मूवी से सीख : बाहुबली द बिगिनिंग हो या बाहुबली 2 द कन्क्लूजन दोनों ही मूवी भारतीय सिनेमा के लिए ऐतिहासिक साबित हुई | बाहुबली 2 ने तो भारतीय सिनेमा के इतिहास में कुछ ऐसे सुनहरे पन्ने जोड़ दिए है, जिनकी चमक कभी कम नहीं होगी | इस मूवी ने कारोबार में रिकॉर्ड तो बनाया ही साथ ही भारतीय फिल्मों को आईना भी दिखाया कि आज भी लोग अपनी संस्कृति और परम्परा को ही ज्यादा पसंद करते है |
इस मूवी को ज्यादा पसंद करने वाले आज के युवा है और इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की युवा आज भी अपनी संस्कृति और परम्परा से उतना ही प्यार करते है बशर्ते उनका सही मार्गदर्शन करने वाला हो | उन्हें अपने अंदर सद्गुणों को विकसित कर संस्कृति एवं मूल्यों की स्थापना कर उनकी रक्षा करने के लिए कटिबद्ध करने वाला कोई हो | एक्शन, मनोरंजन और रोमांच से भरपूर बाहुबली मूवी कुछ ऐसी ही सीख देती है जिससे हम अपनी संस्कृति और जीवन मूल्यों को और उँचा उठा सके |
बाहुबली मूवी से सीख मिलती है : परम्परा और संस्कृति से जुड़ाव
यह फिल्म लोगों को एक महान संस्कृति और परम्परा से जोड़ती है | कहा जाता है कि जहाँ मूल्य होते है, वहाँ संस्कृति होती है और संस्कृति जहाँ वास करती है, वहाँ मूल्य भी जीवंत एवं जीवित होते है |
अमरेन्द्र बाहुबली के व्यक्तित्व के द्वारा मूवी से सीख दी गई है कि कैसे वह मानवता की सेवा भाव के साथ अपने मूल्यों की रक्षा के लिए स्वयं को निछावर कर देता है | निर्जीव एवं निष्प्राण परम्पराओं की तुलना में विवेक को महत्व देता है तथा अनुचित एवं अप्रासंगिक मूल्यों के स्थान पर उचित एवं युग की मांग के अनुरूप चलने वाली चीजों को स्थापित करता है | जहाँ भी श्रेष्ठ है उसे वह अपनाता है और उसी के अनुरूप अपना जीवन ढालता एवं गढ़ता है |
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गली गली तेरी लौ जली, जियो रे बाहुबली
कहते है कि योग्य, कुशल, विवेकवान, विचारवान, भावनाशील एवं सद्गुणी व्यक्ति लोगों की सेवा, सहायता और सहयोग करने में कभी पीछे नहीं रहता है | ऐसा सुयोग्य एवं प्रतिभाशाली व्यक्ति जहाँ भी जाता है उसे उसे सफलता ही मिलती है | वह जिस भी परिस्थिति में रहता है विकास का एक नया आयाम गढ़ ही लेता है | ऐसे व्यक्तित्व की लौ हमेशा जलती रहती है और लोग उसका हमेशा सम्मान करते है |
फिल्म में इस बात को बहुत अच्छे से बताया गया है | जब अमरेन्द्र बाहुबली को राजा के पद से हटाकर सेनापति बना दिया जाता है और यहाँ तक कि जब अमरेन्द्र और उसकी बीवी को महल से निकल दिया जाता है तब भी प्रजा अमरेन्द्र बाहुबली को उसकी प्रतिभा और योग्यता के कारण राजा की तरह ही सम्मान देती है |
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अपने वचन को निभाने के लिए सिंहासन छोड़ देना
जब शिवगामी सिंहासन और देवसेना में से एक को चुनने को कहती है तो अमरेन्द्र बाहुबली बिना पल गवाएं अपना निर्णय सुना देता है “सिंहासन के लिए अपना वचन तोड़ दू तो आपकी परवरिश का अपमान होगा |”
स्त्री की इज्जत
अमरेन्द्र बाहुबली महिलाओं की इज्जत करना जानता था | जब बिना किसी अपराध के देवसेना को शिवगामी द्वारा बंदी बनाने के आदेश दिया जाता है तो बाहुबली उसकी सुरक्षा के लिए आगे आता है और कहता है कि “ देवसेना को किसी ने हाथ लगाया तो समझो बाहुबली की तलवार को हाथ लगाया |”
जब मंदिर में सेनापति देवसेना के साथ अमर्यादित व्यवहार करता है तो अमरेन्द्र सेनापति का सर धड़ से अलग कर देता है |
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हमेशा धर्म यानि सच का साथ देना चाहिए
अमरेन्द्र बाहुबली सच का साथ देते हुए भरी सभा में देवसेना का पक्ष लेते हुए अपनी माँ शिवगामिनी का विरोध करते हुए कहता है “ माँ तुम्हे देवसेना का पक्ष जाने बिना उसका विवाह अपने बेटे से तय करने का कोई अधिकार नहीं है |”
निष्पक्ष निर्णय लेने की क्षमता का विकास
मूवी में शिवगामी का किरदार एक बहादुर और निष्पक्ष निर्णय लेने वाली औरत का है | राजा के पद के लिए शिवगामी ने अपने बेटे को छोड़ अधिक योग्य बाहुबली को चुना | शिवगामी का यह निर्णय निष्पक्ष होने के साथ – साथ उसकी दूरदर्शिता को भी दर्शाता है क्योकि सच्चा राजा होता है जो अपनी प्रजा के हितो और रक्षा के बारे में पहले सोचता है | शिवगामी के शब्दों में “ एक राजा का कर्तव्य न केवल दुश्मन को मारना होता है, बल्कि अपने लोगों की रक्षा भी करना होता है”
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आवेश में आकर कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए
जब आप क्रोध में हो तो उस समय कोई भी निर्णय न ले क्योकि उस क्रोधित अवस्था में लिया गया निर्णय हमेशा गलत होता है | शिवगामी द्वारा गुस्से में अमरेन्द्र बाहुबली को राजा के पद से हटा दिया जाता है और उसका यही निर्णय महिष्मती सम्राज के पतन का कारण बनता है |
गलती का एहसास होने पर क्षमा मांग लेने में कोई बुराई नहीं
मूवी से सीख दी गई है कि गलती का एहसास होने पर बिना कोई क्षण गवाए माफी मांगने में संकोच नहीं करना चाहिए क्योंकि यही सबके हित के लिए उचित है | मूवी में जब शिवागामी को अपनी गलती का एहसास होता है तो वह तुरंत देवसेना का पैर छूकर माफी मांग लेती है और अमरेन्द्र बाहुबली के बेटे को महिष्मती सम्राज का उत्तराधिकारी घोषित करती है |
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अपने गलतियों से सीख लेते हुए उन्हें सुधारना
समय पर किया गया सुधार भविष्य में आने वाली कई मुसीबतों को टाल देता है | बाहुबली में कट्टपा का किरदार कुछ ऐसी ही सीख देता है | कट्टपा महिष्मती सम्राज्य के वफादार संरक्षक रहे थे लेकिन राजा की सेवा करने का उनका वादा उसे गलत पक्ष से जोड़ देता है और अपने इसी वचन का पालन करते हुए वह अपने प्रिय बाहुबली की धोखे से हत्या कर देता है | लेकिन बाद में अन्याय के खिलाफ खड़े होकर सत्य का साथ देते है |
कई बार हम सब के जीवन में ऐसी परिस्थतियाँ आती है जब हम किसी के बारें पूर्वाग्रहित विचार या राय बना लेते है जो रिश्तों में संघर्ष को आमंत्रित करता है | पर समय रहते अगर हम उस गलती को सुधार ले तो और गलतियों को करने से बचा जा सकता है |
सुन्दर और साहसी देवसेना
आमतौर पर फिल्मों में नायिकाओं को सुन्दर, सुशील और छुई-मुई दिखाया जाता है लेकिन बाहुबली की नायिका देवसेना सुन्दर होने के साथ – साथ जाबांज भी है | Self respect उसके अन्दर कूट – कूट कर भरा है | शिवगामी को शादी के प्रस्ताव के साथ भेजे गए सोने के आभूषण को ठुकराते हुए कहती है “ ऐसे आभूषण के लिए आप जैसे लोग पूंछ हिलाते होगे , मेरे लिए यह पैर की धूल भी नहीं | ”
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महिला को शोषण कत्तई बर्दाश्त नहीं करना चाहिए
महिलाओं को अपने शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद करना चाहिए | मूवी में देवसेना सेनापति द्वारा महिलाओं का शोषण होता हुआ देख उसकी उँगलियाँ काट देती है | मूवी से सीख दी गई है कि समय कोई भी महिलाओं का शोषण करने वालो को सजा जरुर देना चाहिए |
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बाहुबली मूवी बहुत ही लाजवाब है। और इसमे सीखने को भी बहुत कुछ है। आपने बहुत अच्छी तरह से इनको लिखा ।
Hi, Very good article
Thanks for sharing, keep up the good work
Very Great ..!
Aapke likhneka andaj bohot hi accha hai Babita ji.
बाहुबली मूवी तो ज्यादातर सभी ने देखी है पर कोई इसकी इतनी गहराई में नहीं गया जो की इससे कुछ सीख ले सके पर आपने तो ये सब खुल कर बता दिया की केवल मनोरंजन के अलावा भी बहुत कुछ मिल सकता है मूवी में अगर सही तरीके से देखे जाये तो धन्यवाद!
bahut badhiya khastor se apke likhne k andaj ne isme nai jan dal di h thanks for sharing
इस फिल्म में मनोरंजन के साथ साथ इमानदारी, कर्तव्यनिष्ठां, और स्त्रीयों के सम्मान का एक बेहतर उदाहण भी पेश किया है| आपने इस फिल्म की इन खूबियों को अच्छी तरह से प्रस्तुत किया है| धन्यवाद बबीता जी..
बबिता जी, बहुत ही खुबसूरत अंदाज में आपने बाहुबली का विश्लेषण किया है।
Nice Post Babita Ji,
Bahut Hi Behtarin tarike se aapne Bahubali Movie ka Review kiya,
Ek acchi pahal hai logo ko achhi filme dekhne ke sath sath kuch sikhne ko bhi millta hai.
ये सच है की आज की युवा पीढ़ी पारंपरिक फिल्मों और कथानको को पसंद करती है | इसका कारण भव्य सेट व् कल्पना को नए आयाम देना हो सकता है | परन्तु ये फिल्में शिक्षाप्रद भी होती है | आपने बड़ी ही ख़ूबसूरती से फिल्म से मिलने वाली शिक्षाओं को बताया है | बाहुबली देखने वाले बच्चों के लिए आप का लेख बहुत उपयोगी होगा |
How long …
बबिताजी आपका लिखा आर्टिकल बहुत अच्छा है । सच में बाहुबली 2 से बहुत कुछ सीखने जैसा है और आपने वही बखूबी इस पोस्ट में बताया है ।
बाहुबली मूवी से मिली सिख पर , सुन्दर लेखन लिखा है आपने , इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका बबिता जी,
बहुत ही अच्छे से समझाया अपने बबिता जी। वाकई इस मूवी से काफी कुछ सिखने को मिलता है।