Swine flu लक्षण: स्वाइन फ्लू कैसे होता है – Swine flu Symptoms, कारण, बचाव व उपचार

Swine flu Symptoms In Hindi – मैक्सिको की जमीन से उपजा स्वाइन फ्लू आज एक महामारी बन चुका है. कुछ सालों पहले जब स्वाइन फ्लू ने जन्म लिया था तो इसका लक्षण काफी हद तक मामूली फ्लू की तरह ही था जबकि मामूली फ्लू से स्वाइन फ्लू कई गुना खतरनाक है. दुनिया भर में अब तक इस बीमारी से हजारों लोगों की जान जा चुकी है, भारत भी इस बीमारी से अछूता नहीं है सैकड़ों लोग इस रोग की चपेट में आ चुके है. एहतियात के तौर पर अब सबसे पहली जरुरत स्वाइन फ्लू के लक्षण, कारण व बचाव के बारे में जानने की और सावधानी बरतने की है.
What Swine flu in hindi
स्वाइन फ्लू, शुकर इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है. यह एक वायरस जनित संक्रामक रोग है. इस संक्रामक रोग का उत्तरदायी एच1एन1 वायरस (H1N1 Virus) है. मनुष्यों में सबसे पहले इस वायरस की पहचान 2009 में हुई थी. इस वायरस के आते ही विश्व के कई देशों में अनेक लोगों की मृत्यु इस बीमारी की चपेट में आने के कारण हो गई. एच1एन1 वायरस को इसके प्राणघातक परिणामों के कारण WHO ने जून 2009 में एक महामारी घोषित कर दिया.
स्वाइन फ्लू प्रसार के पीछे आम धारणा है कि यह रोग सूअर से फैलता है. मैक्सिको में बहुत बड़ी संख्या में अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कसाईघर है , जो दुनिया भर में सूअर का मांस सप्लाई करते है लेकिन उन कसाईघरो में साफ-सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता है, जिससे सूअरों के सड़े-गले अंश अंग में यह वायरस एच1एन1 (H1N1) पनपने लगता है और स्वाइन फ्लू का कारण बनता है.
इस तरह जो व्यक्ति लगातार सुअरों के संपर्क में रहता है, स्वाइन फ्लू के होने का खतरा उनमें ज्यादा होता है. पर बाद में हुए अन्य शोधों से यह तथ्य भी सामने आया कि स्वाइन फ्लू वायरस की संरचना कुछ – कुछ सुअर में पाए जाने वाले फ्लू वायरस से मिलती है जिसकी वजह से इसका नाम स्वाइन फ्लू पड़ा. संरचना के आधार पर ही Swine Flu को एच1एन1 वायरस (H1N1 Virus) भी कहते है.
स्वाइन फ्लू कैसे होता है ?(Swine flu causes in hindi)
स्वाइन फ्लू एक तरह से छूत की बीमारी है जो खांसने, छीकने, हाथ मिलाने इत्यादि से फैलता है. जब पीड़ित व्यक्ति छीकता या खासता है तो इस रोग के वायरस अपने सूक्ष्म रूप में हवा में फैल जाते है और इस वायरस जनित हवा के संपर्क में जब कोई स्वस्थ व्यक्ति आता है तो उसे भी स्वाइन फ्लू हो जाता है. यह सांस के जरिए फैलने वाली बीमारी है |
स्वाइन फ्लू वायरस दूषित या संक्रमित हवा से ज्यादा फैलता है. इस फ्लू के कारण दूषित हाथ भी होता है क्योंकि दूषित व्यक्ति के हाथ मिलाने से यह दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुँच जाता है. लेकिन इस बीमारी से डरने की जरुरत नहीं है. केवल गंभीर मामलों में ही यह प्राणघातक होता है. इसलिए समय रहते स्वाइन फ्लू के लक्षण को पहचानना बेहद जरुरी होता है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण (Swine flu Symptoms in hindi)

जैसे की आम फ्लू में खांसी, जुखाम, नजला आदि होता है ठीक उसी तरह इस स्वाइन फ्लू में भी होता है. लेकिन स्वाइन फ्लू होने पर गले का तापमान बढ़ जाता है, और गले की दिक्कते शुरू हो जाती है. जब यह बीमारी अपने चरम पर होता है तो सांस रुक जाने से मरीज की मृत्यु तक हो जाती है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण (Swine Ke Lakshan in Hindi)
स्वाइन फ्लू के लक्षण निम्नलिखित है –
- तेज बुखार (High fever)
- ठंड लगना
- सिर दर्द व गले में दर्द. किसी – किसी को पूरे शरीर में भी दर्द होता है.
- नाक बहना
- खांसी
- उल्टी, दस्त
- थकान महसूस होना
- सांस लेने में तकलीफ
- गंभीर मामलों में बलगम के साथ खून आना, बेहोश हो जाना व दौरे पड़ना
स्वाइन फ्लू का इलाज (Swine Flu Ka Ilaj in Hindi)
स्वाइन फ्लू का इलाज दो तरह से किया जाता है –
- सिम्पटोमेटिक ट्रीटमेंट (स्वाइन फ्लू सिम्पटम्स के आधार पर इलाज)
- स्पेसिफिक ट्रीटमेंट (विशेष तौर पर इलाज)
आमतौर पर स्वाइन फ्लू के लक्षण के आधार पर ही स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है. लक्षण के आधार पर इलाज करने से लगभग 85 प्रतिशत लोगों को आराम मिल जाता है.
स्वाइन फ्लू का घरेलू उपचार (Home Remedies of Swine Flu in Hindi)
- अगर आप को तीन दिन से तेज ज्वर है या सांस लेने में घुटन महसूस हो रहा है, तो सुरक्षा की दृष्टि से दूसरे लोगों से खुद को अलग कर लें.
- यह बीमारी श्वास के जरिए फैलती है, इसलिए मुंह पर मास्क लगा ले ताकि आप इसे दूसरे तक फैलने से रोक सके.
- स्वाइन फ्लू में होने वाला ज्वर आम ज्वर की तरह ही दिखाई देता है. अत: फ्लू का पता लगते ही डॉक्टर के परामर्श से ज्वर और दर्द के लिए पैरासीटामॉल आदि दवाएं लें.
- मरीज को चाहिए कि घर पर ही आराम करें. अगर बच्चे को स्वाइन फ्लू है तो उसे स्कूल न भेजे.
- साफ – सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें. रोज स्नान करें.
- अधिक से अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें.
- खांसते समय मुंह और नाक को अच्छी तरह ढके.
- गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्ग, दमा रोगी और धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में इस फ्लू का गंभीर रूप लेने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए ऐसे व्यक्ति तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क कर स्वाइन फ्लू का इलाज शुरू कर दे.
स्वाइन फ्लू में रोगी का खाना
स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ जैसे दूध, सूप, दाल का पानी, चाय आदि को शामिल करना चाहिए. इसके अतिरिक्त आहार में प्रोटीनयुक्त भोज्य पदार्थों को सम्मलित करें. इससे जल्द आपको आराम मिलता है.
स्वाइन फ्लू का दवा (Swine Flu Ka Dawa)
आमतौर पर लक्षणों के आधार पर स्वाइन फ्लू का निदान किया जाता है. Swine flu का पता लगाने के लिए नाक व गले का ‘पी सी आर’ टेस्ट कराया जाता है. स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने पर इलाज के लिए टैमी फ्लू और जैनाविर नामक दवा का इस्तेमाल किया जाता है, पर सभी स्वाइन फ्लू रोगी को एन्टी – वाइरल दवा की जरुरत नहीं होती है. साथ ही यह बात भी ध्यान रखनी चाहिए कि दवा से तुरंत आराम नहीं मिलता है.
एन्टी – वाइरल दवाएं सिर्फ गंभीर बीमारी से पीड़ित जैसे दमा, सीओपीडी, ह्रदय रोगियों तथा बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दी जाती है. इन दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर के सलाह पर ही करें.
स्वाइन फ्लू से बचने के उपाय (Tips To Prevent Swine Flu In Hindi)
Swine Flu Ka Vaccine : स्वाइन फ्लू से बचने का सबसे कारगर तरीका है फ्लू का टीका है. फ्लू का टीका हर साल लगता है क्योंकि स्वाइन फ्लू वाइरस की संरचना हर साल बदलती रहती है.
फ्लू का टीका लगवाना इसलिए भी जरुरी होता है क्योंकि आमतौर पर फ्लू के टीके में स्वाइन फ्लू की वैक्सीन भी मिली होती है. स्वाइन फ्लू से बचने के लिए अगर आप चार साल में एक बार भी फ्लू टीका लगवा लेते है तो आप Swine Flu से बच सकते है. इस टीकाकरण से किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है.
फ्लू का टीका (Swine Flu Vaccine In Hindi)
कुछ ऐसे लोग होते है जिन्हें स्वाइन फ्लू जल्दी होने का खतरा रहता है और कुछ लोग ऐसे भी होते है जिनमे स्वाइन फ्लू गंभीर रूप में तब्दील हो सकता है. ऐसे हाई रिस्क ग्रूप वाले लोगों को ये टिका जरुर लगवा लेना चाहिए. जैसे –
- 4 माह से 4 साल के बच्चों को
- गर्भवती महिलाओं को
- डॉक्टर, नर्स और लैब टैक्नीशियन को
- डाइबिटीज, अस्थमा हार्ट और किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगो को
- बुजुर्गों को
- कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग
स्वाइन फ्लू से बचने के लिए निम्न सावधानी बरते :
- स्वाइन फ्लू रोगी के ज्यादा निकट जाने से बचे.
- नाक और मुंह को बार – बार ना छूये.
- हाथ की सफाई पर विशेष ध्यान दें.
- भीड़ – भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाये.
- घर को अधिक हवादार बनाने का प्रयास करें.
- अच्छी नींद लें व पौष्टिक खाना खाएं.
- खांसते और छीकते समय मुंह को जरुर ढके.
- इस्तेमाल किए हुए टिश्यू पेपर को इधर – उधर न फेके. टिश्यू पेपर को कूड़ेदान में ही डाले.
स्वाइन फ्लू कितना घातक Click Here
दोस्तों, मैं आशा करती हूँ कि स्वाइन फ्लू के लक्षण और इलाज पर लिखे इस लेख से H1N1 Virus के बारे में पूरी जानकारी मिली हो. हमारा ये प्रयास आपको पसंद आया हो तो हमारे Facebook Page को जरुर पसंद करे हाँ हमारा free email subscription भी जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं.
Bahut vistar se jankari di hai aapne. Dhanyawad.
Swine Flu par bahut acchi jankari batayi hai. Dhanyawad madam
नमस्ते Ma’am, इन दिनों नासिक में स्वाइन फ्लू बडा ही Viral हो रहा है, हम सिधे से college going students है, तो क्या हमे भी ये टिका लगवाना जरुरी है???
आप सावधानी के तौर पर मास्क का प्रयोग कर सकती है | साथ ही स्वाइन फ्लू से बचने के लिए ऊपर post में बताई गई सावधानी बरते | अगर आप स्वाइन फ्लू का टीका लगवाना चाहे तो किसी अच्छे डॉक्टर से लगवाएं |
बबिता दी,स्वाइन फ्लू की बहुत ही उपयोगी जानकारी दी हैं आपने।
Swine flu ki best jankari di hai aapne.
swine flue ek danger bimari hai aur aapne isse bachane ke badhiya idea diye hai.
very important post share babitaji…swine flue is damage to health…really tnq…
nice article thnx for share this artile keep it sister
Thanks Gaurav ji
बाजार में बहूत सारे टीके है कोन सा सही है नाम भी बताये
रविंदर जी स्वाइन फ्लू का टीका भारत में बहुत से उपलब्ध है लेकिन मैं किसी एक टीके के बारें में सुझाव नहीं दे सकती | आप अपने डॉक्टर के परामर्श अनुसार ही टीका लगवाए क्योंकि डॉक्टर रोग की गंभीरता को देखकर सही टीका लगवाने के लिए सुझाव देंगे |
Swine flu ki bimari ke chalte jab har roj humare desh me kai logo ki jane jaa rahi he tab yah information bahut bahut hi upyogi he or is information ko padhne ke baad hajaro log swine flu se bachav se smbndhit jaruri steps le sakenge.
धन्यवाद अश्विन जी |
nice article thanks for share
बहुत ही उपयोगी जानकारी…
Share करने के लिए धन्यवाद, बबीता जी!
Thanks Sudha ji and keep visiting.