न्यूमोनिया: लक्षण कारण घरेलू उपचार और इलाज: Causes Symptoms Home Remedies & Pneumonia (Nimoniya) Treatment in hindi
Pneumonia in Hindi – न्यूमोनिया यू तो एक साधारण रोग है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन इसके लक्षण दिखाई देते ही यदि इलाज शुरू नहीं कराया गया तो न्यूमोनिया बहुत अधिक खतरानाक हो सकता हैं। वास्तव में निमोनिया व्यक्ति में सर्दी / जुकाम का संक्रमण फफड़ों तक पहुँच जाने से होता है । हमारे देश में हर वर्ष लाखों व्यक्तियों की न्यूमोनिया के कारण मृत्यु होती है । इसमें ज्यादर बच्चे होते है । इन बच्चों की उम्र 5 साल से कम होती है । दुर्भाग्य की बात है कि इस रोग का प्रमुख वायरस न्युमोकोकल से हर घंटे कम से कम 100 नवजात बच्चे मरते है ।
न्यूमोनिया के कारण (Pneumonia Ke Karan In Hindi)
न्यूमोनिया रोग प्रमुख रूप बैक्टीरिया, वायरस, फफूंद और परजीवी के कारण होता है । जब हवा में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस सांस के माध्यम से फेफड़ो तक पहुँच जाता है तो यह व्यक्ति के फेफड़ो को संक्रमित कर देता है । 45% बच्चों में न्यूमोनिया बैक्टीरिया और वायरस से फैलता है जबकि वयस्कों में यह सिर्फ 15% ही जिम्मेदार होता है ।

न्यूमोनिया के जिम्मेदार बैक्टीरिया में से कुछ के नाम इस है –
- स्ट्रेप्टोकॉकास (डीआरएसपी),
- हिमोफीलस इन्फ्लूएंजा,
- क्लैमाइडोफिला,
- मिकोप्लाजा,
- स्टैफिलोकॉकास ऑरियस,
- मोराक्सेला कैटरहैलिस,
- लैगियोनेला न्युमोफेला,
- ग्राम निगेटिव बासिलि ।
उपर्युक्त बैक्टीरिया में से स्ट्रेप्टोकॉकास (डीआरएसपी) नाम का बैक्टीरिया सबसे ज्यादा जिम्मेदार है ।
वायरस इसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे ही आते है । वयस्कों में तो वायरस जनित मामले केवल एक तिहाई ही देखने को मिलते है । इसके जिम्मेदार निम्न वायरस होते है-
- राइनोवायरस,
- इन्फ्लूएंजा वायरस,
- कोरोनावायरस,
- रेस्पिरेटरी सिन्साइटियल वायरस,
- एडिनोवायरस,
- पैराइन्फ्लूएंजा
फफूंद : वो लोग आते है जो किसी चिकित्सीय करणवश कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के होते है । जैसे एड्स का रोगी । इसमें एड्स के रोगी को ज्यादा खतरा रहता है ।
Pneumonia रोग के लिए निम्न फफूंद जिम्मेदार होते है –
- हिस्टोप्लाज्मा कैप्स्यूलेटम,
- क्रिप्टोकॉकस नियोफॉर्मन्स,
- ब्लास्टोमाइसेस,
- न्युमोनाइटिस जिरोवेसि,
- कॉकडायोइडेस इमिटिस ।
परजीवी : आमतौर पर यह काटने, खाने और त्वचा के सीधे संपर्क में आने पर व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते है | शरीर में पहुँच कर यह सबसे पहले व्यक्ति के फेफड़े को प्रभावित करते है । फेफड़ों को प्रभावित करने वाले परजीवी निम्नलिखित है –
- टोक्सोप्लाज्मा गोन्डी,
- स्ट्रॉन्गीलॉएडस स्टेकोरालिस,
- ऐस्केरिस ल्युब्रीकॉएड्स,
- प्लास्मोडियम |
न्यूमोनिया के लक्षण (Nimoniya ke Lakshan)
- खांसी
- सीने में दर्द
- सांस लेने में दिक्कत
- बुखार
- छोटे बच्चे का ठीक से स्तनपान न कर पाना या कुछ पी न पाना
- सांस लेने पर घडघडाहट की आवाज आना
- बार – बार उल्टी कर देना
- व्यक्ति का हर वक्त सुस्त रहना
- बार – बार झटके आना ज्यादा गंभीर होने पर बेहोश हो जाना
- सांस तेज चलना
न्यूमोनिया के गंभीर लक्षण
- बलगम वाली खांसी या खून आना
- सांस लेने पर सीने में तीखा व चुभन वाला दर्द
- कपकपी वाली बुखार
- त्वचा का रंग नीला पड़ जाना
- प्यास कम लगना
- शरीर में ऐंठन
- बार – बार उल्टी होना
- स्मरण शक्ति में कमी ।
Pneumonia के आम लक्षणों में बुखार, सांस लेने में कठिनाई, खांसी व सीने में दर्द जैसी समस्याएँ शामिल है । बलगम और एक्स – रे की जाँच के द्वारा रोग की पुष्टि हो जाती है । कुछ प्रकार के Pneumonia से बचाव के लिए टीके उपलब्ध है लेकिन कुछ का उपचार इसके अंतर्निहित कारणों पर ही निर्भर करता है । यदि गंभीर न्यूमोनिया का लक्षण है तो व्यक्ति का इलाज अस्पताल में करवाना जरुरी हो जाता है ।
निमोनिया का घरेलू उपचार :Pneumonia Ka Gharelu Upchar / Ilaj)
न्यूमोनिया का पता लगते ही सबसे पहले तो डॉक्टर के परामर्शनुसार इलाज करवाना शुरू करें । इसके अलावा कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपचार या उपाय भी निमोनिया को ठीक करने में आप की मदद कर सकते है –
तुलसी के गुणों से जयादातर लोग परिचित है और दैनिक जीवन में इसका इस्तेमाल भी करते है । पर शायद आप को यह नहीं पता होगा कि न्यूमोनिया में तुलसी का शानी घरेलु इलाज में कोई नहीं ।
- क्योंकि Pneumonia एक श्वास संबंधी बीमारी है और श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी बहुत उपयोगी साबित होती है । इसलिए अगर पीड़ित व्यक्ति रोज सुबह – शाम पांच काली मिर्च के दाने, तीन ग्राम मिस्री को पांच तुलसी के पत्तों के साथ सेवन करें तो बहुत जल्द आराम मिलता है ।
- तुलसी की पत्तिया कफ साफ करने में मदद करती है । इसकी पत्तियों को अदरक के साथ चबाने से खांसी – जुखाम से राहत मिलती है ।
- यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है । रोज सुबह 3-4 तुलसी के पत्तों को पीसकर पानी में मिलाकर पिए |
- पांच पत्ते तुलसी के, दो पत्ते पीपल के और मिश्री पीसकर पानी के साथ सेवन करने से संभावित गंभीर जीवाणु संक्रमण से बचाव हो सकता है ।
- नीम, तुलसी और अडूसा के पत्तों को एक साथ एक कप पानी के साथ उबाले और जब आधा कप रह जाए तो छानकर मिश्री मिलाकर चाय की तरह पीने से लाभ मिलता है ।
न्यूमोनिया में आहार और परहेज Pneumonia me diet in Hindi

इसमें ज्वर बहुत तीब्र चढ़ता है । इसलिए व्यक्ति के रोगी की पोषण की अपेक्षा इस बात पर अधिक ध्यान देना चाहिए कि उसे अधिक से अधिक आराम मिल सके तथा जल और तरल पदार्थ पर्याप्त मात्रा में दें ।
Pneumonia के मरीज को ठोस आहार बिल्कुल भी न दें । जहाँ तक संभव हो रोगी को चैन से लेटे रहने दें । बीच – बीच में तरल पदार्थ देते रहें परन्तु रोगी के आराम और इच्छा पर भी पूरा ध्यान दें ।
Pneumonia में दूध सबसे उपयुक्त भोजन है । दूध में आप चाहे तो कॉफ़ी और कोको भी मिला सकते है । सब्जी व दाल के पतले सूप रोगी को पिने को दें ।
जब रोगी की हालत सुधरने लगे तो 2 अंडे और फलों का रस देना शुरू कर दे । जैसे – जैसे सवास्थ्य में सुधार होता जाए वैसे – वैसे अर्द्ध्र – तरल भोजन देना शुरू कर दें ।
यह लक्षण बहुधा फेफड़ों में प्रकट होता है, परन्तु ह्रदय और रक्त परिभ्रमण के विषय में अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है । यह रोग तो अल्पकालिक है परन्तु इसमें रोगी इतना दुर्बल हो जाता है कि चिंता होने लगती है कि वह रोग का सामना कर भी सकेगा कि नहीं । इसलिए Pneumonia से पीड़ित व्यक्ति को ठोस आहार बिलकुल परहेज करना चाहिए । ऐसे पदार्थों से भी परहेज करें जिनसे आपको एलर्जी हो ।
न्यूमोनिया से बचने के उपाय (Pneumonia se bachav)
- न्यूमोनिया से सुरक्षा हेतु टीकाकरण जरुर करवाएं । टीकाकरण बच्चों तथा वयस्कों दोनों को बचाता है ।
- साफ – सफाई पर ध्यान दें । खांसते व छिकते समय मुंह पर रुमाल रखें ।
- धूम्रपान से परहेज करे ।
- प्रदूषित धुंए के संपर्क में आने से बचें ।
- 6 माह या उससे कम उम्र के बच्चे को माँ का दूध Pneumonia के जोखिम को कम करता है ।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु पौष्टिक खाना खाएं ।
Pneumonia डाइबिटीज, टीबी, COPD, एड्स और कैंसर जैसी बिमारियों से पीड़ित लोगों में भी अधिक होने की आशंका होती है । पर इससे डरने की आवश्यकता नहीं है । डॉक्टरी परामर्श से दवाओं का सेवन और कुछ बातों को ध्यान में रखकर इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है ।
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thanks
Babita ji , thanks for such nice post on Pneumonia. Your site is one of the best of all hindi motivational sites.
धन्यवाद Abdul जी ।
इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारी ज्यादातर हिंदी में उपलब्ध नहीं होती इस लिए निश्चित रूप से यह हिंदी भाषी लोगो के लिए एक महत्व पूर्ण पोस्ट है…..धन्यवाद Babita Ji….
धन्यवाद अविनाश जी ।
बहुत अच्छी पोस्ट शेयर की। आप मेरे ब्लॉग को चेक करके बताये कैसा हैं?
कोई कमी हो ब्लॉग में तो जरुर बताये ।
धन्यवाद!
Thanks Rajesh ji.
Very Nice Post, Thanku Babitaji.. for sharing this
Thank you Mohit ji.
हर बार की तरह बहुत ही अच्छे से आपने निमोनिया के कारणों और उपचार के बारे में बताया है।
धन्यवाद ज्योंति जी ।