अनुशासन के महत्व पर शिक्षाप्रद हिंदी कहानी ( Short Moral Hindi story on Importance Of Discipline)
हम सब जानते है कि गांधी जी को अनुशासन बहुत पसंद था | उनका मानना था कि अनुशासन एक ऐसा क्रम है एक ऐसी नियमित प्रक्रिया है जो कार्य अथवा जीवन की अभिव्यक्ति में सुन्दरता उत्पन्न करती है | Discipline ही है जो व्यक्ति को व्यवस्थित जीवन व्यतीत करना सीखलाता है और उसके सुख का साधन बनता है |
कर्तव्य परायणता पर हिंदी कहानी
इसलिए अनुशासन के महत्व को समझने के लिए गांधी जी से अच्छा उदाहरण और कुछ नहीं हो सकता –
Story on Anushasan : अनुशासन पर हिंदी कहानी
यह बात उस दौरान की है जब गांधीजी के आश्रम में सभी लोग एक साथ रसोईघर में बैठकर खाना खाते थे और सबके साथ गांधीजी भी खाते थे |
किन्तु भोजनालय का एक नियम था कि जो व्यक्ति भोजन आरंभ होने से पहले भोजनालय में नहीं पहुचता था उसे अपनी बारी के लिए बरामदे में इंतजार करना पड़ता था | क्योंकि भोजन प्रारम्भ होते ही रसोईघर के दरवाजे को बंद कर दिया जाता था ताकि समय से न आने वाला व्यक्ति अन्दर न आने पाए |
संयोगवश एक दिन गांधीजी को पहुंचने में कुछ क्षणों का विलम्ब हो गया और तब तक रसोई घर का दरवाजा बंद हो चूका था | बापू जी दरवाजे पर ही खड़े होकर प्रतीक्षा करने लगे | उनके एक मित्र ने देखा कि वह रसोई घर के दरवाजे के बाहर खड़े है और वहां बैठने के लिए कोई कुर्सी भी नहीं है |
उन्होंने गांधीजी के पास आकर मुस्कुराते हुए कहा कि बापूजी आज तो आप भी गुनहगारों के कठघरें में आ गए |
इस पर गांधीजी बोले “ भई ,अनुशासन का पालन करना तो सबका कर्तव्य होता हैं तो मेरा क्यों नहीं”
तब मित्र ने कहा “ आप के लिए कुर्सी ले आता हूँ | ”
गांधीजी ने जबाब दिया “ कुर्सी की जरुरत नहीं है | मैंने अनुशासन का उलंघन किया है इसलिए मुझे भी सजा पूरी ही भुगतनी चाहिए | जैसे देर से आने वाले और लोग बरामदे में खड़े होते है , वैसे ही मैं भी खड़ा रहूंगा | ”
Moral of the Hindi Story on Discipline
- गांधीजी अनुशासन का सबसे अच्छा रूप आत्मानुशासन को मानते थे क्योंकि आत्मानुशासन से व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में समायोजन कर लेता है |
- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर हमें जीवन में सफल होना है तो इसके लिए सबसे पहले अपने आप पर विजय पानी होगी अर्थात स्व – अनुशासन का पालन करना होगा |
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Good
अनुशासन ही व्यक्ति को सफल बनाता है
अनुशासन सभी लोगों के लिए ज़रूरी होता है ,अनुशासन की सीख महात्मा गान्धी जी से लेनी चाहिए,महात्मा गांधी जी अनुशासन के अच्छे स्रोत है,
Anushasan sabke lie jaruri h. Kyonki anushasan ke abhav me insaan ki urja bikhar sakti hai.very nice post
आत्मानुशासन से ही व्यक्ति की पहचान बनती है | Thanks.
Achhi kahani hai
thanks