ताजामुल की सफलता की कहानी (Safalta ki kahani in hindi)
उम्मीदें….महत्वाकांक्षाए….जोश….और मन में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो किसी भी सपने को पूरा किया जा सकता है और इसी जज्बे के साथ देश के लिए सोना जीतकर कश्मीर की एक नन्ही परी तजामुल ने सफलता की एक नई कहानी लिखी हैं | वह ऐसी पहली कश्मीरी लड़की हैं जिन्होंने World Kickboxing Championship में देश के लिए Gold Medal जीतकर इतिहास रच दिया | इटली के ऐन्ड्रिया में आयोजित प्रतिस्पर्धा में कुल 90 देशों ने हिस्सा लिया था | Tajamul की जीत इसलिए और भी खास है क्योंकि फाइनल मुकाबले में अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी को हराकर लगातार पांच दिनों में कुल छह बार जीत दर्ज की | तजामुल कहती है कि यदि आप के अंदर किसी चीज का जूनून है और आप कड़ी मेहनत करते है तो आप जरुर सफल होंगे |
Safalta ki kahani
जहां इस उम्र में बच्चे खिलौनों के साथ खेलते है दोस्तों के साथ खेलना पसंद करते है यहां तक कि हम सब का नजरिया भी इस उम्र के बच्चों के प्रति यही रहता है लेकीन तजामुल ने सबका नजरिया बदल दिया | यह छोटी सी बच्ची आज पूरे इंडिया की लड़कियों के लिए एक मिसाल बन गई है | किक बॉक्सिंग को खेल के रूप में चुनना किसी भी लड़की के लिए आसन नहीं होता है लेकिन tajamul में कुछ कर गुजरने का जूनून और जज्बा था जो एक गरीब परिवार से होते हुए भी किक बॉक्सिंग को चुना | आइये तजामुल की सफलता की कहानी के सफर के बारें में विस्तार से जानते है |
Tajamul कश्मीर के बांदिपोर जिले के tarkpora नामक गाव की रहने वाली हैं | इनके पिता गुलाम मुहम्मद पेशे से एक construction कंपनी में ड्राइवर है | तजामुल की सफलता का सफर कभी भी आसन नहीं रहा | लेकिन इस बच्ची ने कभी हार नहीं मानी |
“There is no substitute to hard work”. – Thomas A. Edison
इस बच्ची ने जो सपना देखा उस तक पहुँचने में इसने दिन – रात एक कर दिया | इतनी छोटी सी बच्ची का रोज सुबह जल्दी उठना आसान नहीं था लेकिन वह जानती थी कि लक्ष्य तक पहुंचना है तो comfort zone को छोड़ना ही होगा | मृदु भाषी तजामुल आज भी अपने परिवार, दोस्तों और टीचरों के बीच Gugu ( घर पर बुलाया जाने वाला नाम ) ही है | जमीन से जुड़ी यह नन्ही किक बॉक्सर आज भारत की सभी लडकियों की inspiration बन गई है |
Tajamul का martial arts में रूचि तब जगी, जब उन्होंने पहली बार martial arts movie देखी | 2014 में एक local academy में लड़के – लडकियों को martial arts की ट्रेनिंग लेते हुए देखा तो उन्होंने अपने पिता से कहा कि वह भी martial art सीखना चाहती है | उन्होंने अपनी बेटी का पूरा साथ दिया | तजामुल ने बांदीपोरा के martial arts academy से Wushu की ट्रेनिंग लेना शुरू किया | इनके पिता ने बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाने के इरादें से सेना द्वारा चलाए जाने वाले गुडविल स्कूल में भर्ती कराया लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से इनके पिता खेल के जरुरी सामान को जुटाने में असमर्थ थे | ऐसे समय में army ने Tajamul की मदद के लिए हाथ बढाया और army ने ही तजामुल की education और प्रशिक्षण का अधिकतर खर्च उठाया है |
तजामुल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान तब मिली जब इन्होने 7 साल की उम्र में 13 साल की अपनी प्रतिद्वंदी को मात्र 15 minute के भीतर पराजित कर दिया और 2015 की National Kickboxing Championship में sub – junior category में gold medal जीत लिया और इस तरह tajamul कश्मीर से अपनी age group में National Kickboxing Championship में gold medal जीतने वाली पहली लड़की बन गयी |
इसके बाद 27 मार्च से 31 मार्च 2016 के बीच haridwar में हुई national Wushu Championship में उनकी प्रतिभा ने सबको प्रभावित कर दिया जब उन्होंने देश के विभिन्न states से आए प्रतिद्वंदियो को, जो उनसे लम्बे और शारीरिक रूप से मजबूत थे, को चारों खाने चित्त कर दिया था | इस Championship को जीतने के बाद tajamul पूरी जीजान से इटली में होने वाली World Kickboxing Championship की तैयारी में जुट गयी और Kickboxing में World Champion बनकर भारत का नाम रोशन किया है |
Tajamul भारत की hero है और हम सब के लिए inspiration है | इस नन्ही परी ने साबित कर दिया कि क़ाबलियत और लगन से हर लक्ष्य को पाया जा सकता है |
“Hard work has made it easy. That is my secret. That is why I win.” – Nadia Comaneci
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24 thoughts on “नन्ही तजामुल इस्लाम की सफलता की कहानी (Safalta ki kahani in hindi)”
Babita ji Maine Video bhi dekhi thi ish bachhi ki vaQai bhut hi bhadur hai ye bachhi,jisme kuch kar Gujarne ka junnun Hota hai Ushpar Out side Activities ka koi farq nahi padta ,Bahut se log Bahane khojte hai,Lekin ish bachhi ki ye story vaqai hame motivate karti h
Agr humme kuch kr gujarne ka junun aur jjba ho to koi bhi kaam jyada mushkil nahi h yahi sabit kr dikhaya hai Tajamul Islam ne. thanks you Babita Ji for sharing this Inspirational Article with us…
Awesome iss chhoti bachchi ne kafi kuchh sikha diya. Apne hubar se… saflta ke liye comfort zone se bahar aana hoga agr jeet ko apne muthi me krna h to.
Thanks Rajesh ji. I don't know the name of template because it is designed by Kiran Sahu ji of hamarisafalta.in. You can contact him and i am sure he will help you about this.
Very nice story . great job babita ji keep it up
Thanks Shiv ji for your words of encouragement.
aap ne yah post bhut achha likha hai thanks Babita ji bhut hi achha hai
Thanks Sandeep ji
इस शानदार कहानी के लिए बस एक ही शब्द काफी है…
शुक्रिया.
बहुत बहुत धन्यवाद Anil जी |
line apki koyi bhi Jab apke ander Junnon , hosla or kuch kar guzarne ki chahat ho to aap kuch bhi kar aakte hai. Thats it –
thanks Babita for sharing this Inspirational Post : keep blogging with us 🙂
प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद Jandail जी |
Thanks for telling something which makes our country proud
thanks
Babita ji Maine Video bhi dekhi thi ish bachhi ki vaQai bhut hi bhadur hai ye bachhi,jisme kuch kar Gujarne ka junnun Hota hai Ushpar Out side Activities ka koi farq nahi padta ,Bahut se log Bahane khojte hai,Lekin ish bachhi ki ye story vaqai hame motivate karti h
धन्यवाद Sachin जी, Tajamul हम सब के लिए एक मिसाल है क्योकि कश्मीर के एक छोटी सी जगह से निकल कर अपनी पहचान बनाना आसान नहीं था |
बबिता जी बहुत ही बढ़िया पोस्ट ऐसे में जब पूरे कश्मीर की शांति में रुकावट है एक अच्छा प्रयास ………..
धन्यवाद राकेश जी, वाकई Tajamul कश्मीर की एक शांतिदूत ही है |
nice
धन्यवाद राकेश जी |
Agr humme kuch kr gujarne ka junun aur jjba ho to koi bhi kaam jyada mushkil nahi h yahi sabit kr dikhaya hai Tajamul Islam ne. thanks you Babita Ji for sharing this Inspirational Article with us…
धन्यवाद Abhishek जी | मंजिल उसी को मिलती है जिसके हौसलों में जान होती है |
Awesome iss chhoti bachchi ne kafi kuchh sikha diya. Apne hubar se… saflta ke liye comfort zone se bahar aana hoga agr jeet ko apne muthi me krna h to.
जी हाँ सही कहा आपने | बिना comfort zone से बाहर निकले सफलता नहीं मिल सकती है |
Nice Articel, Thanks for Share
Jo template aap use kar rhe ho iska name kya ??
Thanks Rajesh ji. I don't know the name of template because it is designed by Kiran Sahu ji of hamarisafalta.in. You can contact him and i am sure he will help you about this.
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ….. very nice … Thanks for sharing this!! 🙂 🙂
धन्यवाद and keep reading.