निराशा से निकलने और खुद को Motivate करने के 10तरीके
निराशा कैसे दूर करे : जीवन में स्थितियां जब कभी इच्छा के अनुकूल नहीं होती है तो हमारा मन निराश हो जाता है। कई बार तो परेशानियां जीवन को दुखी नहीं बनाती, बल्कि हमारा नजरिया उसे मुश्किल बना देता है। यह सब अपने साथ निराशा, अकेलापन और कई तरह की गंभीर समस्याएं लाती है।
अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा कहती हैं, ‘जिंदगी हमेशा सुविधाजनक नहीं होती। ना ही एक साथ सभी समस्याएं हल हो सकती हैं। इतिहास गवाह है कि साहस दूसरों को प्रेरित करता है और उम्मीद जिंदगी में अपना रास्ता स्वयं तलाश लेती है।’ मेरे कहने का अभिप्राय यह है कि निराशा हर किसी के लिए परेशानी की बहुत बड़ी वजह है। कई बार निराशा के कारण सुझता ही नहीं कि क्या करें ? पर निराश होने के बजाय अपनी गलतियों से सीख लेते हुए हमें आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि समस्या उतनी ही बड़ी होती है, जितनी बड़ी जगह उसे हम अपने मन में देते है।
लेकिन समस्या छोटी – बड़ी जैसी भी हो हमारा मन निराश तो होता ही है। और यह सामान्य मानसिक प्रतिक्रिया है। पर समस्याएं जब बड़ी हो तो निराशा होती ही है। एक के बाद एक मुसीबतें आपके आत्मविश्वास को हिलाने लगती है। लेकिन निराशा में आशा का साथ कभी न छोड़े। क्योंकि उम्मीद पर ही तो दुनिया कायम है।
निराशा में आशा
निराशा से बाहर निकलने के कई ऐसे तरीके है जिनसे आप खुद में उत्साह को बलवती कर सकते है। आज मैं आप से कुछ ऐसे उपायों के बारे में बातें करूंगी जो आप की निराशा में आशा को बरकरार रखने में आप की मदद कर सकता है।
आत्मविश्वास को रखें बरकरार
निराशा की मन:स्थिति में अपने आत्मविश्वास को कमजोर न पड़ने दे। अपने आत्मविश्वास को दोबारा जगाने के लिए खुद को याद दिलाएं कि बुरे दौर से बाहर आने का आपका ट्रैक रिकार्ड इतना भी बुरा नहीं है। अतीत की अच्छी बातों और सफलताओं को याद करें। इससे आपके मन में निराशा में आशा का विश्वास जागेगा की मैं यह कार्य अच्छी तरह से कर सकता हूँ।
रुके जरुर, पर भाग खड़े न हो
अश्वेतों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले विश्व प्रसिद्ध नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर कहते है“ अगर आप उड़ नहीं सकते तो दौड़े। दौड़ नहीं सकते तो पैदल चलें। पैदल नहीं चल सकते तो रेगना शुरू करें। जो भी करें लेकिन आगे बढ़ते रहें। ” कहने का अभिप्राय यह है कि थोड़ा थमना एक हथियार है, जिसे अधिकतर योद्धा इस्तेमाल करना भूल जाते है। जिंदगी हमारे हिसाब से नहीं चलती है। इसलिए जब आप को लगे कि सबकुछ गड़बड़ हो रहा है और कोई रास्ता भी नहीं सूझ रहा है तो ऐसे मौकों पर रुकने में कोई बुराई नहीं है पर मुश्किलों के आने पर रुके जरुर बशर्ते खुद को संभालकर आगे बढ़ने के लिए।
शांत मन से सोचे
अगर कभी किसी नाकामी की वजह से आपका मन निराश हो तो शांत मन से सोचें कि किस गलती की वजह से आपको असफलता मिली है। फिर उसमें सुधार लाने की कोशिश करें।
दुःख को दूसरों से share करें
दुःख हर तरह के लोगों के जीवन में आता है। इस वजह से अपने – आप को न कोसे बल्कि करीबी लोगों से मन की बातें शेयर करें। दुख बाटने से मन हल्का हो जाता है। जरुरत पड़े तो दूसरों से सलाह भी लें। कभी – कभी दूसरों की सलाह भी निराशा दूर करने में मददगार साबित होती है।
अच्छी किताबें पढ़े
जब भी निराशा महसूस हो तो अच्छी प्रेरणादायक किताबें पढ़े। दुःख के दिनों में books आपकी सबसे अच्छी दोस्त बन सकती है।
दिनचर्या को व्यवस्थित रखें
स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का विकास होता है। इसलिए अपने मन से नकारात्मक भावना को दूर करने के लिए नियमित योगाभ्यास और ध्यान करें। आप अपनी रूचि के अनुसार कोई अन्य काम भी कर सकते है।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि दिन और रात की तरह जीवन में भी अच्छे – बुरे दौर का आना – जाना चलता रहता है। इसलिए हमें उम्मीदों का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए। आखिर में मैं आप से ये चंद लाइने कहना चाहूंगी कि
“मेरा यह अंदाज इस जमाने को खलता है,
कि इतनी मुश्किलों के बाद भी ये टूटता क्यों नहीं ।”
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12 thoughts on “निराशा को कैसे दूर करे, ये है अचूक उपाय”
आपका शायरी संग्रह नहुत ही अच्छा है… आगे भी पोस्ट करते रहिये..
आपका शायरी संग्रह नहुत ही अच्छा है…
आगे भी पोस्ट करते रहिये..
अति सुन्दर
Thanks Amit ji.
सुन्दर आलेख ।
धन्यवाद सुशील जी |
बहुत ही अच्छा लेख ।
धन्यवाद शुभा जी |
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 28 नवम्बर 2016 को लिंक की गई है…. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा….धन्यवाद!
Thank you so much Yashoda ji.
Amazing post and good motivational thought.
bahut hi achha thanks for sharing this post
प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद |