प्रदूषण मुक्त दिवाली पर निबंध | Essay on Eco Friendly Diwali In Hindi | प्रदूषण रहित दिवाली पर निबंध
Pollution free diwali essay in hindi | Diwali without crackers essay in hindi | Eco Friendly Diwali Essay in Hindi
Eco Friendly Diwali in Hindi – दीवाली का त्यौहार भारत में बहुत ही हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन ज्योति के महासागर में पूरा देश अनेक असंख्य दीपकों और लड़ियों से जगमगाता है। लोग अपनी खुशियों का इजहार पटाखों से भी करते है। लेकिन इन पटाखों से कितना प्रदूषण फैलता है क्या आप को पता है ? इतना ही नहीं पटाखों की वजह से अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। पटाखों के विषैले धुएँ से मरीजों को सबसे अधिक दिक्कत होती है। इसके अलावा आम दिनों में जितना प्रदुषण कई महीनों में होता है उतना प्रदूषण दीवाली के दिन होता है।
कुछ लोगो का ये भी कहना होता है कि पटाखों के अलावा और अन्य कई ऐसी चीजें भी है जिसने प्रदूषण फैलता है। हाँ आप की बात बिल्कुल सही है, बेशक सिर्फ पटाखों से प्रदूषण नहीं फैलता, लेकिन हर साल दीपावली से पहले कई वजहों से प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि उस पर अंकुश लगाना आवश्यक हो जाता है। यानि हमारी प्रकृति, पर्यावरण और मानव इस स्थिति में नहीं हैं कि ये बढ़ते प्रदूषण का दबाव सह सके।
आज पटाखों और प्रदूषण को लेकर एक अलग तरह की विचार – प्रक्रिया है और हमें पता है कि दिल्ली – एनसीआर ही नहीं, पूरी दुनिया में प्रदूषण का क्या स्तर है। संसार भर में इस मुद्दे पर एक नई तरह की जागरूकता है। बड़े होते हुए मैंने बीते 10-12 साल में बहुत कुछ बदलते देखा है। अब हम बड़े हो चुके हैं और पता है कि क्या सही है और क्या गलत। जिम्मेदारी का भी एहसास है। हमें पता है कि दुनिया को प्रदूषण मुक्त और खूबसूरत बनाने के लिए कैसे योगदान कर सकते हैं।
आज लोग इन बातों से वाकिफ हैं और वे अपने आस – पास के पर्यावरण के हक में खड़े हो रहे हैं। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या अब भी कम है। वर्तमान में पटाखों के दाम भी आसमान छू रहे हैं जो हमारे monthly budget को भी हिला देता है। जो पटाखे आज से 10 साल पहले 10 रुपए में मिल जाते थे उनके दाम अब 70 से 80 रुपए तक पहुँच गए है। आज से 10 साल पहले जो लोग झोले भर – भर के पटाखे फोड़ते थे उनको भी इस महंगाई के दौर में कुछ डिब्बों से ही संतोष करना पड़ता है।
यह भी बात बिल्कुल सही है कि पटाखों को फोड़ने से जितना नुकसान होता है उससे कही ज्यादा इसे न फोड़ने से लाभ होता है। इसलिए जिस प्रकार रौशनी का पर्याय दीपक अपना सर्वस्व जलाकर, अपने प्राणों को बिखेरकर, पुरे आशा तथा उमंग के साथ जलता है वैसे ही क्यों न हम लोग भी थोड़ी सूझ – बूझ के साथ इस बार प्रदूषण रहित दीवाली मनाने की ज्योति जलाए।
यह काम मुश्किल नहीं है आप थोड़ी सूझ बूझ और समझदारी से प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने की कोशिश कर, दिवाली की खुशियों को दोगुनी कर सकते है। चूकी दिवाली रौशनी का त्यौहार है इसलिए सबसे अच्छा विकल्प यह हो सकता है कि पटाखे न ही खरीदे। पटाखे न खरीदने का फैसला आपका जेब खर्च बचाने के साथ – साथ पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी आपका योगदान होगा। पर कभी – कभी परिवार की खुशी के लिए या बच्चों के जिद करने पर पटाखे खरीदने पड़ जाते है। लेकिन कुछ ऐसे भी तरीके है जिन्हें अपनाकर पटाखों (Crackers) पर होने वाले खर्चो को बचाकर दिवाली का आन्दोत्सव पर्व मनाया जा सकता है।
तो आयिए जानते है कि पैसे बचाकर कैसे मनाएं खुशियों से भरपूर इको फ्रेंडली दिवाली – 5 Ways To Become Eco Friendly (Pradushan Rahit Diwali) & Save Money this Diwali In Hindi
अपनी जरूरत को समझें
आखिरी समय में करें खरीदारी
सामूहिक रूप से पटाखे जलाए
दूसरों को पटाखे जलाते हुए देख हो आनन्दित
हर इंसान की आर्थिक स्थिति एक समान नहीं होती है। किसी के पास पटाखों को खरीदने के लिए पैसे होते है लेकिन समय नहीं होता तो कहीं किसी के पास समय होता है तो पैसा नहीं होता है। लेकिन समझदारी तो यही है कि कोई भी अपनी मेहनत की कमाई को बर्बाद नहीं करना चाहेगा।
इसलिए आप चाहे पटाखे खरीद सके या न खरीद से पर जेब बचत का एक अच्छा तरीका हो सकता है कि आप दूसरों को पटाखे जलाते हुए भी तो देखकर आनंदित हो सकते है। उसके लिए आपको कोई नहीं रोक सकता है। कुछ पटाखे तो ऐसे होते है जो ऊपर आसमान में जगमगाते है और सभी के मन को मोहने वाले होते है।
अवैध आतिशबाजी से बचे
Diwali में कुछ सावधानियां :
- पटाखों को किसी खुली जगह पर ही जलाएं।
- पटाखों को दूर से ही जलाए। बेहतर होगा कि किसी लम्बे डंडे में मोमबत्ती या अगरबत्ती बांध कर पटाखों को जलाएं।
- बच्चो को अकेले पटाखे न जलाने दे।
- किसी अकस्मात घटना के समय उपयोग करने हेतु 2-3 बाल्टी पानी का इन्तेजाम रखे।
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