डायबिटीज के कारण लक्षण एवं उपचार (Diabetes /sugar causes symptoms and treatment in hindi)
Diabetes in hindi : डायबिटीज जिसे ‘चिनियाँ पेशाब’ (Diabetes Mellitus) भी कहते हैं, शरीर में इंसुलिन हॉर्मोन के अल्प स्रावण की वजह से होता है | डायबिटीज बीमारी के बारे में कहा जाता है कि एक बार जब यह रोग लग जाता है तो इससे मुक्ति पाना आसान नहीं होता है | अत: यह जीवनपर्यन्त चलने वाला रोग है |
यह रोग किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है | परन्तु 50-60 वर्ष की उम्र में इस रोग के होने की सम्भावना बहुत अधिक बढ़ जाती है | चौकाने वाली बात तो यह है कि Diabetes आज केवल महिलाओं और पुरुषों को नहीं यह बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है और इसका सबसे अधिक खतरा शहरों में रहने वाले लोगों को होता है क्योंकि इस भाग – दौड़ वाली जिंदगी में लोगों की लाइफ स्टाइल भी तेजी से बदल रही है |
डायबिटीज के कारण (Diabetes Ke Karan / causes in hindi)

इंसुलिन का निर्माण अग्नाशय (Pancreas) में होता है और इसका कार्य रक्त में ग्लूकोज पर नियंत्रण करना होता है लेकिन जब अग्नाशय (Pancreas) ख़राब होता है तो अग्नाशय की कोशिकाएं पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन हार्मोन का निर्माण नहीं करती है | इस स्थिति में जब इंसुलिन की कमी होती है तब ग्लूकोज पेशाब द्वारा निकलने लगता है, जिससे रोगी को पर्याप्त मात्रा में उर्जा नहीं मिल पाती है और व्यक्ति को डायबिटीज रोग हो जाता है |
*****************************************************************************************
दोस्तों CA Ashish Gupta जी द्वारा लिखी
FREE e – book “ पैसे का पेड़ कैसे लगाए ” पाने के लिए यहाँ Click करे
*****************************************************************************************
अधिकतर मामलों में डायबिटीज होने का मुख्य कारण इंसुलिन के अल्प स्रावण की भूमिका मानी जाती है जबकि कई बार तो इंसुलिन के स्रावण में कोई कमी नहीं होती है फिर भी उसके प्रभाव में कमी होने पर यह रोग हो जाता है |
डायबिटीज के जोखिम कारक
वर्तमान में तो डायबिटीज होने के जोखिम कारकों में ज्यादातर मामले लोगों की बदलती lifestyle और खानपान को पाया गया है | शारीरिक रूप से बढ़ती निष्क्रियता भी डायबिटीज होने की एक मुख्य वजह है | कई मामलों में डायबिटीज अनुवांशिक भी होती है | अगर गर्भावस्था के दौरान रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है तो भी डायबिटीज होने का जोखिम होता है |
इसके अलावा समय पर खाना ना खा पाना, बहुत अधिक junk food का सेवन करना, High blood pressure और कोलेस्ट्रोल नियंत्रित न होना, बहुत अधिक मीठा खाना, नियमित रूप से बाहर का खाना, पानी बहुत कम पीना, व्यायाम ना करना, शारीरिक रूप से निष्क्रिय होना, खाने के बाद तुरंत सो जाने आदि वजहे भी डायबिटीज की आशंका बढ़ा जाती है |
डायबिटीज के लक्षण (Diabetes symptoms in hindi)
प्रारम्भिक अवस्था के डायबिटीज में अधिक भूख, मुंह से सूखापन और अधिक प्यास लगती है तथा जल्दी – जल्दी पेशाब लगती है | डॉक्टरी जांच के बाद ही रोग पूरी तरह स्पष्ट होता है | मोटे व्यक्तियों में या एक जगह पर बैठकर काम करने वाले व्यक्तियों में मधुमेह होने का अधिक खतरा होता है अत: जैसे ही निम्न लक्षण देखे तुरंत डॉक्टर से सलाह लें –
1- शारीरिक कमजोरी जैसे – हाथ – पैरों में कपकपी होना, कंधो में दर्द या अकड़न महसूस होना |
2- छोटी – सी खरोंच लगने पर जख्म हो जाना, जख्म का देर से भरना |
3- आंखों से कम दिखने लगना या धुंधला दिखना |
4- चीजें रखकर भूल जाना या फिर बातें भूल जाना |
5- कम सुनाई देना या बहरेपन की शिकायत जैसी समस्या हो सकती है |
6- मसूड़ों में सूजन भी हो सकता है |
7- Diabetes के दौरान मोटापा बढ़ने लगता है, लेकिन डायबिटीज से ग्रस्त कुछ लोगों का वजन कम भी होने लगता है |
डायबिटीज का स्वास्थ्य पर लक्षण एवं प्रभाव (Symptoms & Effects of diabetes in hindi)
आँखें –
डायबिटीज में आँखे खराब हो जाती है और व्यस्को में अंधेपन का मुख्य कारण पाया जाता है |
गुर्दा (किडनी) –
उच्च रक्त में ग्लूकोज की अधिकता से गुर्दे का रोग हो सकता है |
नसें –
डायबिटीज की सामान्य जटिलताओं में शरीर में फैली नसों का क्षतिग्रस्त होना है |
पैर –
डायबिटीज के मरीजों में शरीर के निचले भाग (lower extremities) में रक्त प्रवाह कम हो जाता है | इसलिए चोट लगने पर वह जल्दी ठीक नहीं होता है |
हृदय –
डायबिटीज प्रकार 2 के रोगियों में दांत की बीमारी और रक्त वाहिनियों की बीमारी मृत्यु का कारण बनता है |
दांत –
डायबिटीज के मरीजों को अक्सर मसूड़ों की परेशानियों का सामना करना पड़ता है |
त्वचा की समस्याएं –
डायबिटीज त्वचा पर खुजली और त्वचा संक्रमण जैसी समस्याएं होती है |
डायबिटीज का उपचार (How to Control Diabetes in hindi )
मधुमेह के रोगी को नियमित भोजन करना चाहिए | मिठाइयाँ, आलू, साबूदाना इत्यादि अधिक कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ कम से कम खाना चाहिए | चाय, काफी इत्यादि बिना चीनी के पीना चाहिए |
रोगी को हमेशा इंसुलिन का इंजेक्शन लेते रहना चाहिए | यह इंजेक्शन रोगी को खुद लेने की कला सीख लेनी चाहिए ताकि इमरजेंसी होने पर वह स्वयं इंजेक्शन लगा सके |
डायबिटीज रोग का कोई स्थायी उपचार नहीं है, परन्तु इसे कुछ हद तक नियंत्रित रखा जा सकता है | डायबिटीज के बारे में शक होते ही जल्दी से खून और पेशाब की जॉच करवाकर इस रोग के बारे में जानना चाहिए | अगर शुरुआत में ही इस रोग के बारे में मालूम हो जाए तो किसी अच्छे चिकित्सक की सलाह से दवाइयों, खाने – पीने और रहन – सहन में बदलाव लाकर दृढ इच्छाशक्ति, मनोबल, उत्साह एवं सहयोग से Diabetes को काबू में किया जा सकता है |
शुगर को बढ़ने से रोकने तथा उसे जड़ से खत्म करने के लिए निम्न उपायों को अपनाएं –
- स्वस्थ lifestyle अपनाएं |
- नियमित रूप से व्यायाम करें |
- संतुलित भोजन लें |
- अधिक से अधिक सक्रिय रहें |
- अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें और पानी पीएं |
- एल्कोहल, तम्बाकू और नशीले पदार्थों से दूर रहें |
- समय – समय पर sugar की जांच करवाएं |
निवदेन – Friends अगर आपको ‘डायबिटीज कारण, लक्षण व उपचार‘ पर लेख अच्छा लगा हो तो इसे जरुर share कीजियेगा और हाँ हमारा free email subscription जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं |
धन्यवाद बबिता जी आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दिया है सबको , यह लेख सभी लोगों के लिए उपयोगी है।