हकलाने का कारण इलाज और उपाय (Haklana Tutlana Treatment in Hindi)
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Stammering Cure |
हकलाने का इलाज – Haklane (Stammering) Ka Ilaj In Hindi
हकलाने का लक्षण – जब कोई रुक-रुक कर या अटक – अटक कर बोलता है तो इसे हकलाना (stammering) कहा जाता है।
हकलाने (stammering) में बालक बोलते समय अपनी बात को अटककर अर्थात थोड़ी देर रूककर कहता है, क्योंकि बोलते समय बच्चें की ध्वनि अवरुद्ध हो जाती है। इतना ही नहीं वह पूरा वाक्य बोलने में थोडा समय लगाता है। व्यक्ति बोलने का पूरा प्रयास करता है और इस प्रयास में उसके होंठ, जीभ, एवं जबड़े भी हिलते रहते है, मुंह खुला का खुला रह जाता है लेकिन आवाज नहीं निकलती।|
हकलाने का कारण – Reason for stammering in hindi
हकलाने के सही – सही कारण विशेषज्ञ भी नहीं जान सके है। लेकिन हकलाने की समस्यां पर किए गए कुछ अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि –
1. कभी – कभी नर्वस सिस्टम में खराबी आ जाने से बोलचाल में हकलाहट आ जाती है तो कभी अचानक कोई सदमा लगने से भी बच्चें हकलाने लगते है।
2. कुछ बच्चे बचपन से ही हकलाते है। अगर घर में कोई हम उम्र बच्चा या कोई बड़ा व्यक्ति हकलाता है, तो उसकी नकल उतारते – उतारते बच्चों को खुद भी हकलाने की आदत पड़ जाती है।
3. भय, तनाव और घबराहट बच्चें के हकलाने का कारण हो सकता है।
4. हकलाहट वंशानुगत भी हो सकती है।
5. कई बच्चे नर्वस होने पर, उत्तेजना, आवेश या तेजी से बोलने के चक्कर में हकलाने लगते हैं।
हकलाहट मात्र एक समस्या है कोई बीमारी नहीं है। इसलिए परेशान न हों। हकलाने वालें लोगों के साथ थोड़ा सहयोगी रवैया अपनाने के साथ निम्न बातों पर ध्यान दें।
किसी अच्छे मनोचिकित्सक को दिखाएं
जैसे ही आप को बच्चें के हकलाने का आभास हो तो उसे तुरंत ही किसी मनोचिकित्सक के पास ले जाकर इलाज करवाएं। ध्यान रखें कि मनोचिकित्सक अनुभवी और संवेदनशील व्यक्ति हो, ताकि बच्चा अपने डर और तनाव के बारें में खुलकर बात कर सके।
यदि बच्चा अपनी परेशानी और डर की वजह को खुद बता सके और उनके साथ तालमेल बिठा सके, तो यह ज्यादा अच्छा है। मनोचिकित्सक उन बातों की तह में जाने की कोशिश करते है कि बच्चें में किस वजह से हकलाहट है। क्योंकि हकलाने का एक बार कारण पता लग जाने पर में इलाज करने में आसानी होती है।
माता – पिता का सहयोग
बच्चें की हकलाहट को दूर करने में माता – पिता का सहयोग अति महत्वपूर्ण है। ये ही बच्चों के सबसे करीब होते है। अगर माता – पिता कुछ छोटी – छोटी बातों का ध्यान रखें, तो इस समस्या पर शुरू में ही काबू पाया जा सकता है। जैसे बच्चें के मन में सुरक्षा और डर की भावना को न आने दें।
हर समय भाषा और बोलने के तरीके में गलतियां न निकालें। अगर वह गलत बोलता है तो उसे प्यार से समझा दें। डांटने से वह और ज्यादा गडबड बोलने लगते है और हीन भावना का शिकार होने लगते है। उन्हें दूसरें हकलाने वाले लोगो की नकल करने से मना करें। आप वैसे ही बात करें जैसा कि आप किसी सामान्य व्यक्ति से बात करते है।

- Be a Good Listener – अच्छे श्रोता बनें। अगर आप बच्चे से कोई सवाल पूछ रहे है तो उसे जबाब देने के लिए समय दें और उसकी बातों को ध्यान से सुनें। कोशिश रहे कि ज्यादा सवाल न पूछे।
- बच्चा आपसे जो बातें कह रहा हो उसके विषय में रूचि दिखाएं। इस बात पर ज्यादा गौर न करें कि वह किस तरह कह रहा है।
- बच्चें की हकलाहट को दूर करने के लिए उसके खुद के अन्दर आत्मविश्वास जगाएं। उसके अन्दर के भय को दूर करने में उसका हौसला बढाएं ताकि वह खुद से भी कोशिश कर सके और यह उसके लिए बेहद जरुरी है।
- मनोचिकित्सक के अलावा speech therapist भी हकलाहट दूर करने की समस्या में मददगार हो सकते है।
आशा करती हूँ कि ये लेख छोटे और बड़े सभी के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। अगर आपके पास इससे संबंधित कोई सुझाव हो तो वो भी आमंत्रित हैं। आप अपने सुझाव को इस लिंक Facebook Page के जरिये भी हमसे साझा कर सकते है. और हाँ हमारा free email subscription जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं.
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Mujha bhi yahi probelm ha. mei boht paresan ho ptq nai yr probelm kaisa thek hogi guarv ap koe job krta hai ja nai
Mam jab me dusri language me baat karti hu hmare yha daily rajsthani boli jati hai jab me college me jati hu or hindi bolne ki koshish karti hu to me bolte bolte ruk jati hu ye problem jab me school me thi tba nhi thi lekin ab college me hu tab ho rhi hai or hakalana bhi chalu ho gya
Me kya kar skti hu mem isko dur karne ke liye
Anjali salvi ji, aap ekdam normal hai. Aapko koi dikkat nahi hai. Hum sabhi jab dusri language me baat karte hai to jab tak dusri language par command na ho tab tak atak atak kar bolte hai. Aapko bolte samay nervous nahi hona chahiye sath hi dusri language par command hasil kare. Natural bole koi dikkat nahi hogi.
mam mujhe bhi bolne me problem hai bahot mai kisi bhi time bolne me atkat agr koi new person samne aaya to bhi mai ruj ruk kar bat kart a
mam plzzz kuch tips dijiye ki maqi thik se bat kar pau
Anand ji, aap kisi anjaan insan ke samne bolne me atakte hai to isse lagta hai ki aap nervous ho jate hai. Aap apne andar confidence laye aur ilaj ke liye kisi achhe speech therapist ae sampark kare.
Mam Mai 20 sal ka ho gya hu Mai ruk ruk kr bolta hu pr Mai bachpan me asa nhi tha pta nhi muhje ye aadat kaise lag gye jab Mai kaise lag gye ye muhje tab hota h jab Mai kaise anjan person see bat krta hu tab maira Dil mind Mai ajiv see ghbrahat see hone lgti h or jinhe Mai janta hu unke sath lagbag thik bol lega hu
Mam muhje kuch btaiye plz jisse me is pr control kr sku
Gaurav जी शायद आप में आत्मविश्वास की कमी जिससे आप किसी अनजान व्यक्ति से बात करते समय रुक रुक बोलते है | आप अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश करे |
Mam haklahat zindagi bhar rah jati h ya kvi chhutti v hai.
Sandeep जी यदि सब्र के साथ इलाज किया जाये तो हकलाहट सही हो सकती है | It’s a taking process.
muje bi haklane ki bimari meri ye bimari 3-4 year se hone lagi hai aab me 20 year ka hu.
Govind ji, आप किसी अच्छे मनोचिकित्सक को दिखाएँ और speech therapy ले | आपको जरुर फायदा होगा |
Mam Mera ladka 2 saal ka hai wo pehle thik bolta tha ab kuch din se ruk ruk ker bol rha hai Kya wo thik ho jayega
Tony जी, अगर आपका बेटा पहले सही बोलता था तो उसे कोई दिक्कत नहीं है | कभी कभी बच्चे ज्यादा लाड़ – प्यार की वजह से या फिर किसी डर की वजह से रुक रुक कर बोलना शुरू कर देते है | ऐसी परिस्थिति में बच्चे को धैर्य के साथ सही बोलने के लिए motivate करना होगा |
good post Babita ji bhut hi dhnybad aap ka
Babita mam thank u so much for this post,mam mere padosh me 2-3 boy and girls h jisko stammering problem hai.unki age 12-16 years hai aisa nhi lgta hai ki wo kisi dar ke wajah haklate hai,mam wo kaise thik honge suggest kre.thank u
धन्यवाद Kuldeep जी, जैसा कि मैंने लिखा है कि बचपन में ही इस समस्या का पता चलते ही उसे दूर करने का प्रयास शुरू कर देना चाहिए | लेकिन आपने जिस उम्र के बच्चों का जिक्र किया है तो मै आपसे यही कहूँगी कि उन बच्चों के parents से कहें कि वह तुरंत किसी अनुभवी मनोचिकित्सक से सम्पर्क करें |
Thank u mam
hello babita mam
Hello Deepak ji, welcome to khayalrakhe.com
हकलाने का कोई ठीक होने का इलाज
हकलाने का इलाज केवल आत्मविश्वास से ही संभव है | साथ ही आप speech therapist से मदद ले |
बबिता जी, बिल्कुल सही कहा आपने। हकलाना कोई बीमारी नहीं है। सिर्फ मन का डर है जो अपनो के सहयोग से दूर हो सकता है।
धन्यवाद Jyoti जी, बच्चों में हकलाहट सामान्य बात है लेकिन जब उसके साथी मज़ाक उडाएं तो बच्चे में हीनभावना घर करने लगती है| Parents को सदैव इसका ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा भयभीत या तनावग्रस्त न रहे।