Inspirational Post : 5 lessons to learn from दंगल movie

मंजिल बड़ी जिद्दी होती हैं, हासिल कहाँ नसीब से होती है |
मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं, जहाँ कश्तियाँ जिद पर होती हैं |
भरोसा ईश्वर पर हैं, तो जो लिखा है तकदीर में, वो ही पाओगे |
मगर भरोसा अगर खुद पर हैं, तो ईश्वर वही लिखेगा, जो आप चाहोगे |
दोस्तों वैसे तो ऊपर लिखी lines सफलता के मंत्र को इंगित करती है पर साथ ही साथ महावीर सिंह फोगाट के जीवन पर बनी आमिर खान की movie दंगल के लिए यह lines एकदम फिट बैठती है | कुछ ऐसा ही भरोसा आमिर खान यानि पहलवान महावीर सिंह फोगाट को अपने और अपने बेटियों के ऊपर था | आमिर खान इस movie में हरियाणा के एक छोटे से गांव बलाली में रहने वाले पहलवान महावीर सिंह फोगाट का किरदार निभाया है | इनका सपना था कि वह देश के लिए wrestling (पहलवानी) में Gold Medal ला सके | इनका खुद का सपना तो नहीं पूरा हो सका लेकिन इन्होंने अपनी बेटियों के लिए जो सपना देखा उसे पूरा कर दिखाया | और साथ ही हमारे समाज को एक सीख भी दे दिया कि सपने वो नहीं होते, जो आप सोने के बाद देखते है | सपने वो होते है जो आप को सोने नहीं देते है |
कहते है कि फ़िल्में समाज का दर्पण होती है | यह movie वाकई हमारे समाज का आइना है | हमारे समाज में अब भी लड़कियों को वह जगह नहीं मिलती जो लडकों को दी जाती है | लड़कियों को कदम – कदम पर लड़कों से तुलना करके रोकने की कोशिश की जाती है | लेकिन यह movie इस सोच को दरकिनार करती है | साथ ही यह movie सफलता के मंत्र भी बताती है |
छोरियां छोरों से कम हैं के ?
हमारे देश में केवल बेटों की चाह रखने वालोँ की कमी नहीं है | ऐसे लोगों को अभी भी यही लगता है कि जो लड़के कर सकते है वह लडकियां नहीं कर सकती है | इस फिल्म में भी यह देखने को मिलता है कि कैसे बेटे की चाह में महावीर सिंह फोगाट चार बेटियों के पिता बन जाते है लेकिन उन्हें अपनी इस गलती का एहसास भी हो जाता है और वह उन पिताओं के लिए एक मिसाल बन जाते है जो अपने बेटिओं को बेटों से कम समझते है |
जीवन में लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए
अंतर्राष्ट्रीय खेलों में India के लिए Gold लाना ही महावीर सिंह फोगाट का एक मात्र लक्ष्य था | इसके लिए वह अपना सब कुछ दांव पर लगा देते है यहाँ तक की अपनी सरकारी नौकरी भी | इसके लिए वह आखाड़े की मिट्टी में अपनी मेहनत घोल देते है | कहने का तात्पर्य यह है कि लक्ष्य तो होना ही चाहिए और उस लक्ष्य तक पहुचनें के लिए कड़ी मेहनत की भी जरुरत होती है, तभी सफलता मिलती है |
अनुशासन और लगन
हर माता – पिता अपने बच्चों के लिए अच्छा सोचते है | बच्चे तो मिट्टी के घड़े के सामान होते है | जिस प्रकार मिट्टी के घड़े को अच्छा बनाने के लिए उसपर चोट करना पड़ता है उसी प्रकार अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए थोड़ी सख्ती बरतने में कोई बुराई नहीं है |
महावीर सिंह फोगाट के अनुशासन की वजह से उनकी बेटिया गीता और बबिता को भी कुछ ऐसा ही लगता है | उन्हें अपना पिता राक्षस लगने लगता है लेकिन बहुत जल्द उन्हें इस बात का एहसास हो जाता है | वह समझ जाती है कि उनके पिता उन बाकि पिता से अच्छे है जो बहुत कम उम्र में अपनी बच्चियों की पढाई छुड़वा देते है और उनकी शादी करा देते है |
लोगों का क्या, लोगों का काम है कहना
फ़िल्में में अधिकतर समाज में हो रही घटनाओं को दिखाया जाता है | फिल्म में दिखाया गया है कि जब महावीर सिंह फोगाट सुबह सुबह half pant में अपनी बेटियों को गाँव में दौड़ लगवाते है या फिर जब पहलवानी के दांव पेंच सिखाते है तो पूरा गाँव फोगाट परिवार पर हँसता है | पर महावीर सिंह फोगाट ऐसे लोगों को नजरंदाज करते है | वह लोगों की परवाह किए बिना अपनी बेटियों को कुश्ती की training देते है | गीता और बबिता भी अपने पिता की तरह किसी की परवाह न करके अपनी कुश्ती की training पर ध्यान देती है | इसका फल भी मिलता है जब गीता Gold medal जीतकर भारत का नाम रोशन करती है | आज गीता और बबिता सभी लड़कियों के लिए एक मिसाल है |
धैर्य सफलता के मंत्र की महत्वपूर्ण कुंजी
धीर बनो अधीर नहीं | Last fight में गीता फोगाट का साथ उनका धैर्य ही देता है | फिल्म में उनकी प्रतिद्वंदी उनसे काफी बलवान थी लेकिन गीता के धैर्य के आगे उसकी शक्ति का जोर नहीं चला | हमेशा शक्ति ही काम नहीं आती है | कभी – कभी परिस्थितियों के अनुसार धैर्य से भी काम लेना चाहिए | सफलता पाने के लिए धैर्य का होना भी जरुरी है |
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बहूत ही खूब प्रस्तुति…
ऐसी ही मंत्र और भी देते रहिएगा…
I AM WAITING OF YOUR NEW ARTICAL…
बहुत बहुत धन्यवाद कविता जी ।
nice post padke
acha laga
धन्यवाद Devendra जी ।
बबिता जी हमारे देश की फिल्मे से सीख मिले या न मिले ये तो हम नही जानते है लेकिन हम ये जरुर जानते है की जब हमारे देश के लोग ठान लेते है चाहे वह कोई लड़का या लड़की ही क्यों न हो सबके लिए एक मिशाल जरुर बन जाता है शायद यही हमारे भारत की पहचान है जो औरो देश से हमे विशेष बनाती है We Are Proud to Be an Indian…………..
ऐसी बहुत कम फिल्में हमारे यहां बनती है जिनसे कुछ सीखने को मिलता है । आप ने यह बात बिल्कुल सही कही कि भारतीय अगर ठान ले तो मिसाल कायम कर ही देते है और मिसाले दी जाती है भूली नही जाती । धन्यवाद राकेश जी ।
nice
धन्यवाद Sarvesh जी ।
bhut badiya babita ji aap ne bhut hi acchi post likhi h
धन्यवाद Sarvesh जी ।
ये पोस्ट किसी अच्छे मेसेज से कम है के…
बहुत बहुत धन्यवाद ।
nice post….
thanks for sharing
धन्यवाद कविता जी ।
बबीता:) वाकई में बहुत ही बढ़िया पोस्ट है ये |जिस तरह से आपने अपने पोस्ट को दंगल movie से प्रेरित किया है, वो बहुत ही काबिले तारीफ है |
धन्यवाद Pavitra जी ।
Nice post
धन्यवाद Debasish जी ।
Hi Babita,
Great article, thanks for sharing such valuable information.
धन्यवाद Akash जी ।
It’s a very very very good inspirational movie everyone should watch this movie. It really gives important lessons to the us.
धन्यवाद Vikas जी ।
सच में मुझे अभी तक मूवी देखने का टाइम नही मिल पाया है….लेकिन इतना पता है कि फोगाट family एक inspiration है और इस movie ने उस inspiration को और बढाया है ……और आपने ये पोस्ट लिखकर उन लोगों को इस movie को देखने के लिए मजबूर कर दिया है जो अभी तक इस movie को नहीं देख पायें हैं ……nice post
बहुत बहुत धन्यवाद pushpendra जी । बहुत दिनों बाद ऐसी फिल्म आई हैं जो समाज को एक सीख दे रही हैं ।