कुत्ता काटने के लक्षण, वैक्सीनेशन एवं घरेलू उपचार (Dog Bite symptoms Treatment (Vaccine) Injection in Hindi)
कुत्ता काटने पर इलाज में लापरवाही कई संक्रामक रोगों का कारण बन सकता है | जिसमें रैबीज का तगड़ा संक्रमण प्रमुख है | मनुष्यों में रेबीज संक्रमण का सिर्फ 5% कुत्तों के काटने से होता है | मगर इलाज में लापरवाही के कारण यह वायरस पेरिब्रल नर्व के माध्यम से तंत्रिका तंत्र तक पहुंच जाता है | जहाँ यह सीधे मस्तिष्क पर अटैक करता है | ऐसी स्थिति में मरीज कोमा में जा सकता है या मरीज की मौत भी हो सकती है | इसलिए रैबीज के संक्रमण के खतरों को कम करने के लिए तुरंत इलाज करवाना बेहद जरुरी होता है |
Also Read : कुत्ते के काटने पर प्राथमिक उपचार
रैबीज के लक्षण (Rabies Symptoms in Hindi)
कुत्ते के saliva में लाखों bacteria होते है जो बहुत खतरनाक होते है | यह खतरनाक संक्रमण बंदर, बिल्ली या अन्य रैबीज से संक्रमित स्तनधारी से हो सकता है | इन जानवरों के काट लेने पर रेबीज रोग के कुछ विशिष्ट चिन्ह (Sign) एवं लक्षण दिखाई पड़ते है जिनसे रोग को पहचाने में सहायता मिलती है | Dog bite पर निम्न लक्षणों के आधार पर रेबीज संक्रमण को पहचाना जा सकता है –

- रैबीज का संक्रमण व्यक्ति के शरीर में कुत्तों के लारग्रंथियों के जरिए प्रवेश कर जाता है | जैसे – जैसे शरीर में रैबीज वायरस फैलता है व्यक्ति फोटोफोबिया, थरमोफोबिया व एयरोफोबिया बीमारी से ग्रसित हो जाता है |
- संक्रमण फैलने पर व्यक्ति आक्रामक के साथ साथ हिंसात्मक भी हो सकता है |
- तेज रोशनी और पानी से दूर भागने लगता है |
- व्यक्ति बिजली की चमक तथा तेज हवा को भी नहीं बर्दाश्त कर पाता है |
- मुंह से हाफने की आवाज के साथ लार भी टपकने लगता है |
- व्यक्ति तेज ज्वर, सिर दर्द, भूख न लगना, कमजोरी, उल्टी, चक्कर आना इत्यादि जैसी समस्या का अनुभव करता है |
- आमतौर पर काटने वाले कुत्ते के व्यवहार में भी परिवर्तन देखने को मिलता है | कुत्ते पर दस दिन तक उस पर नजर रखें, यदि वह मर जाता है तो रेबीज संक्रमण का खतरा होता है |
कुत्ता काटने पर देशी (घरेलू )उपचार (Dog Bite First Aid Treatment in Hindi)
कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि किसी भी स्तनधारी जंतु के काटने पर सबसे पहले संक्रमण को फ़ैलाने से रोकने के लिए घर पर ही निम्न देशी उपचार जरुर अपनाएं :
- चोट को सबसे पहले डिटर्जेंट साबुन (कपड़ा धोने वाला साबुन) से लगातार 15 मिनट तक धुलना चाहिए |
- अकसर लोग घाव पर पीसी मिर्च, मिट्टी का तेल, जला मोबिल, नीम की पत्ती, चूना, एसिड आदि को लगा देते है जो कि नुकसानदायक होता है | घाव पर इनका इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें |
- घाव धोने के बाद उसपर कोई भी एंटीसेप्टिक क्रीम लगा दें जैसे डेटॉल, स्प्रिट, बीटाडीन इत्यादि |
- घाव को खुला रखें | अत्यधिक रक्तस्राव होने पर साफ पट्टी बांध सकते है |
- चोट पर टांके न लगवाएं |

डॉग बाइट पर इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि कुत्ता रेबीज संक्रमित है या नहीं | लेकिन dog bite को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि इनका विष बहुत खतरनाक होता है | यहाँ तक कि इनका लार भी रेबीज संक्रमित होता है |
डॉग बाईट ट्रीटमेंट का इंजेक्शन (Kutte ke Katne ka Injection / Vaccine in Hindi)
बहुत से लोग इस बात से अनजान होते है कि कुत्ता काटने के तुरंत बाद रेबीज का इंजेक्शन लगवाना बेहद जरुर होता है | क्योंकि वैक्सीनेशन में लापरवाही व्यक्ति की मौत का कारण भी बन सकता है |
आप के लिए यह जानकारी होना अति आवश्यक है कि डॉग बाईट ट्रीटमेंट में दवा के चार डोज दिए जाते है | इसमें पहला वैक्सीन का डोज Dog bite के तुरन्त बाद लगता है | तीन दिन बाद वैक्सीन का दूसरा डोज लगता है और कुत्ता काटने के सात दिन बाद वैक्सीन की तीसरी डोज व 28 वें दिन दवा की चौथी डोज दी जाती है |
Dog bite पर प्राथमिक उपचार के साथ डॉक्टर को जरुर दिखाएँ क्योंकि वैक्सीनेशन ही डॉग बाईट का एकमात्र सटीक इलाज है | डॉग बाईट ट्रीटमेंट से संबंधित उपर्युक्त जानकारी डॉक्टर से बातचीत पर आधारित है |
निवदेन – Friends अगर आपको डॉग बाईट वैक्सीनेशन एवं उपचार की जानकारी पर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो हमारे Facebook Page को जरुर like करे | और हाँ हमारा free email subscription जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं |