पेपर अच्छा न होने पर क्या करें : आज जब मैं स्कूल से वापस आई तो मेरी पड़ोस वाली सक्सेना आंटी अपने बड़े बेटे राहुल के साथ मिलने आ गयी | उन्होंने बातों ही बातों में ही बताया कि उनके बेटे राहुल ने इस साल class 10th के पेपर दिए है | जब से उसके पेपर खत्म हुए है तब से वह बहुत परेशान और तनाव में रहता है | आज राहुल उनके पास आया और गले से लगते हुए कहने लगा कि “ मां मुझें बहुत डर लग रहा है….. !! मेरा english और science का पेपर अच्छा नहीं हुआ है | मैं पास तो हो जाऊंगा |” उसकी बातों से घबड़ा कर आंटी राहुल को लेकर मेरे पास आई थी ताकि मैं उसे समझा सकूँ |”
मैंने उसे समझाया कि अरे बेटा ऐसे नहीं घबराते हैं तो वह कहने लगा “ Mam इस बार एग्जाम में मेरा दो पेपर अच्छा नहीं हुआ | मुझें बहुत डर लग रहा हैं | मेरा पूरा भविष्य इस परीक्षा परिणाम पर टिका हुआ है और तो और नम्बर कम आये तो teacher और मेरे दोस्त क्या सोचेंगे !” यह सब बोलकर वह रुवासा हो गया |
मैंने उसे सांत्वना देते हुए कहा “बेटा निराश होने से हिम्मत टूट जाती है और तुम तो अपने माँ पापा के बहादुर बेटे हो | अभी तो result भी नही निकला है और तुम डर रहे हो | अगर रिजल्ट ख़राब भी आता है तो क्या हुआ ? हम सभी अपनी जिंदगी में कभी न कभी असफल होते है | जरुरी तो यह है कि तुम अपनी गलतियों से सीखकर दुबारा कोशिश करो | तुम्हें सफलता जरुर मिलेगी |”
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मेरे और आंटी के समझाने पर वह समझ गया और कहने लगा “Mam आप बिल्कुल सही कह रही है | इंसान को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए | फिर मेरे अंदर तो योग्यता है | अगर मैं कड़ी मेहनत करूंगा तो यक़ीनन अच्छे अंक लाकर सफलता की सीढ़िया चढ़ सकता हूं |”
उनकी बातों को सुनने के बाद मुझें इस बात का एहसास हुआ कि राहुल की तरह बहुत से ऐसे स्टूडेंट्स होते है जो exam खत्म होने के बाद भी तनाव में रहते है और इसकी वजह होती है उनका एग्जाम में लिखे अपने उत्तर से संतुष्ट न होना |
पेपर अच्छा नहीं हुआ – क्या करे / Exam Me Paper Accha Na Hone Par Kya Kare
यह तो सभी जानते है कि पेपर अच्छा न होने पर परीक्षा परिणाम को लेकर घबराहट तो होती है | जब तक result नहीं आ जाता तब तक मन में यह डर बना रहता है कि कही मैं फेल न हो जाऊ ? अगर अच्छे नम्बर नहीं आएं तो teacher क्या कहेंगे, मम्मी – पापा क्या सोचेंगे, दोस्तों के बीच बनी धाक खत्म हो जाएगी इत्यादि सोच – सोच कर उनके हाथ – पैर ठंडे होने लगते है |
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ऐसे में ज्यादातर students अपने निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति की अनिश्चितता के बारें में सोचकर तनावग्रस्त रहने लगते हैं | हो सकता है आपने भी इस बार कोई exam दिया हो और result को लेकर या पेपर अच्छा नहीं हुआ इसको लेकर tension में हो | लेकिन क्या आप ने कभी सोचा है कि आप का यह तनाव आपके दैनिक जीवन को तनावपूर्ण तो बना ही देता है साथ ही आपका तनाव आपके परिवार के सदस्यों को भी परेशान कर देता है |
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कई स्टूडेंट्स तो तनाव के कारण इतना जल्दी हताश हो जाते है कि आत्महत्या का रास्ता अपना लेते है | एक बार भी यह नहीं सोचते कि जिन्होंने आपको पाल – पोस कर इतना बड़ा किया, उनके दिल पर क्या गुजरेगी |
याद रखिए अगर समस्या हैं तो उसका समाधान भी है | बस जरुरत है तो अपने भय, तनाव रूपी समस्या का पता लगाकर उसका समाधान करने की | इसकी कोशिश भी आप को ही करनी होगी | पेपर अच्छा नहीं हुआ, मैं पास तो हो जाऊंगा या रिजल्ट क्या आएगा यह सोचने से कुछ हासिल नहीं होगा |
परीक्षा में कम नम्बर आना या फेल हो जाना जिंदगी भर का फेल हो जाना नहीं होता है | यदि आप के नम्बर कम आ भी गए तो कोई आप को घर से तो निकाल नहीं देगा | खाना – पीना, हँसना – हसाना, मित्र सब आपके वही रहेंगे | जीवन पहले की तरह ही सुन्दर रहेगा | लेकिन एक काम आप को खुद करना होगा और वह है असफलता के बाद सफलता के लिए पुन: प्रयास करना | आपने पशु – पक्षियों को तो देखा ही होगा कि कैसे वह जीजान लगा देते है खुद को जीवित रखने के लिए | आप तो एक इंसान है | आप बुद्धिमान है | अपने इसी बुद्धि का सही इस्तेमाल करें तो सफलता आपके कदम अवश्य चूमेगी |
पेपर ख़राब होने पर तनाव से बाहर निकलने के लिए खुद का करें विश्लेषण
पेपर ख़राब हो जाने पर आपके तनाव के पीछे मन में यही भय होता है कि यदि अच्छे अंक नहीं आए तो माता – पिता क्या सोचेंगे, अध्यापक क्या कहेंगे, दोस्त, रिश्तेदार, सहपाठी सब मेरा मजाक उड़ाएंगे | लेकिन सबसे पहले तो आपको अपने मन से इस भय को निकालना होगा | इसके लिए आपको स्वयं अपने भय पर धावा बोलना होगा | इसलिए आपको अपने पेपर अच्छा नहीं हुआ के कारणों का विश्लेषण जरुर करना चाहिए | हो सकता है किसी परिस्थिति के कारण आप की पढाई ठीक से न हो पाई हो | कारण पता चल जाने पर आप पुनः कड़ी मेहनत करके परीक्षा में फेल होने के भूत को नेस्तनाबूद कर सकते है |
परीक्षा की टेंशन नहीं बल्कि परीक्षा को आत्मविश्वास के साथ सहजता से लें
परीक्षा को आत्मविश्वास के साथ सहजता से लें | इसे लेकर अपने मन में तनाव न पाले | पेपर अच्छा नहीं हुआ तो क्या हुआ दुनिया में कई ऐसे सफल व्यक्ति है जिन्होंने कभी स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं की या जिन्हें कई कारणों से पढाई बीच में ही छोड़नी पड़ी किन्तु फिर भी जीवन में वे बहुत सफल रहे |
आप पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को तो जरुर जानते होंगे | यूपी के गांव से आई एक साधारण सी लड़की जिसे चेन छिनने का विरोध करने पर कुछ लोगों ने ट्रेन की पटरी पर धक्का दे दिया था | उनके दोनों पांव ट्रेन से कट गये | सारी रात वह जंगल के बीच में ट्रेन की पटरियों पर पड़ी रही | दोनों तरफ से पूरी रात ट्रेन आती – जाती रही | कटे हुए पांव को कीड़े चाट रहे थे | उनके मांस और हड्डियों को चूहे खा रहे थे लेकिन कोई नहीं था उन्हें बचाने के लिए |
सुबह जब होश आया और आंख खोली तो उन्होंने खुद को दिल्ली के एक अस्पताल में पाया | यहाँ पर आने के बाद उन्हें पता चला कि उनकी पीठ में मल्टिपल फैक्चर है और उनके दोनों पैर कट चुके है | डाक्टरों ने कहाँ कि अब उनको पूरी जिंदगी नकली पैरों के सहारे चलना पड़ेगा | इतना कुछ हो जाने पर भी अरुणिमा ने हिम्मत नहीं हारी | उन्होंने कहा कि पैर नहीं है तो क्या हुआ हिम्मत और आत्मविश्वस तो है | आज अपने आत्मविश्वास और हिम्मत के कारण ही उन्होंने अपाहिज होते हुए भी एवेरेस्ट पर चढ़कर इतिहास रच दिया |
अरुणिमा जैसी एक साधारण लड़की आत्मविश्वास के बल पर इतिहास रच सकती हैं तो आप क्यों नहीं ? अगर आत्मविश्वास हो तो जिंदगी कभी भी शुरू की जा सकती है | इसलिए खुद पर आत्मविश्वास का होना बेहद जरुरी है |
निराशवादी दृष्टिकोण से दूर रहें
पेपर अच्छा नहीं हुआ तो क्या हुआ | आप संयम से काम लेते हुए पुन: सफलता पाने के लिए उत्साह के साथ आगे बढे | यकीन मानिए ऐसी कोई भी चीज नहीं होती जिसके कारण जिंदगी जीने के काबिल न रहें | पेपर खराब होने को जीने – मरने का सवाल न समझे | आपको कई ऐसे उच्च पदस्थ व्यक्ति मिलेगे जिन्होंने वह पद पहली बार में सफलता प्राप्त कर के नही पाया होगा बल्कि किसी परीक्षा में अनुतीर्ण होने के बाद ही संभल पाए होंगे | इसलिए निराशावादी दृष्टिकोण से दूर रहे |
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दूसरों की बातों को सुनकर तनावग्रस्त न हो
तुम्हारा पेपर कैसा हुआ ? मेरा तो बहुत अच्छा गया | मुझे लगता है इस साल मेरा 95% आएगा | ऐसी बाते आप भी सुनते होंगे लेकिन यह सोचकर परेशान न हो कि हाय अब क्या होगा ? मेरा पेपर अच्छा नहीं हुआ लेकिन क्या पता आप का दोस्त सच बोल रहा है या झूठ | इसलिए दूसरों की बातों को सुनकर तनावग्रस्त रहने से केवल आपका वक्त बर्बाद होगा | अच्छी और बुरी चीजे तो जिंदगी में होती रहती है | अगर आपको अपने काबिलियत पर भरोसा है तो आप को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है |
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वक्त की तरह आप को भी आगे बढ़ते रहना चाहिए | जिंदगी में रुकने या पीछे मुड़ कर देखने से कुछ हासिल नहीं होता | अपने मन से नकारात्मक सोच को निकाल फेके क्योंकि नकारात्मक सोच कभी सकारात्मक परिणाम नहीं दे सकता औए सबसे जरुरी बात खुद पर भरोसा रखे सब अच्छा होगा |
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apki post hmesha achhi hoti hai.. it’s really good , i like it
धन्यवाद बबिता जी बहुत ही सुन्दर लेख लिखा है आपने ,एग्ज़ाम देने के बाद नम्बर को लेकर परेशान होने से कुछ हासिल नहीं होता है ,इस लिए ग़लतियों से सिख ले और आगे का सोचे मेहनत करने वालों को उनकी मंनजिल अवश्य मिलती है ,सभी बच्चों को एक बार इस पर अवश्य सोचना चाहिए और अपने माता – पिता के विश्वास को बनाये रखना चाहिए,
vaqt badal raha h or padhai ka stress sirf mark ko lekar nahi rahna chahiye. kai factor h jinhe dhyan me rakh kar hm exam k stress se dur rah sakte h. cool mind unme sabse pahle number par h. thanks babita ji soch ko naya jariya dene k liye
Bahut hi achi jankari madam. bahut khub
आजकल के बच्चो को इस जानकारी की बहुत आवश्यकता है, आपने उनके लिए बहुत ही उपयोगी जानकारी दी…..
Bahut Hi Achi Post Likhi Hai
Sahi kaha aapne. Ye jaruri nhi ki Exam me milne wale number aapki zindagi badlen. Third class student bhi skill se apni jindagi badal sakta hea.
Thanks.
AAPNE EXAMLEI KE MADHAM SE BCCHO KA MANOVAGANIK VISLASAN KIYA HAI JO SRAHNEEN HAI.
NEERAJ
http://www.janjagrannews.com
धन्यवाद Neeraj जी ।
अच्छे तरीक़े … बच्चों को ध्यान देना चाहिए इन बातों पर … और ये सच है जीवन किसी एक परीक्षा में काम ज़्यादा नम्बरों से नहीं चलता … हाँ अपनी मेहनत पूरी देनी चाहिए … फिर नो चिंता …
धन्यवाद दिगंबर जी ।
बहुत अच्छा लेख ।
अब पछताये क्या होत….
अब तो सकारात्मक ऊर्जा के साथ नई तैयारी करनी चाहिए । Depression में जाने की बजाये गलती से सबक लेते हुए नए कीर्तिमान स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए ।
धन्यवाद Viram जी ।
पेपर अच्छा न होने पर भी हौसला बनाए रखने के बहुत बढ़िया तरीके बताए है आपने। यदि हम हौसला न हारे और इस असफलता से सीख ले तो सफलता हमारे कदम चुम सकती है। सुंदर प्रस्तुति।
धन्यवाद ज्योंति जी ।
Fantastic post….
Thanks.