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संस्कार के बिना सब बेकार प्रेरक कहानी – Inspirational Story On Shishtachar for Kids in Hindi

संस्कार और शिष्टाचार के बिना सब बेकार कहानी (Inspirational Story on Shishtachar for Kids in Hindi)

Story on Shishtachar in Hindi - Sanskar
Story on Shishtachar in Hindi – Sanskar
Story on Shishtachar in Hindi – छोटी-छोटी घटनाएं या रोचक कहानियां बच्चों को कुछ सिखाने या समझाने में बहुत मददगार होती है। बच्चों को सुनाने के लिए यहां शिष्टाचार पर एक बहुत ही अच्छी कहानी उपलब्ध करा रही हूं। ऐसा देखा गया है कि अच्छी आदतें तथा शिष्टाचार किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। शिष्टाचार ही मनुष्य के व्यक्तित्व का दर्पण होता है। मनुष्य अपने शब्द व्यवहार तथा शिष्टाचार से ही किसी दूसरे व्यक्ति पर अपना प्रभाव छोड़ सकता है। शिष्टाचार के बिना व्यक्ति का जीवन अभिशप्त है। उम्मीद करती हूं कि इस कहानी से बच्चे अच्छे शिष्टाचार के महत्व से जरूर रूबरू होंगे।
एक दुकानदार को नौकर की सख्त जरुरत थी। उसने अपने मिलने – जुलने वालों से कह भी रखा था कि कोई पढ़ा – लिखा, ईमानदार आदमी मिल जाए तो मेरी दूकान के लिए बताना, क्योंकि अकेला हूँ।  जब कभी बाहर सामान लेने जाता हूँ या अन्य किसी काम से इधर – उधर जाता हूँ तो दूकान बंद करनी पड़ती है। ग्राहक और मौत का क्या ठिकाना कब आए और लौट जाए ?
कुछ दिन बाद ही एक मित्र एक युवक को साथ लेकर दुकान पर पहुँचा। वह युवक परेशानियों का मारा हुआ था। डिग्री होने के बावजूद भी उसे कोई नौकरी नहीं मिल पा रही थी। दुकान के मालिक ने उसकी योग्यता के संबंध में पूछा तो उसने पूरा विवरण बता दिया। 
मालिक ने उस लड़के से कहा “ ठीक है। अभी आप अपने घर जाइये। मैं सोचकर उत्तर दूँगा और आप के घर सूचना भिजवा दूँगा।” युवक निराश होकर अपने घर की तरफ चलता बना। 
युवक के जाने के बाद मित्र ने दुकानदार से पूछा – “ भैया, आपको व्यापार के लिए एक व्यक्ति की सख्त जरुरत थी, इसलिए मैं उस युवक को आप के पास लाया था। मेरी दृष्टि में वह युवक परिश्रमी, ईमानदार और पढ़ा – लिखा है, पर आप ने उसे टाल दिया। 
दुकानदार ने कहाँ “भाईसाहब, मैं आप से क्या कहूँ ? उसमें एक कमी थी। मेरे प्रश्नों का उत्तर उसने दिया तो, पर श्रीमान्, महोदय जी और साहब जैसे शिष्टतासूचक शब्दों का कही प्रयोग नहीं किया। व्यापार की सारी सफलताएँ शिष्ट व्यवहार पर ही आधारित है। शिष्टता के अभाव में तो मेरा सारा व्यापार ही चौपट हो जायेगा।”
Moral of Inspirational Hindi Story :  A man’s manners are a mirror in which he shows his portrait. यानि शिष्टताचार ही मनुष्य के व्यक्तित्व का आईना होते है। 

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Babita Singh
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12 thoughts on “संस्कार के बिना सब बेकार प्रेरक कहानी – Inspirational Story On Shishtachar for Kids in Hindi

    1. Deewakar जी , बिलकुल सही कहा आपने शिष्टाचार हम सभी के लिए बहुत जरुरी है |

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