समय पर इलाज नहीं मिलता है तो रोगी सदमे या कोमा में भी जा सकता है |

डेंगू बुखार के लक्षण (Symptoms of Dengue Fever In hindi)

आमतौर पर डेंगू मच्छर काटने के 4 – 6 दिनों के बाद ही बुखार के लक्षण उभरते है | शुरुआत में इस बुखार के लक्षण आम वायरल बुखार के जैसा दिखाई पडता है | लगभग 82 % रोगियों में डेंगू बुखार के लक्षण मामूली ही देखे जाते है |

Dengue in Hindi
Dengue Fever Symptoms in Hindi

डेंगू का आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में अभी तक कोई इलाज मौजूद नहीं है | डेंगू बुखार की पहचान, इसके लक्षणों के आधार पर ब्लड टेस्ट और कुछ जरुरी चिकित्सा परिक्षाओं से ही किया जाता है |डॉक्टर की सलाह से कुछ दवा देकर और आराम करने से मामूली डेंगू बुखार ठीक हो जाता है | लेकिन जब यह बीमारी बढ़ जाती है तो मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ जाता है क्योंकि प्लेटलेट्स की संख्या लगातार घटने लगती है | यदि मरीजों को समय से इलाज न मिले तो उनकी मृत्य हो सकती है | इसलिए डेंगू के एक या दो लक्षण जैसे ही दिखाई दे, तुरंत इलाज करवाना बेहद जरुरी होता है |

आमतौर पर अचानक तेज ज्वर व सिर में दर्द के लक्षणों के साथ डेंगू बुखार की शुरुआत होती है | डेंगू होने के बाद infected व्यक्ति में निम्न symptoms दिखाई दें सकता है –

  • सामान्य बुखार की तुलना में डेंगू ज्वर ज्यादा तेज व पीड़ादायक होता है,
  • डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स का तेजी से कम होना, डेंगू का मुख्य लक्षण है,
  • कमजोरी और बेहोशी के साथ – साथ चक्कर आना,
  • शरीर पर लाल रंग का दाना या रैशेज जो सबसे पहले पैर, फिर छाती और कभी – कभी सारे शरीर पर फ़ैल जाते है,
  • पूरे शरीर में बहुत तेज दर्द, खासकर सर व पीठ में,
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द,
  • आंख में दर्द,
  • मांसपेशियों तथा जोड़ों में भयानक दर्द,
  • भूख नहीं लगना,
  • उल्टी व दस्त,
  • मुंह का taste बदल जाना ,
  • बीपी (ब्लडप्रेशर) कम हो जाना,
  • गंभीर मामलों में मरीज के नाक, कान, मुंह व मल के साथ खून आना शुरू हो जाता है,
  • डेंगू के गंभीर मामलों में ज्वर के साथ शरीर के चकत्तों से खून रिसता है,
  • बच्चों में साधारणत: सर्दी, बुखार व  उल्टी आना डेंगू के लक्षण हो सकते है |

डेंगू बुखार का इलाज उपचार एवं वैक्सीन (Dengue in Hindi) 

डेंगू होने पर इलाज में लापरवाही व्यक्ति की मौत का कारण बन सकता है | इसलिए डेंगू के संक्रमण के कम करने के लिए तुरंत इलाज करवाना बेहद जरुरी होता है |

  • आमतौर पर चिकित्सीय प्रक्रिया से डेंगू का इलाज किया जाता है | अत: जैसे ही डेंगू के कोई लक्षण दिखाई दे, तो इलाज के लिए डॉक्टर की सहायता लेने में देर न करे |
  • अगर मरीज को साधारण डेंगू ज्वर है, तो उसका इलाज और देखभाल घर पर की जा सकती है | डॉक्टर की सलाह से पैरासिटामोल, क्रोसिन, कारपाल आदि मरीज को दे सकते है |
  • अगर रोगी को तेज ज्वर हो तो शरीर पर पानी की पट्टियाँ करें |
  • मरीज को पूरा आराम दे | आराम भी डेंगू की दवा  का काम करता है |
  • डेंगू होने पर तेज ज्वर के साथ ज्वाइन्ट्स में तेज दर्द हो सकता है या शरीर पर लाल रैशेज दिखाई पड़ता है, तो तुरंत इलाज करवाना चाहिए | डेंगू ज्वर का उपचार डेंगू के लक्षणों के आधार पर किया जाता है |
  • डेंगू की जांच के लिए एंटीजन ब्लड टेस्ट (NS-1) या एंटीबॉडी टेस्ट (डेंगू सिरॉलजी) किया जाता है | यह टेस्ट ज्वर होने के 5 दिन के अन्दर कराया जा सकता है | 5 दिन के बाद डेंगू सिरॉलजी (IgM) टेस्ट किया जाता है |
  • एडीज प्रजाति के मच्छर अमूमन सुबह और शाम को ही सबसे ज्यादा सक्रीय होते है |दिन में भी इनकी सक्रियता देखी जाती है | इसलिए डेंगू का सबसे अच्छा उपाय मच्छर से बचना है |
  • डेंगू होने पर खून की जांच कराना अत्यंत आवश्यक होता है, इससे प्लेटलेट्स के स्तर का पता चलता है |
  • डेंगू के मरीज को आहार में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दें | शरीर में पानी की कमी पूरा करने के लिए नीबू पानी, छाछ, नारियल पानी आदि पिने के लिए दें
  • आँतो से रक्तस्राव होना, जिससे खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ सकती है |
  • गंभीर मामलों में रोगी को अस्पताल में भर्ती करना चाहिए क्योंकि जब प्लेटलेट्स ज्यादा कम हो जाता है तो खून बदलना पड़ता है |
  • डेंगू का संक्रमण होने पर डॉक्टर की सलाह के बिना एस्प्रीन या किसी भी प्रकार की दवा नहीं लेना चाहिए |
  • डेंगू उपचार के नये अध्यनों से पता चला है कि माइसोफेनालिक एसिड तथा रिबाविरिन का प्रयोग करने से डेंगू के वायरस (virus) की वृद्धि रुक जाती है |

अकसर लोग डेंगू बुखार को एक सामान्य ज्वर समझ कर घरेलू इलाज करते है जो की घातक हो सकता है | इसलिए डॉक्टर के पास जाना ही सबसे सुरक्षात्मक उपचार है | डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित दवाओं के सेवन करने से डेंगू बीमारी से पूरी तरह छुटकारा पाया जा सकता है |

डेंगू के बुखार का देशी (घरेलू) उपचार (Dengue Fever Treatment Home Remedy, Gharelu Upachar)

डेंगू संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए घर पर ही निम्न देशी उपचार भी जरुर अपनाना चाहिए —

इन 5 आसान घरेलू उपचार से करे डेंगू बुखार का इलाज –

तुलसी – आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर तुलसी खांसी – जुखाम में राहत पहुंचाने के साथ – साथ डेंगू और चिकनगुनिया से भी लड़ने में कारगर हैं | गर्म पानी के साथ तुलसी की पत्तियों के रस पीने पर जल्दी डेंगू बुखार ठीक होता है |

अजवायन – अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सुखी पत्तियाँ लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें | इस पेय को बिना छानें दिन में तीन बार पिएं | इनसे काफी जल्दी राहत मिलेगी डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज को |

गिलोय – गिलोय उबालकर उसके पानी की भाप लेने से इम्युनिटी बढ़ती है, जो रोगों से लड़ने में सहायक है | रोज इनके तने के रस का सेवन करने से डेंगू और चिकनगुनिया के रोगियों को बड़ा फायदा होगा |

पपीते की पत्तियों का जूस – शरीर के प्लेटलेट्स डेंगू और चिकनगुनिया होने पर तेजी से गिराने लगते है | पपीते की पत्तियों का जूस दिन में दो बार पिने से शरीर में प्लेटलेट्स बड़ी तेजी से बढ़ते है |

नीम – नीम इस मौसम में काफी मददगार साबित होता है इसलिए नीम की पत्तियाँ भी चबाएं |

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डेंगू से बचाव

  • डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है | आमतौर पर एक से दो सप्ताह में बीमारी के लक्षण स्वयं चले जाते है | गंभीर डेंगू की स्थिति में अनुभवी डॉक्टरो की सलाह लें |
  • डेंगू से बचने का एकमात्र प्रभावी उपाय यह है कि कारक मच्छरों से बचाव, इसके लिए आवश्यक है कि मच्छर पैदा होने वाले स्थान उपलब्ध न हो जैसे रुका पानी और खुला कचरे |
  • यदि बुखार, तेज सर दर्द, जोड़ों में दर्द आदि लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर को दिखाएँ | इसमें लापरवाही करना खतरनाक हो सकता है |
  • साफ – सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए |
  • उन बर्तनों को हमेशा ढक कर रखें जिनमें साफ़ पानी रखा जाता है |
  • नालियों, पुराने टायरों, बाल्टियों, प्लास्टिक कवर, खिलौनों आदि में बारिश का पानी जमा न होने दें, क्योंकि Dengue fever फैलाने वाला aedes aegypti मच्छर मानव निवास के आस – पास साफ पानी में ज्यादा पैदा होता है |
  • बर्तनों में अधिक दिनों तक पानी भरकर न रखें | एक हफ्ते के अन्दर उसे बदलते रहना चाहिए |
  •  फ्रिज के पीछे कम्प्रेशर के पास पानी की ट्रे, कम से कम हफ्ते में एक बार जरुर साफ़ करें |
  •   पशु पक्षियों के लिए रखें पॉट, फाउन्टेन के पानी को सप्ताह में एक बार बदल देना चाहिए |
  • खाली पड़े स्विमिंग पुलों में मिट्टी भर दें |
  • प्रयोग होने वाले स्विमिंग पुलों का पानी फ्लो में रखें |
  • दरवाजे, खिडकियों को सुबह – शाम बंद करके रखे |
  • मच्छररोधी जैसे मच्छरदानी, क्रीम, अगरबत्ती आदि का इस्तेमाल करे |
  • डेंगू संक्रमित मच्छर दिन के वक्त कटता है इसलिए अच्छा हो कि आप दिन के समय नमी वाली जगहों पर न जाए और शरीर के अधिक से अधिक भाग को कवर करने वाले कपड़े पहने |
  • कोशिश करें कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय घर पर ही रहें क्योंकि डेंगू के मच्छर इस समय ज्यादा सक्रीय रहते है |
डेंगू बुखार के लक्षण
डेंगू बुखार के लक्षण और उपचार

डेंगू मच्छर ज्यादातर स्वच्छ पानी में ही पनपने है | बारिश का मौसम इसके पैदा होने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करता है |इसलिए इस मौसम में डेंगू फीवर से बचने के लिए विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है |

डेंगू से कैसे निपटे 

डेंगू जैसे खतरनाक मच्छर जनित बीमारी के रोकथाम और उनके उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अधिक समर्पित एवम एकीकृत प्रयास की जरूरत है | तभी हम डेंगू से प्रभावी तरीके से लड़ने में सक्षम हो सकेंगे | इसलिए डेंगू से निपटने के लिए हम सब को एक जुट होकर सामूहिक प्रयास करना होगा |

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Babita Singh
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10 thoughts on “डेंगू बुखार के लक्षण और इलाज – Dengue Treatment in Hindi

  1. बबिता, बरसात में डेंगू बुखार होने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में उस पर इतनी सविस्तर और सटीक पोस्ट लिखने के लिए धन्यवाद।

  2. dengu ka bukhar sabse jyada care karne vali desease me se ek h. aapne iske baare me itni stik jankari di h ki koi bhi asani se iske bachav ke first step ko follow kar sakte h. thanks for sharing

  3. डेंगू बुखार कोई आम बुखार नहीं है , अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं होता है ,तो एक गम्भीर समस्या पैदा हो जाती है , इस लिए डेंगू बुखार से बचने के लिए सही समय पर उपचार बहुत ज़रूरी है , बबिता जी आपने डेंगू बुखार से बचने के लिए डेंगू के लक्षण बचाव व उपचार बहुत ही अच्छे से समझाया है , यह सभी लोगों के लिए मददगार साबित होगा , इस पोस्ट के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद

  4. डेंगू की बीमारी काफी खतनाक मानी जाती है| और हर साल हमारे आस पास के कुछ लोग इससे प्रभावित होते रहते हैं| परन्तु बड़े अफ्सोस की बात है कि ज्यादातर लोग इसके बाद भी इससे बचने के लिए सावधानी नहीं बरतते| आपके द्वारा डेंगू के बारे दी गयी जानकारी और उससे बचने के उपाय बहुत ही उपयोगी है|एक और useful आर्टिकल शेयर करने के लिए धन्यवाद बबीता जी…

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