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एक चायवाली की सफलता की कहानी (Safalta ki kahani in hindi)

सफलता की कहानी
सफलता की कहानी

चाय – national drink of India शायद ऐसा कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा। सुबह उठते ही अगर एक कप गरमा – गरम चाय की प्याली न मिले तो लगता है कि दिन की शुरुआत ही अच्छी नहीं हुई और अगर सुबह यह एक प्याली मिल जाए तो कहना ही क्या। भारत में तो अधिकांश लोग इसे अपनी daily life का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते है और क्यों न माने क्योकि सुख और दुःख दोनों में ही चाय हमारा साथ देती है। इसी लोकप्रिय भारतीय चाय को और भी लोकप्रिय बनाया ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली भारतीय मूल की उपमा विरदी ने जिन्हें आज दुनिया चायवाली के नाम से जानती है।

पेशे से वकील उपमा अपनी नौकरी से वक्त निकाल कर यहाँ के लोगो को चाय परोसती है। इनका मसाला चाय इतना खास है कि लोग उनसे चाय बनाना भी सीख रहे है। ये पहली ऐसी भारतीय महिला है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में coffee पसंद करने वालों को भारतीय मसाला चाय का चस्का लगाया। उपमा की इस सफलता पर Indian Australian Business and Community Awards (इंडियन ऑस्ट्रेलियन बिजनेस एन्ड कम्युनिटी) द्वारा Business woman of the year 2016 चुना गया है।

सफलता की कहानी (Safalta ki kahani in hindi)

 उपमा विरदी का जन्म चंडीगढ़ में हुआ था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद वह law की पढाई करने के लिए Australia चली गई। आज 26 वर्षीय उपमा विरदी Australia में एक successful lawyer है।

successful lawyer से सफल business woman चायवाली बनने का सफर 

 
उपमा जब law की पढाई के लिए ऑस्ट्रेलिया गई तब उन्हें घर की बनी चाय की बहुत याद आने लगी और चाय के प्रति यही जूनून सहसा उन्हें ‘चाय बिजनेस’ की तरफ ले गया। चाय को business के रूप में चुनने की एक वजह यह भी थी कि वह अपने दादा की मसाला चाय को दुनिया में पहचान दिलाना चाहती थी। उपमा के दादाजी चंडीगढ़ में आयुर्वेदिक दवाएं बेचते हैं। वो अपनी डिस्पेंसरी में आयुर्वेदिक चाय बनाया करते थे। इनके दादा जड़ी बूटियों और मसालों के विशेषज्ञ थे और उपमा के प्रेरणा श्रोत भी। यहीं पर उन्होंने अपने दादाजी से आयुर्वेदिक चाय बनाना सीखा था।
सफलता की कहानी
safalta ki kahani in hindi
photo source : theage.com

उपमा का कहना है कि एक lawyer से chai wali business woman बनने का सफलता का यह सफ़र कभी भी आसान नहीं था। उपमा का चाय का बिजनेस शुरु करने का आइडिया उनके माता पिता को पसंद नहीं आया था। लेकिन उन्हें चाय बनाने का इतना शौक था कि ऑस्ट्रेलिया में एक चाय की दुकान खोल ली। नौकरी से बचे समय में उपमा चायवाली बनकर ऑफिसों में पहुंच जाती है। हाथ में तारों से बनी टोकरी में चाय के गिलास लेकर चाय – चाय का आवाज लगाती जब office में घुसती है तो लोग उनकी चाय को हाथों – हाथ ले लेते है। आज इनके हाथों का बना चाय इनता पसंद किया जा रहा है कि Chaiwali Uppma Virdi के नाम से एक brand ही तैयार हो गया और उनकी चाय ऑस्ट्रेलिया के बाजार में खूब धडल्ले से बिक रही है।

चाय के प्रति उपमा के passion की वजह से ऑस्ट्रेलिया में हुए ‘Tea festival’ में इन्हें विशेष तौर पर बुलाया गया था। इस festival में उपमा सिर्फ शामिल ही नहीं हुई बल्कि उन्होंने भारतीय चाय की तारीफ करते हुए कहा कि मैं ऑस्ट्रेलिया के लोगों को बताना चाहती हूं कि भारतीय चाय का स्वाद दुनिया के बाकी देश की चाय से अलग हैं, क्योंकि हम भारतीय चाय को स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें इलाइची, लौंग तथा कई तरह की बूटियों का प्रयोग करते हैं।

Businesswoman of the year 2016

सफलता किसी काम का मोहताज नहीं होती है, बल्कि सफलता उनके कदम चूमती है जिनके हौसलों में जान होती है। उपमा ने चाय को बिजनेस के तौर पर अपनाकर अपनी सफलता की कहानी तो लिखी ही साथ ही एक मिसाल भी कायम कर दी। इन्हों ने यह साबित कर दिया कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। ‘चाय बिजनेस’ के लिए उपमा को हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की Businesswoman of the year 2016 के award से नवाजा गया।

Chaiwali Uppma Virdi का मकसद –

उपमा का मकसद ऑस्ट्रेलियन समाज को चाय के जरिए भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाना था। उपमा के हाथों की बनी चाय ऑस्ट्रेलिया के लोग बेहद पसंद कर रहे है। वो कहती है कि बहुत जल्द चाय कॉफ़ी का विकल्प बन जायेगा।  उपमा अपने चाय को अधिक से अधिक लोगो तक पहुँचाने के लिए रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल्स, कैफे और होटलों में चाय को मशहूर बना रही है। लोगों को चाय इतना पसंद आ रहा है कि लोग इसे बनाने का तरीका भी सीख रहें है। इसके लिए उपमा अलग – अलग शहरों में जाकर ‘The Art of Making Chai’ वर्कशॉप यानि चाय बनाने की कला के बारे में class लेती है जिसमे Uppma Virdi लोगों को स्वादिष्ट मसाला चाय बनाना सिखाती है। आज उपमा ने बिजनेस में सफलता का जो मुकाम हासिल किया है उसके लिए बस यही कहना चाहूंगी।

 
                जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए चाहे काम छोटा हो या बड़ा बस मन चाहिए,
     
               हर राह आसान हो जाएगी बस उसे करने के लिए दृढ संकल्प चाहिए |

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Babita Singh
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32 thoughts on “एक चायवाली की सफलता की कहानी (Safalta ki kahani in hindi)

  1. चाय बनाकर भी सफलता प्राप्त की जा सकती है
    बहुत अच्छे…..
    यह लेख उन लोगों को सोचने को विवश करता है जो निठल्ले बैठे है ….काम नहीं है कहते है…

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